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दुर्गा उत्सव पर कोरोना का कहर, छिंदवाड़ा में इस बार नहीं होगी बंगाली देवी की स्थापना

34 सालों से छिंदवाड़ा में बंगाली देवी की स्थापना कर दुर्गा उत्सव मनाने की परंपरा इस बार कोरोना के कारण टूट रही है. बंगाली देवी की स्थापना करने वाली समिति ने कोरोना के कारण इस बार मात्र कलश स्थापना कर उत्सव मनाने का फैसला किया है.

Durga Utsav will not celebrated in Chhindwara
बंगाली देवी
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Published : Sep 16, 2020, 4:45 PM IST

छिंदवाड़ा। प्रदेश में गणेश उत्सव के बाद अब दुर्गा उत्सव पर भी कोरोना का असर दिख रहा है. प्रदेश सरकार ने भले ही दुर्गा पंडालों को लगाने की इजाजत दे दी हो, लेकिन कोरोना के कारण उत्सव की तैयारियां फीकी नजर आ रही है. ऐसा ही कुछ हुआ छिंदवाड़ा में, यहां पिछले 34 सालों से विराजित होने वाली बंगाली दुर्गा मां की प्रतिमा इस साल स्थापित नहीं हो पा रही है.

शहर में लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या के कारण न्यू बंगाली सांस्कृतिक संस्था ने इस बार मां की प्रतिमा स्थापित नहीं करने का निर्णय लिया है. इस बार मूर्ती की स्थापना नहीं की जाएगी और उत्सव भी शांकिपूर्ण तरीके से मनाया जाएगा. हर साल इसके लिए महीनों पहले से तैयारी शुरु हो जाती थी. जहां बंगाल से विशेष कारीगर आते थे, लेकिन इस बार कोरोना के कारण कारीगर नहीं आ पाए, जिस कारण सरकार की परमिशन होने के बाद भी समिति ने उत्सव न मानाने का फैसला लिया.

छिंदवाड़ा में विशेष रूप से बंगाली देवी की मूर्तियां मोहन नगर और रेलवे स्टेशन के पास बैठाई जाती थी, इन मूर्तियों का निर्माण करने के लिए विशेष रूप से कारीगर बंगाल से छिंदवाड़ा आते थे. समिति के लोगों ने बताया कि लगभग 34 सालों से लगातार यहां पर बंगाली देवी की प्रतिमा की स्थापना की जाती थी. शहर में भव्य प्रतिमा सिर्फ एक नहीं बल्कि 5 जगहों पर स्थापित की जाती थी. लेकिन शहर की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए समित इस बार उत्सव नहीं मना रही है.

छिंदवाड़ा। प्रदेश में गणेश उत्सव के बाद अब दुर्गा उत्सव पर भी कोरोना का असर दिख रहा है. प्रदेश सरकार ने भले ही दुर्गा पंडालों को लगाने की इजाजत दे दी हो, लेकिन कोरोना के कारण उत्सव की तैयारियां फीकी नजर आ रही है. ऐसा ही कुछ हुआ छिंदवाड़ा में, यहां पिछले 34 सालों से विराजित होने वाली बंगाली दुर्गा मां की प्रतिमा इस साल स्थापित नहीं हो पा रही है.

शहर में लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या के कारण न्यू बंगाली सांस्कृतिक संस्था ने इस बार मां की प्रतिमा स्थापित नहीं करने का निर्णय लिया है. इस बार मूर्ती की स्थापना नहीं की जाएगी और उत्सव भी शांकिपूर्ण तरीके से मनाया जाएगा. हर साल इसके लिए महीनों पहले से तैयारी शुरु हो जाती थी. जहां बंगाल से विशेष कारीगर आते थे, लेकिन इस बार कोरोना के कारण कारीगर नहीं आ पाए, जिस कारण सरकार की परमिशन होने के बाद भी समिति ने उत्सव न मानाने का फैसला लिया.

छिंदवाड़ा में विशेष रूप से बंगाली देवी की मूर्तियां मोहन नगर और रेलवे स्टेशन के पास बैठाई जाती थी, इन मूर्तियों का निर्माण करने के लिए विशेष रूप से कारीगर बंगाल से छिंदवाड़ा आते थे. समिति के लोगों ने बताया कि लगभग 34 सालों से लगातार यहां पर बंगाली देवी की प्रतिमा की स्थापना की जाती थी. शहर में भव्य प्रतिमा सिर्फ एक नहीं बल्कि 5 जगहों पर स्थापित की जाती थी. लेकिन शहर की सुरक्षा को ध्यान रखते हुए समित इस बार उत्सव नहीं मना रही है.

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