छिंदवाड़ा। 21 जून को मनाए जाने वाला अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है. वहीं योग दिवस मनाने के लिए लोग ऑनलाइन योगाभ्यास कर रहे हैं. पांच हजार सालों से योग भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है. योग न केवल आपके शरीर को रोगों से दूर रखता है, बल्कि आपके मन को भी शांत रखने का काम करता है. दुनिया के करीब 145 देशों में सहज योग किया जाता है और जिसके करोड़ों साधक हैं. सहज योग की स्थापना करने वाली और दुनिया भर में छिंदवाड़ा को अलग पहचान दिलाने वाली निर्मला देवी के आश्रम में भी सहज योग किया जाएगा.
छिंदवाड़ा में 21 मार्च 1923 को जन्मी निर्मला देवी साल्वे परिवार में हुआ था इनके पिता पेशे से वकील थे. बाद में उनका परिवार नागपुर जाकर बस गया. इस दौरान निर्मला देवी का विवाह सीपी श्रीवास्तव से हुआ. सीपी श्रीवास्तव लाल बहादुर शास्त्री के प्रमुख सचिव रह चुके हैं. जो ताशकंद समझौता के दौरान लाल बहादुर शास्त्री के साथ ही थे.
गुजरात के नारगोल से सहज योग की हुई शुरुआत
5 मई 1970 को माताजी निर्मला देवी को गुजरात के नारगोलिक में एक धार्मिक कार्यक्रम में बुलाया गया था. जहां पर माताजी को लगा कि लोगों को धर्म के नाम पर अलग-अलग तरीके से भ्रमित किया जाता है. इसलिए उन्होंने समुद्र के किनारे बैठ कर ध्यान शुरू किया और एक साथ ज्यादा से ज्यादा लोगों को योग के माध्यम से परमात्मा से मिलाने की क्रिया शुरू की.
विश्व के 145 देशों में सहज योग के करोड़ों साधक
सहज योग विश्व के करीब 145 देशों में फैला हुआ है जिसमें करोड़ों साधक इस योग को करते हैं. माता जी के जन्म दिवस 21 जून के दिन देश के इन देशों से लोग आते हैं और छिंदवाड़ा में जन्मदिन का कार्यक्रम धूमधाम से मनाया जाता है. 2005 में फिर से ट्रस्ट ने खरीदा जन्मस्थली वाला मकानमाताजी निर्मला देवी का जन्म छिंदवाड़ा में हुआ लेकिन बाद में परिवार नागपुर में जाकर बस गया था और छिंदवाड़ा में जन्म स्थान वाला मकान किसी दूसरे व्यक्ति को बेच दिया गया था. 2005 में ट्रस्ट ने फिर से जन्म स्थली वाले मकान को खरीदा और 2008 में खुद माताजी ने यहां पर आकर आश्रम की शुरुआत की थी. जन्म स्थान के मूल रूप से नहीं की गई कोई छेड़छाड़ आज भी मौजूद है सारे प्रमाण.
सहज योग की जन्म दात्री निर्मला देवी का जहां पर जन्म हुआ उस घर के मूल रूप में कोई छेड़छाड़ नहीं की गई है. हालांकि काफी पुराना होने की वजह से दुरुस्त कराया गया लेकिन कवेलू से लेकर फर्श पर लगे पत्थर आज भी वही है. साधकों का कहना है कि जिस घर में माता जी खाली पर चली उनका स्पर्श और वाइब्रेशन आज भी उन्हें महसूस होता है.
फेमस वकील हरीश साल्वे की माताजी निर्मला देवी थी बुआ
माताजी निर्मला देवी का परिवार उच्च शिक्षित और प्रशासनिक परिवेश का है. पिता खुद हाईकोर्ट के वकील थे तो वही इनकी शादी तत्कालीन आईसीएस सर सीपी श्रीवास्तव से हुई जो भारत के प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के प्रमुख सचिव थे और ताशकंद समझौते के दौरान प्रधानमंत्री के साथ ही पीछे खड़े नजर आए थे, साथ ही फिलहाल में देश के प्रमुख वकील हरीश साल्वे माता निर्मला देवी के सगे भतीजे हैं.