छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा पहुंचे हास्य फिल्म अभिनेता 'बीरबल' सत्येंद्र खोसला (Comedian Satyendra Khosla) ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. उन्होंने कहा कि अब बॉलीवुड कलाकारों की नहीं पहलवानों की इंडस्ट्री बनकर रह गई है. जहां कला की कोई कीमत नहीं बची. बीरबल का कहना है कि जब में नया आया था. तब की फिल्मों में कहानी होती थी, गाने भी भारतीय होते थे. लेकिन आज के समय में हमारी इडस्ट्री वेस्टन हो चुकी है. हमें हमारे कल्चर को बढ़ाना चाहिए ना की वेस्ट कल्चर पर फिल्में बनाना चाहिए.
सवाल: करीब 55 सालों से आप फिल्म दुनिया में हैं. 1100 से ज्यादा फिल्मों में काम भी कर चुके हैं कितना बदलाव आया है?
जवाब: बहुत अधिक बदलाव अब फिल्मी दुनिया में आ गया है, लगता है कि मानो फिल्म इंडस्ट्री कलाकारों की नहीं बल्कि पहलवानों के दम पर चल रही है. किसी ने अपनी बॉडी बनाकर दिखा दिया, थोड़ा सा डांस करना आ गया तो वह कलाकार बन गया. असली कलाकार अब गुम होते नजर आ रहे हैं.
पहले की फिल्मों में कहानी होती थी, एक थीम होती थी. जिसे परिवार के साथ बैठकर देखा जा सकता था. लेकिन अब की फिल्मों में कांसेप्ट नहीं है. पहले भारतीय कहते थे कि अंग्रेजी फिल्में नहीं देखनी चाहिए. अब अंग्रेज कहते हैं कि हिंदी फिल्म देखनी चाहिए. पुराने हीरो की एक्टिंग नेचुरल थी. आजकल इंडस्ट्री में नंगापन आ गया है.
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सवाल: पहले फिल्मों में समन्यव बनाकर फिल्में बनती थी. अब क्या बदलाव आया?
जवाब: पहले की फिल्मे फैमिली सब्जेक्ट पर बनती थी. अब हम लोग वेस्टर्न होते जा रहे हैं. पहले परिवार की पूजा होती थी, अब बदलाव हो गया है. अब टोटल वेस्टर्न कल्चर की फिल्में बन रही है. जो सिर्फ मनोरंजन के लिए है, जबकि सिनेमा दर्पण का काम करता है. जो नहीं कर रहा है. मैं चाहता हूं कि हमारे समय जैसी फिल्में बनती थी. वैसी फिल्में बने.
सवाल: किशोर कुमार आपके गुरु है और वे भी मध्य प्रदेश से है?
किशोर कुमार मेरे गुरु है. उनको देखकर मैंने एक्टिंग सीखी. उनको मैं सेल्यूट करता हूं. मध्य प्रदेश को गौरव होना चाहिए कि किशोर कुमार हमारी धरती पर जन्म लिया है.
सवाल: कंगना रनौत ने हाल ही में आजादी को लेकर विवादित बयान दिया है. इसे कलाकार के रूप में कैसे देखते हैं?
जवाब: कलाकारों को सिर्फ कला में ध्यान देना चाहिए. राजनीति कला से बिल्कुल अलग है. कला सरस्वती की पूजा है और राजनीति एकदम अलग है. इसलिए कलाकारों को सिर्फ कला की पूजा करना चाहिए. सिर्फ पब्लिसिटी के लिए कुछ भी काम नहीं करना चाहिए.