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पथरीली खेती से मौसम ने की बेवफाई, पत्थर दिल सरकार भी नहीं ले रही किसानों की सुध

छिंदवाड़ा में मक्के की फसल बर्बाद होने की वजह से किसान परेशान हैं. न तो फसलों का सर्वे कराया जा रहा है और न ही मुआवजा मिल रहा है.

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Published : Nov 17, 2019, 2:03 PM IST

Updated : Nov 17, 2019, 3:31 PM IST

मक्के की फसल बर्बाद

छिंदवाड़ा। परासिया विधानसभा क्षेत्र के लोना पठार गांव के मजबूर किसान पथरीली जमीन पर मक्के की फसल उगा रहे हैं, जहां उन्हें प्राकृतिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है.

किसान एक तरफ जहां पथरीली जमीन पर खेती करते हैं तो वहीं मौसम की मार भी झेलनी पड़ती है, जिससे अधिकांश मक्के की फसल खराब हो गई. अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का अभी तक सर्वे भी नहीं कराया गया है, जिसके चलते मुआवजा भी नहीं मिल रहा है, जिसके चलते घर चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

मक्के की फसल बर्बाद होने से किसान परेशान

किसान अनक लाल उइके का कहना है कि इतनी फसल बर्बाद होने के बाद भी कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. उनका कहना है कि सरकारी राहत तो दूर की बात है, यहां अधिकारी और पटवारी तक नहीं आते.

छिंदवाड़ा। परासिया विधानसभा क्षेत्र के लोना पठार गांव के मजबूर किसान पथरीली जमीन पर मक्के की फसल उगा रहे हैं, जहां उन्हें प्राकृतिक समस्याओं से जूझना पड़ रहा है.

किसान एक तरफ जहां पथरीली जमीन पर खेती करते हैं तो वहीं मौसम की मार भी झेलनी पड़ती है, जिससे अधिकांश मक्के की फसल खराब हो गई. अतिवृष्टि से बर्बाद हुई फसलों का अभी तक सर्वे भी नहीं कराया गया है, जिसके चलते मुआवजा भी नहीं मिल रहा है, जिसके चलते घर चलाने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

मक्के की फसल बर्बाद होने से किसान परेशान

किसान अनक लाल उइके का कहना है कि इतनी फसल बर्बाद होने के बाद भी कोई इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. उनका कहना है कि सरकारी राहत तो दूर की बात है, यहां अधिकारी और पटवारी तक नहीं आते.

Intro:छिंदवाड़ा
मक्के की फसल को नुकसान को लेकर किसान चिंतित, कहां है हुक्मरान, किसानों की फसल बर्बाद हुई, ना उनका सर्वे हो रहा है ना उनका मुआवजा मिल रहा है , किसान परेशान है कि अधिकारी आते हैं तो कहां आते हैं, अब सिर्फ सरकार से राहत की उम्मीद लगाए बैठा है किसान, किसान जी तोड़ मेहनत कर पहाड़ी नुमा जगह पर जहां पथरीली जमीन है वहां खेती करता है और अनाज उगाता है वहां अब फसल नुकसान के चलते सरकारी मदद की गुहार लगा रहे हैं पर कोई नहीं सुन रहा किसान कह रहे हैं


Body:छिंदवाड़ा जिले के परासिया विधानसभा में आने वाला गांव लोना पठार के किसान पहाड़ी नुमा पथरीली जमीन के ऊपर हाल बकर और कमरतोड़ मेहनत कर कर अनाज उगाते हैं वही पथरीली जमीन होने के कारण उन्हें अनाज उगाने में काफी प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है उसके बावजूद भी वहां मेहनत कर पठारी ,चट्टानों पर फसल उगाते हैं!
किसान एक तो पथरीली जमीन पर जैसे तैसे फसल लगाकर उगाई तो उस पर मौसम की मार बेरहमी से पड़ी अधिकांश फसल किसान की खराब हो गई वहां अब सरकार की ओर मदद भरी निगाहों से देख रहा है कि कोई सरकारी राहत मिले और वह घर का चूल्हा साल भर चला सके और अपने परिवार का पेट पाल सकें पर किसानों का कहना है कि इतनी फसल बर्बाद होने के बाद भी कोई इस ओर देखता तक नहीं सरकारी राहत तो छोड़िए कोई अधिकारी तक नहीं आता लोग बोलते हैं कि अधिकारी आया पर हमें तो अभी तक अधिकारी देखा ही नहीं,
मध्य प्रदेश में पानी और मौसम की मार से किसानों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है अप किसान मदद की उम्मीद लिए हुक्मरानों की ओर देख रहा है
मध्यप्रदेश में अतिवृष्टि के कारण बर्बाद हुई फसल का मुआवजा किसानों को अभी तक नहीं मिला ना ही कोई सरकारी अधिकारी व पटवारी नहीं पहुंचा
एक और भले ही सरकार तमाम आश्वासनो के बावजूद भी किसानों को मुआवजे के लिए अधिकारी के दरवाजा खटखटाना पढ़ रहे हैं
किसान का कहना है कि अधिकारी आते कहां है पता नहीं हमारी फसल को काफी नुकसान हुआ है इसके बावजूद ना अधिकारी का पता है ना ही सरकारी राहत का,


बाईट 01- अनक लाल उइके, किसान
बाईट -02 -रेखा बाई, किसान
बाईट 03- जितेंद्र अल्डक ,किसान


Conclusion:
Last Updated : Nov 17, 2019, 3:31 PM IST
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