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हाईकोर्ट के आदेश के बावजूद अनुकंपा नियुक्ति के लिए काट रहे चक्कर, आत्मदाह की दी चेतावनी

छिंदवाड़ा में अनुकंपा नियुक्ति के लिए कई दिनों से विभाग के चक्कर काट रहे पीड़ितों ने आत्मदाह करने की बात कही है.

Despite of order from High Court people not getting permanent job
हाईकोर्ट से आदेश के बाद भी अनुकंपा नियुक्ति के लिए काट रहे विभाग के चक्कर
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Published : Dec 19, 2019, 9:27 AM IST

Updated : Dec 19, 2019, 10:37 AM IST

छिंदवाड़ा। शहर में जनजातीय कार्य विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लिए कई दिनों से दफ्तरों के चक्कर काट रहे पीड़ितों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर आत्मदाह करने की बात कही है. वहीं इस मामले में कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राकेश मालवीय का कहना है कि अगर सात दिनों में इनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो कलेक्टर कार्यलाय के सामने धरना-प्रदर्शन करेंगे.

हाईकोर्ट से आदेश के बाद भी अनुकंपा नियुक्ति नहीं

अनुकंपा नियुक्ति के लिए काफी दिनों से परेशान हो रहे दो पीड़ित कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. पहले मामले में कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राकेश मालवीय ने बताया कि आदिवासी विकास विभाग में रसोईए के पद पर रमेश कुमरे नौकरी करते थे. इनका 1998 में निधन हो गया था, जिसके बाद उनकी पत्नी को 1999 में डेली वेजेज पर नौकरी पर रखा गया, जबकि हाईकोर्ट से उन्हें नियमितीकरण का आदेश मिला हुआ है.

दूसरे मामले में ट्राइबल विभाग में नियमित रूप से चपरासी के पद पर रहते हुए करोड़ी लाल उइके का निधन 2007 में हो गया था. उसके बाद उनके बेटे कुंवर शाह उइके को हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आदेशित कर दिया है, इसके बाद भी छिंदवाड़ा का जनजातीय कार्य विभाग उनकी पोस्टिंग नहीं कर रहा है और मजदूरी पर रखा हुआ है, जहां उसे 100 रूपए दिन की मजदूरी दी जा रही है. वहीं इस मामले में सहायक संचालक अध्यक्ष सीके दुबे का कहना है कि हाईकोर्ट ने भी पूरी जांच कर उन्हें अपात्र कह दिया था.

इस मामले में कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राकेश मालवीय ने कहा कि अगर अगर सात दिनों में इनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो कलेक्टर कार्यलाय के सामने धरना-प्रदर्शन करेंगे और अगर ये पीड़ित आत्मदाह करते हैं, तो इसके जिम्मेदार अधिकारी और स्टाफ होंगे.

छिंदवाड़ा। शहर में जनजातीय कार्य विभाग में अनुकंपा नियुक्ति के लिए कई दिनों से दफ्तरों के चक्कर काट रहे पीड़ितों ने कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर आत्मदाह करने की बात कही है. वहीं इस मामले में कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राकेश मालवीय का कहना है कि अगर सात दिनों में इनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो कलेक्टर कार्यलाय के सामने धरना-प्रदर्शन करेंगे.

हाईकोर्ट से आदेश के बाद भी अनुकंपा नियुक्ति नहीं

अनुकंपा नियुक्ति के लिए काफी दिनों से परेशान हो रहे दो पीड़ित कलेक्टर कार्यालय पहुंचे. पहले मामले में कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राकेश मालवीय ने बताया कि आदिवासी विकास विभाग में रसोईए के पद पर रमेश कुमरे नौकरी करते थे. इनका 1998 में निधन हो गया था, जिसके बाद उनकी पत्नी को 1999 में डेली वेजेज पर नौकरी पर रखा गया, जबकि हाईकोर्ट से उन्हें नियमितीकरण का आदेश मिला हुआ है.

दूसरे मामले में ट्राइबल विभाग में नियमित रूप से चपरासी के पद पर रहते हुए करोड़ी लाल उइके का निधन 2007 में हो गया था. उसके बाद उनके बेटे कुंवर शाह उइके को हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आदेशित कर दिया है, इसके बाद भी छिंदवाड़ा का जनजातीय कार्य विभाग उनकी पोस्टिंग नहीं कर रहा है और मजदूरी पर रखा हुआ है, जहां उसे 100 रूपए दिन की मजदूरी दी जा रही है. वहीं इस मामले में सहायक संचालक अध्यक्ष सीके दुबे का कहना है कि हाईकोर्ट ने भी पूरी जांच कर उन्हें अपात्र कह दिया था.

इस मामले में कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राकेश मालवीय ने कहा कि अगर अगर सात दिनों में इनकी मांगें पूरी नहीं होती हैं, तो कलेक्टर कार्यलाय के सामने धरना-प्रदर्शन करेंगे और अगर ये पीड़ित आत्मदाह करते हैं, तो इसके जिम्मेदार अधिकारी और स्टाफ होंगे.

Intro:छिन्दवाड़ा। छिंदवाड़ा जनजातीय कार्य विभाग में अनुकंपा नियुक्ति नहीं मिलने से कई दिनों की दफ्तरों के चक्कर काट रहे पीड़ितों ने आज कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर आत्मदाह की धमकी दी।


Body:कर्मचारी नेता ने बताया कि आदिवासी विकास विभाग में रसोईया के पद पर रमेश कुमरे नौकरी करते थे जिनका 1998 में निधन हो गया उनकी पत्नी को 1999 में कलेक्टर दर पर नौकरी में रखा गया जबकि हाईकोर्ट से उन्हें नियमितीकरण का आदेश मिला हुआ है इसके बाद भी उन्हें जेल कलेक्टर दर पर ही वेतन भुगतान हो रहा है उन्होंने मांग की है कि 1999 से ही वे उनके नियमितीकरण का वेतन भुगतान कर नियमित करें।

वहीं दूसरे मामले में ट्राइबल विभाग में नियमित रूप से चपरासी के पद पर रहते हुए करोड़ी लाल ऊइके का निधन 2007 हो गया था उसके बाद उनके बेटे कुंवर शाह ऊइके को हाईकोर्ट ने अनुकंपा नियुक्ति के लिए आदेशित कर दिया है लेकिन इसके बाद भी छिंदवाड़ा का जनजातीय कार्य विभाग उनकी पोस्टिंग नहीं कर रहा है और मजदूरी पर रखा हुआ है।


Conclusion:पीड़ितों ने बताया कि उन्होंने प्रधानमंत्री से लेकर कलेक्टर तक सभी को अपनी गुहार लगा चुके हैं लेकिन उनकी कोई नहीं सुन रहा है इसलिए मजबूरन अब 7 दिन और इंतजार करेंगे नहीं तो इसके बाद कलेक्टर कार्यालय के सामने आत्मदाह करेंगे।

बाइट-कुंवर शाह, पीड़ित
बाइट-अनारवती कुमरे,पीड़ित
Last Updated : Dec 19, 2019, 10:37 AM IST
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