छिंदवाड़ा। चाइना मांझा से लगाकार हो रहे हादसों के बाद भी न तो लोग जागरूक हो रहे हैं और न ही प्रशासन सख्त है. नतीजा एक युवक फिर जीवन व मौत के बीच संघर्ष कर रहा है. चायनीज मांझा से घायल सतीश को इलाज देने वाले ईएनटी विशेषज्ञ डॉ. सुशील दुबे ने बताया कि युवक के गले के सामने का हिस्सा 13 सेंटीमीटर लम्बा और 7 सेंटीमीटर चौड़ाई में कट गया. मांझे से गले की सांस नली का ऊपरी हिस्सा और थाइराइड हड्डी कट गई थी. जिसकी वजह से उसके गले से रक्तस्त्राव अधिक हो रहा था. युवक की हालत काफी नाजुक है. प्राथमिक इलाज के बाद युवक को नागपुर रेफर किया गया है.
बाजारों में बेरोकटोक बिक्री : बता दें कि छिंड़वाड़ा में सिवनी रोड पर यह दूसरी घटना है. चाइनीज मांझे में उलझकर बुरी तरह से घायल सतीश के पहले भी दो लोग चाइनीज मांझे का शिकार हो चुके हैं. बीते 20 दिसम्बर को पटाखा गोदाम के पास बाइक सवार एक युवक का गला चाइनीज मांझे से कटा था. दूसरे के चेहरे पर गहरा घाव लगा था. इस घटना के बाद प्रशासन की टीम ने बाजार में चाइनीज मांझा बेचने वालों को हिदायत देकर जब्ती की कार्रवाई की थी. पतंग के सीजन यानी मकर संक्राति के पहले हर साल करीब चाइनीड मांझा के 700 पिंडे की खपत होती हैं. एक पिंडे में करीब 10 हजार मीटर चाइनीज मांझा आता है. चाइनीज मांझे के एक पिंडे की थोक कीमत 350 से 500 रुपए, जबकि घिरीं में लपेटने के बाद महज 1 से 2 हजार मीटर मांजा इतनी ही कीमत का हो जाता है.
ALSO READ: |
बाहर से मंगाते हैं व्यापारी : प्रतिबंधित चाइनीज मांझा जिले व शहर में नागपुर और अमरावती के बाजार से पहुंच रहा है. पतंग व अन्य मटेरियल भी यहीं से आता है. अकेले छिंदवाड़ा शहर में चाइनीज मांझे के 30 से 40 व्यापारी हैं. जबकि छोटे दुकानदार तो बाजार के अलावा हर गली मोहल्ले में नजर आ जाएंगे. यूं तो चायनीज मांझा प्रतिबंधित है. पिछले दिनों प्रशासन और पुलिस की संयुक्त टीम ने चाइनीज मांझा विक्रेताओं की दुकान पर कार्रवाई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की थी. सख्त कार्रवाई न होने से बेखौफ दुकानदार आज भी बच्चों को खुलेआम चायनीज मांझा बेचा जा रहा है. SDM सुधीर जैन ने बताया कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की संयुक्त टीम बनाकर कार्रवाई की जाएगी. चाइनीज मांझा जब्त करने के साथ व्यापारी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.