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लॉकडाउनः भीख मांगकर गुजारा करने वालों के सामने भोजन का संकट - भिखारियों के सामने खाने का संकट

लॉकडाउन के चलते छिंदवाड़ा में गरीब और बेसहारा लोगों के सामने खाने के लाले पड़ गए हैं. भीख मांगकर गुजारा करने वाले ये लोग भूखे पेट सोने को मजबूर हैं.

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बेसहारा लोगों के सामने भोजन का संकट
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Published : Mar 28, 2020, 12:05 AM IST

छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की गई है. ऐसे में भीख मांग कर गुजारा करने वालों के सामने खाने की समस्या पैदा हो गई है. लॉकडाउन की वजह से मार्केट बंद है, जिससे उन्हें कहीं से मदद नहीं मिल पा रही है.

बेसहारा लोगों के सामने भोजन का संकट

फुटपाथ पर रहने वाले इन बेसहारा लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते भूखे पेट ही सोना पड़ता है. वहीं एसडीएम अतुल सिंह ने कहा है कि ऐसे लोगों के लिए प्रशासन की तरफ से रोज करीब तीन सौ फूड पैकेट बांटे जा रहे हैं. ताकि उन्हें भूखा न रहना पड़े.

इन बेसहारा लोगों भले ही प्रशासन फूड पैकेट बांटकर भूख मिटा दे, लेकिन इन पर कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बना रहता है. इनके पास न तो रहने के लिए घर है और न ही मेडिकल सुविधा.

छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस के चलते पूरे देश में 21 दिनों के लॉकडाउन की घोषणा की गई है. ऐसे में भीख मांग कर गुजारा करने वालों के सामने खाने की समस्या पैदा हो गई है. लॉकडाउन की वजह से मार्केट बंद है, जिससे उन्हें कहीं से मदद नहीं मिल पा रही है.

बेसहारा लोगों के सामने भोजन का संकट

फुटपाथ पर रहने वाले इन बेसहारा लोगों का कहना है कि लॉकडाउन के चलते भूखे पेट ही सोना पड़ता है. वहीं एसडीएम अतुल सिंह ने कहा है कि ऐसे लोगों के लिए प्रशासन की तरफ से रोज करीब तीन सौ फूड पैकेट बांटे जा रहे हैं. ताकि उन्हें भूखा न रहना पड़े.

इन बेसहारा लोगों भले ही प्रशासन फूड पैकेट बांटकर भूख मिटा दे, लेकिन इन पर कोरोना वायरस के संक्रमण का खतरा बना रहता है. इनके पास न तो रहने के लिए घर है और न ही मेडिकल सुविधा.

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