छिंदवाड़ा। गर्मी के सीजन में सब्जियों की खेती काफी महंगी होती है और तपती धूप में काम करना भी मुश्किल होता है. ऐसे में जब किसान फसल तैयार करें और वह सही समय पर सही दामों में न बिके तो किसानों को इससे बेहद नुकसान होता है. गर्मियों के मौसम में सब्जियां बाजारों में ज्यादा बिकती है और मुनाफा भी ज्यादा आता है, लेकिन ईटीवी भारत की खबर के बाद कांग्रेस सांसद नकुलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है कि जिला मुख्यालय सहित संपूर्ण जिले में लॉकडाउन के चलते सब्जी उत्पादक किसानों को हो रही आर्थिक क्षति और उनकी विभिन्न समस्याओं को देखकर किसान हित में तत्काल निर्णय लेने की मांग की है.
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कोरोना महामारी के चलते लगातार लॉकडाउन बढ़ाया जा रहा है जिसके चलते किसानों को दवाई, बीज, कृषि उपकरण उपलब्ध नही हो रहे हैं साथ ही उपज के मूल्य भी निर्धारित नही होने से किसान बेहद परेशान हैं । आज मुख्यमंत्री @ChouhanShivraj जी को पत्र के माध्यम से किसानों की समस्याओं से अवगत कराया । pic.twitter.com/qWvVx3umCP
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छिंदवाड़ा के किसानों पर कोरोना की मार! खेतों पर सड़ रही सब्जियों की फसल
निर्धारित होना चाहिए सब्जियों का मूल्य
सांसद नकुलनाथ ने अपने पत्र में लिखा है कि बाजार बंद होने से सब्जी उत्पादक कृषकों को उनकी उपज के उचित मूल्य नहीं मिल पा रहे है. सैकड़ों किसानों को मजबूरी वश अपनी उपज खेतों में ही दफन करनी पड़ रही है. शहर के बंद क्षेत्रों में भी सब्जी पहुंचाना संभव नहीं है. अतः किसानों को आर्थिक हानि से बचाने के लिए सब्जियों के मूल्य निर्धारित किये जाए. यदि किसान अपनी आर्थिक हानि से सब्जी का उत्पादन कम करेगा तो आगामी समय में कोविड के कारण बढ़ी आर्थिक तंगी के दौर में आमजन को सब्जियां भी महंगे दामों पर लेनी पड़ेगी.
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किसानों के लिए आर्थिक पैकेज घोषणा?
छिंदवाड़ा के किसानों को हो रही आर्थिक क्षति को ध्यान में रखते हुए कांग्रेस सांसद नकुलनाथ ने किसानों को विशेष आर्थिक पैकेज भी देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि कोरोना काल में उत्पादन और आर्थिक तंगी से जूझ रहे किसानों को प्रदेश सरकार विशेष सब्सिडी देकर DAP खाद के दामों में कटौती करने की मांग की है. वर्तमान में खाद अपने निर्धारित मूल्य से लगभग 2 गुनी कीमत पर बेची जा रही है.
मध्य प्रदेश के बाहर जारी है सब्जियां
सांसद नकुलनाथ ने अपने पत्र में लिखा है कि छिंदवाड़ा एक कृषि प्रधान जिला होने के साथ ही एक प्रमुख सब्जी उत्पादक क्षेत्र भी है. यहां उत्पादित की जाने वाली सब्जियां मध्य प्रदेश सहित देश के अन्य प्रदेशों जैसे- महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल तक भेजी जाती है. कोरोना के दौर में लॉकडाउन के चलते सब्जी उत्पादक किसानों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है.