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सब्जी का परिवहन नहीं होने से भारी नुकसान, नहीं निकल पा रही किसान की लागत - फसल खराब

लॉकडाउन के चलते सब्जियों का परिवहन नहीं होने से किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है. लागत नहीं निकलने से किसानों ने सब्जियों को खेतों में ही सड़ने को छोड़ दिया है.

Vegetables are rotting in the fields
खेतों में सड़ रही सब्जी
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Published : Jun 7, 2020, 4:46 AM IST

छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस से बचाव करने के लिए लगे लॉकडाउन ने किसानों की कमर तोड़ दी है. बाजार बंद होने से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं. कई किसानों के खेत में लगी हरी सब्जियां, टमाटर, पत्तागोभी सहित अन्य मौसमी सब्जियां खेत में ही बर्बाद हो गई हैं.

खेतों में सड़ रही सब्जी

खेतों में ही सड़ रही पत्ता गोभी

छिंदवाड़ा जिले में सब्जी का उत्पादन करने वाले किसान अविनाश का कहना है कि लॉकडाउन के चलते परिवहन के लिए साधन उपलब्ध नहीं हो पा रहा हैं और सब्जी, मंडियों तक नहीं पहुंच पाने से खेतों में ही खराब हो रही है. सब्जियों का उचित मूल्य भी नहीं निकल पा रहा है. कई किसानों ने सब्जियों की सही कीमत नहीं मिलने से उन्हें खेत में ही लगी छोड़ दी और अब खेतों में ही सड़ चुकी हैं. इसी के चलते छिंदवाड़ा के सब्जी उत्पादक किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

नहीं निकल रही लागत

किसान का कहना है कि उसने अपने खेत में पत्ता गोभी सहित 10 एकड़ जमीन में हरी सब्जियां लगाईं थी, सब्जियों के बीज 50 हजार रुपए के आए थे. लॉकडाउन के पहले कुछ सब्जियां बेच दीं, लेकिन लॉकडाउन के बाद सब्जियां नहीं बिक पाईं. किसान ने बताया कि उसे सिर्फ 8 हजार रुपए ही मिल पाए हैं. सब्जी उगाने वाले किसान ने बताया कि उसकी सब्जियां सिर्फ छिंदवाड़ा ही नहीं बल्कि अन्य जिले और राज्यों में भी जाती हैं, लेकिन परिवहन के लिए कोई वाहन ही नहीं मिले और सब्जी अन्य राज्यों में नहीं जा सकी, लॉकडाउन के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा फायदा तो दूर इन किसानों की लागत तक नहीं निकल पाई है.

छिंदवाड़ा। कोरोना वायरस से बचाव करने के लिए लगे लॉकडाउन ने किसानों की कमर तोड़ दी है. बाजार बंद होने से किसानों की फसलें बर्बाद हो रही हैं. कई किसानों के खेत में लगी हरी सब्जियां, टमाटर, पत्तागोभी सहित अन्य मौसमी सब्जियां खेत में ही बर्बाद हो गई हैं.

खेतों में सड़ रही सब्जी

खेतों में ही सड़ रही पत्ता गोभी

छिंदवाड़ा जिले में सब्जी का उत्पादन करने वाले किसान अविनाश का कहना है कि लॉकडाउन के चलते परिवहन के लिए साधन उपलब्ध नहीं हो पा रहा हैं और सब्जी, मंडियों तक नहीं पहुंच पाने से खेतों में ही खराब हो रही है. सब्जियों का उचित मूल्य भी नहीं निकल पा रहा है. कई किसानों ने सब्जियों की सही कीमत नहीं मिलने से उन्हें खेत में ही लगी छोड़ दी और अब खेतों में ही सड़ चुकी हैं. इसी के चलते छिंदवाड़ा के सब्जी उत्पादक किसानों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ रहा है.

नहीं निकल रही लागत

किसान का कहना है कि उसने अपने खेत में पत्ता गोभी सहित 10 एकड़ जमीन में हरी सब्जियां लगाईं थी, सब्जियों के बीज 50 हजार रुपए के आए थे. लॉकडाउन के पहले कुछ सब्जियां बेच दीं, लेकिन लॉकडाउन के बाद सब्जियां नहीं बिक पाईं. किसान ने बताया कि उसे सिर्फ 8 हजार रुपए ही मिल पाए हैं. सब्जी उगाने वाले किसान ने बताया कि उसकी सब्जियां सिर्फ छिंदवाड़ा ही नहीं बल्कि अन्य जिले और राज्यों में भी जाती हैं, लेकिन परिवहन के लिए कोई वाहन ही नहीं मिले और सब्जी अन्य राज्यों में नहीं जा सकी, लॉकडाउन के कारण किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा फायदा तो दूर इन किसानों की लागत तक नहीं निकल पाई है.

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