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छिंदवाड़ा: बारिश होने के कारण किसानों की चिंता बढ़ी, मक्की की फसल पड़ी काली - farmers worried

छिंदवाड़ा जिले में मौसम में आए परिवर्तन के चलते मक्के कि फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है, जिससे किसान खासा पारेशान हैं.

काले पड़े भुट्टे
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Published : Nov 1, 2019, 2:07 AM IST

छिंदवाड़ा। मक्के की फसल को मौसम में आए अचानक परिवर्तन और पानी गिरने के कारण काफी नुकसान पहुंचा है. खासतौर पर जिन मक्के की फसल के भुट्टे कट गए हैं, वो काले पड़ रहे हैं और जो भुट्टे लगे है उन्हें दाने ही नहीं आ पाए और कुछ में अपने आप ही अंकुरण फूट रहे हैं. जिसके चलते किसान काफी परेशान हैं.

बारिश के कारण काले पड़े भुट्टे
पहले तो मक्के की बोनी के बाद पानी ना गिरने के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा था, उसके बाद इतना पानी गिरा कि खेतों में पानी ही पानी हो गया. पानी के कारण फसलें खराब होने लगी थी. जैसे-तैसे किसान इससे उबरने की कोशिश ही कर रहे थे कि फसल बोने के समय मौसम परिवर्तन होने के कारण फिर से मौसम की मार किसान के ऊपर पड़ी गई है. किसानों ने बताया कि मौसम परिवर्तन और पानी गिरने के कारण भुट्टे काले पड़ गए है, वहीं मक्के की फसल से जो भुट्टे काटे नहीं गए है, वो फसल में ही अंकुरित होने लगे है और कुछ भुट्टे ऐसे भी है कि जिनमें बीज अंकुरित हुए ही नहीं. कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि पूर्व अनुमान के हिसाब से आने वाले दो-तीन दिनों तक बादल की संभावना है. उसके बाद मौसम साफ हो जाएगा, जिससे खुली धूप फसलों को मिल पाएगी.

छिंदवाड़ा। मक्के की फसल को मौसम में आए अचानक परिवर्तन और पानी गिरने के कारण काफी नुकसान पहुंचा है. खासतौर पर जिन मक्के की फसल के भुट्टे कट गए हैं, वो काले पड़ रहे हैं और जो भुट्टे लगे है उन्हें दाने ही नहीं आ पाए और कुछ में अपने आप ही अंकुरण फूट रहे हैं. जिसके चलते किसान काफी परेशान हैं.

बारिश के कारण काले पड़े भुट्टे
पहले तो मक्के की बोनी के बाद पानी ना गिरने के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा था, उसके बाद इतना पानी गिरा कि खेतों में पानी ही पानी हो गया. पानी के कारण फसलें खराब होने लगी थी. जैसे-तैसे किसान इससे उबरने की कोशिश ही कर रहे थे कि फसल बोने के समय मौसम परिवर्तन होने के कारण फिर से मौसम की मार किसान के ऊपर पड़ी गई है. किसानों ने बताया कि मौसम परिवर्तन और पानी गिरने के कारण भुट्टे काले पड़ गए है, वहीं मक्के की फसल से जो भुट्टे काटे नहीं गए है, वो फसल में ही अंकुरित होने लगे है और कुछ भुट्टे ऐसे भी है कि जिनमें बीज अंकुरित हुए ही नहीं. कृषि वैज्ञानिक ने बताया कि पूर्व अनुमान के हिसाब से आने वाले दो-तीन दिनों तक बादल की संभावना है. उसके बाद मौसम साफ हो जाएगा, जिससे खुली धूप फसलों को मिल पाएगी.
Intro:छिंदवाड़ा
मक्के की फसल को मौसम में आए अचानक परिवर्तन और पानी गिरने के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा है खासतौर पर मक्के की फसल जो फसल के भुट्टे कट गए हैं वहां काले पड़ रहे हैं और जो भुट्टे लगे हैं उन्हें दाने ही नहीं रख पाए और जो लगे हैं उनमें अपने आप ही अंकुरण फूट रहे हैं किसान काफी परेशान है इन समस्याओं को लेकर


Body:मौसम की मार के चलते हैं पहले तो मक्के की बोनी के बाद पानी ना गिरने के कारण फसलों को काफी नुकसान पहुंचा था उसके बाद इतना पानी गिरा कि खेतों में पानी ही पानी हो गया पानी के कारण फसलें खराब होने लगी थी उसके बाद जैसे तैसे किसान इससे उबर ही नहीं पाया था कि फसल धोने के समय मौसम परिवर्तन होने के कारण फिर से मौसम की मार किसान की फसल के ऊपर पड़ी,
किसानों ने बताया कि उन्हें जो मौका तो लिया है वह मौसम परिवर्तन और पानी गिरने के कारण भुट्टे काले करने पर लगे हैं साथी मक्के की फसल से जो भुट्टे भी टूटे नहीं है वहां फसल में ही अंकुरित होने लगे हैं और कुछ भुट्टे ऐसे भी हैं कि जिनमें बीज अंकुरित हुए ही नहीं

बाईट01- अर्जुन कलूटे, किसान
बाईट02- अंजू ,महिला किसान
बाईट 03- विजय कुमार पराडकर, वैज्ञानिक कृषि अनुसंधान केंद्र चंदन गांव ,छिंदवाड़ा


Conclusion:जहां एक और छिंदवाड़ा पूरे प्रदेश में सबसे अधिक उत्पादन करने वाला जिला था वहीं अब प्राकृतिक और बारिश की मार से किसान परेशान है छिंदवाड़ा कोर्न सिटी के नाम से जाना जाता है बहुत हद तक किसानों को काफी नुकसान हुआ है
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