छिंदवाड़ा। देश और राज्य में लोग कोरोना से युद्ध लड़ रहे हैं, लेकिन यहां जिले में सरकारी सिस्टम से एक अलग ही लड़ाई दिखाई दे रही है. मामला जिला ग्रामीण विकास विभाग और जिला प्रशासन के बीच का है. यहां पंचायत सचिव और रोजगार सहायक कोरोना दर्जा की मांग को लेकर जिला प्रशासन के सामने खड़े हैं. वे उनके लिए पहले बहाल और बाद में निरस्त हुए दर्जे को फिर से वापस करने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि उन्हें कोरोना योद्धा का दर्जा वापस किया जाए. इसे लेकर उन्होंने एक दिन का सांकेतिक धरना दिया.
कोरोना योद्धा घोषित करने की मांग
दरअसल, मामला यह है कि कुछ दिन पहले पंचायत सचिव और रोजगार सहायकों ने जिला पंचायत कार्यालय के सी. ई. ओ. गजेंद्र सिंह नागेश को ज्ञापन सौंपा था. उसमें उन्होंने अपने को कोरोना योद्धा घोषित करने के लिए सरकार से मांग की थी. बीते 21 अप्रैल को सरकार ने उनकी मांगे पूरी भी कर दी थी और उन्हें जिला कलेक्टर ने कोरोना योद्धा घोषित कर दिया था, लेकिन चार दिन पहले उनसे कोरोना योद्धा का दर्जा वापस ले लिया गया था.
कोरोना योद्धाओं ने दिया सांकेतिक धरना
पंचायत सचिव और रोजगार सहायकों ने जिला पंचायत कार्यालय आकर सी. ई. ओ. गजेंद्र सिंह नागेश को ज्ञापन सौंपा. उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार ने कलेक्टर को आदेश दिए गए थे कि उन्हें कोरोना योद्धा घोषित किया जाए. इसके बाद कलेक्टर ने आदेश जारी किया था कि उन्हें कोरोना योद्धा घोषित कर दिया गया है. वहीं हाल में ही 4 दिन पहले उस आदेश को वापस ले लिया गया है. इसे लेकर पंचायत सचिव और रोजगार सहायकों में नाराजगी है. उनका कहना है कि उन्हें फिर से कोरोना योद्धा का दर्जा दिया जाए, इसी को लेकर उन्होंने सांकेतिक धरना दिया.
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ड्यूटी पर 3 लोगों की हो चुकी है मौत
छिंदवाड़ा के जिला सचिव संघ के जिलाध्यक्ष प्रहलाद उसरेटे ने बताया कि क्वारेंटिन और वैक्सीनेशन सेंटर पर उन लोगों की ड्यूटी लगाई गई है. वहीं लगभग 3 लोगों की कोरोना वायरस से मौत हो चुकी है. जिलाध्यक्ष ने चिंता जताते हुए कहा कि उनके परिवार और अन्य लोगों का क्या होगा. उन्होंने मांग की है कि उन्हें जिस काम के लिए मौखिक आदेश किया जाता था, अब उन कार्यों के लिए वहां लिखित आदेश दिया जाए, तभी वो काम करेंगे. साथ में उन्होंने ये मांग भी की कि जिन लोगों की मृत्यु हुई है, उनके लिए शासन सहायता करें.