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महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के कई शहरों में विराजमान होंगी पांढुर्णा की दुर्गा प्रतिमाएं - पांढुर्णा के मूर्तिकार नामदेव खोड़े

छिंदवाड़ा का पांढुर्णा दुर्गा प्रतिमाओं को बनाने के लिए मशहूर है. यहां से हर साल महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के शहरों में दुर्गा प्रतिमाएं भेजी जाती हैं.

शहरों में विराजमान होंगी पांढुर्णा की दुर्गा प्रतिमाएं
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Published : Sep 21, 2019, 3:24 PM IST

छिंदवाड़ा। प्रदेश में 29 सितंबर से शुरू होने वाले नवरात्र उत्सव को लेकर सार्वजनिक स्थानों पर जोर-शोर से तैयारी चल रही है, वहीं मूर्तिकार दुर्गा प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं. शहर में पांढुर्णा एक ऐसी जगह है, जहां से हर साल महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के छोटे से लेकर बड़े शहरों तक दुर्गा प्रतिमाएं भेजी जाती हैं.

शहरों में विराजमान होंगी पांढुर्णा की दुर्गा प्रतिमाएं


पांढुर्णा के मूर्तिकार नामदेव खोड़े के मुताबिक इस साल उनके द्वारा बनाई गई 65 मनमोहक दुर्गा प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिनकी कीमत 15 हजार रुपए से लेकर 51 हजार रुपए तक रखी गई है. उन्होंने बताया कि मई महीने से दुर्गा प्रतिमाओं को आकार देने का काम शुरू किया जाता है. इन प्रतिमाओं में उपयोग में आने वाली मिट्टी बड़चिचोली के चोरखैरी गांव से लाई जाती है. दरअसल इस गांव की मिट्टी चिकनी और मजबूत होती है. इस मिट्टी से प्रतिमा बनाने में आसानी होती है.


महंगाई के दौर में प्रतिमाओं के दाम नहीं बढ़ने से छलका दर्द


मूर्तिकारों का कहना है कि इस साल महंगाई के चलते दुर्गा प्रतिमाओं के दाम नहीं बढ़ाये गए हैं, जबकि इन दुर्गा प्रतिमाओं को बनाने के उपयोग में आने वाली मिट्टी, कलर, श्रृंगार सामग्री, लकड़ी, तनस सहित दूसरा सामान महंगा हो गया है, जिसके चलते मूर्तिकारों को उनकी मेहनत का सही दाम नहीं मिल रहा है.

छिंदवाड़ा। प्रदेश में 29 सितंबर से शुरू होने वाले नवरात्र उत्सव को लेकर सार्वजनिक स्थानों पर जोर-शोर से तैयारी चल रही है, वहीं मूर्तिकार दुर्गा प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुट गए हैं. शहर में पांढुर्णा एक ऐसी जगह है, जहां से हर साल महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के छोटे से लेकर बड़े शहरों तक दुर्गा प्रतिमाएं भेजी जाती हैं.

शहरों में विराजमान होंगी पांढुर्णा की दुर्गा प्रतिमाएं


पांढुर्णा के मूर्तिकार नामदेव खोड़े के मुताबिक इस साल उनके द्वारा बनाई गई 65 मनमोहक दुर्गा प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है, जिनकी कीमत 15 हजार रुपए से लेकर 51 हजार रुपए तक रखी गई है. उन्होंने बताया कि मई महीने से दुर्गा प्रतिमाओं को आकार देने का काम शुरू किया जाता है. इन प्रतिमाओं में उपयोग में आने वाली मिट्टी बड़चिचोली के चोरखैरी गांव से लाई जाती है. दरअसल इस गांव की मिट्टी चिकनी और मजबूत होती है. इस मिट्टी से प्रतिमा बनाने में आसानी होती है.


महंगाई के दौर में प्रतिमाओं के दाम नहीं बढ़ने से छलका दर्द


मूर्तिकारों का कहना है कि इस साल महंगाई के चलते दुर्गा प्रतिमाओं के दाम नहीं बढ़ाये गए हैं, जबकि इन दुर्गा प्रतिमाओं को बनाने के उपयोग में आने वाली मिट्टी, कलर, श्रृंगार सामग्री, लकड़ी, तनस सहित दूसरा सामान महंगा हो गया है, जिसके चलते मूर्तिकारों को उनकी मेहनत का सही दाम नहीं मिल रहा है.

Intro:
महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के कई शहरों में विराजमान होंगी पांढुर्णा की दुर्गा प्रतिमाएं...


पांढुर्णा :-

29 सितंबर से प्रारंभ होने वाले नवरात्र उत्सव को लेकर सार्वजनिक स्थानों पर जोर शोर से तैयारी चल रही हैं वही मूर्तिकार दुर्गा प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुट गए है

छिंदवाडा जिले का पांढुर्णा एक ऐसा शहर हैं जहां से हर साल महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के छोटे से लेकर बड़े शहरों में दुर्गा प्रतिमाएं भेजी जाती हैं
पांढुर्णा के मूर्तिकार नामदेव खोड़े के मुताबिक इस साल उनके द्वारा बनाई 65 मनहोहक दुर्गा प्रतिमाओ को अंतिम रूप दिया जा रहा हैं जिनकी ₹15 हजार से लेकर ₹51 हजार तक कि कीमत रखी गई हैं

मूर्तिकार का कहना हैं कि मई माह से दुर्गा प्रतिमाओं को आकार देने का काम शुरू किया जाता हैं इन प्रतिमाओं में उपयोग में आने वाली मिट्टी बड़चिचोली के चोरखैरी गांव से लाई जाती हैं दरअसल इस गांव की मिट्टी चिकनी ओर मजबूत होती हैं इस मिट्टी से प्रतिमा बनाने में आसानी होती हैं


महंगाई के दौर में भी नही बढाई दुर्गा प्रतिमाओं के दाम :-

मूर्तिकारों का कहना हैं कि इस साल महंगाई के चलते दुर्गा प्रतिमाओं के दाम नही बढ़ाये गये हैं जब कि इन दुर्गा प्रतिमाये बनाने में उपयोग में आने वाली मिट्टी , कलर , श्रृंगार सामग्री , लकड़ी , तनस सहित अन्य सामग्री महंगी होकर खरीदनी पड़ रही हैं

( बाईट )

नामदेव खोड़े
मूर्तिकार पांढुर्णा


Body:
महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के कई शहरों में जाएंगी पांढुर्णा की दुर्गा प्रतिमाएं


पांढुर्णा :-

29 सितंबर से प्रारंभ होने वाले नवरात्र उत्सव को लेकर सार्वजनिक स्थानों पर जोर शोर से तैयारी चल रही हैं वही मूर्तिकार दुर्गा प्रतिमाओं को अंतिम रूप देने में जुट गए है

छिंदवाडा जिले का पांढुर्णा एक ऐसा शहर हैं जहां से हर साल महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के छोटे से लेकर बड़े शहरों में दुर्गा प्रतिमाएं भेजी जाती हैं
पांढुर्णा के मूर्तिकार नामदेव खोड़े के मुताबिक इस साल उनके द्वारा बनाई 65 मनहोहक दुर्गा प्रतिमाओ को अंतिम रूप दिया जा रहा हैं जो ₹15 हजार से लेकर ₹51 हजार तक कि कीमत रखी गई हैं

मूर्तिकार का कहना हैं कि मई माह से दुर्गा प्रतिमाओं को आकार देने का काम शुरू किया जाता हैं इन प्रतिमाओं में उपयोग में आने वाली मिट्टी बड़चिचोली के चोरखैरी गांव से लाई जाती हैं दरअसल इस गांव की मिट्टी चिकनी ओर मजबूत होती हैं इस मिट्टी से प्रतिमा बनाने में आसानी होती हैं


महंगाई के दौर में भी नही बढाई दुर्गा प्रतिमाओं के दाम :-

मूर्तिकारों का कहना हैं कि इस साल महंगाई के चलते दुर्गा प्रतिमाओं के दाम नही बढ़ाये गये हैं जब कि इन दुर्गा प्रतिमाये बनाने में उपयोग में आने वाली मिट्टी , कलर , श्रृंगार सामग्री , लकड़ी , तनस सहित अन्य सामग्री महंगी होकर खरीदनी पड़ रही हैं

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नामदेव खोड़े
मूर्तिकार पांढुर्णा
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