छिंदवाड़ा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इमलीखेड़ में बनाए गए निगम के हाउसिंग प्रोजेक्ट में 78 हितग्राही पिछले चार सालों से पिस रहे हैं. कांग्रेस-भाजपा के नेता जहां एक दूसरे पर आरोप में उलझे हैं. वहीं अधिकारी है कि साढ़े तीन लाख रुपए जमा कराने पर अड़े हुए हैं. प्रोजेक्ट की डेडलाइन खत्म हो चुकी है, लेकिन अभी भी काम अधूरा है. (Municipal corporation not give houses 4 years) (Chhindwara pm awas yojana)
निगम मकानों के लिए कर रहा साढ़े 3 लाख की और डिमांडः हाल ही में नगर निगम ने इमलीखेड़ा हाउसिंग प्रोजेक्ट में मकान लेने वाले 78 हितग्राहियों को नोटिस जारी किया है. 32 व 33 लाख के इन मकानों में निगम फिर से साढ़े तीन लाख रुपए की अतिरिक्त डिमांड कर रहा है. जबकि चंद महीने पहले प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने खुद ये आश्वासन दिया था कि ये राशि हितग्राहियों से नहीं वसूली जाएगी. निगम बाकी बचा पूरा काम खुद करवाएगा. नोटिस जारी होने के बाद सोमवार को दिन भर इस मसले में निगम में माथापच्ची होते रही. हितग्राही नगर निगम महापौर विक्रम अहके, अध्यक्ष सोनू मागो और अधिकारी से भी मिले, लेकिन अफसर मानने के लिए तैयार नहीं हैं. (Corporation is demanding 3 n half lakh for houses)
MP Guna दावों के विपरीत 5 साल पहले शुरू हुए 1176 PM आवास अभी तक अधूरे
गड़बड़ी मानने को तैयार नहीं अधिकारीः निगम के पूर्व टेक्निकल अफसरों ने तकरीबन 200 स्क्वाएर फीट का अतिरिक्त निर्माण यहां करवा दिया. डीपीआर बनाने में तो पहले से ही गड़बड़ी थी. ये गलती निगम अफसर और निर्माण एजेंसी की है. जिन पर कार्रवाई तो की जा नहीं रही, उल्टा हितग्राहियों से साढ़े तीन लाख रुपए वसूले जा रहे हैं. पिछले दिनों इमलीखेड़ा प्रोजेक्ट का मामला मुलताई विधायक सुखदेव पांसे ने विधानसभा में उठाया था. विधानसभा में नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह ने 30 दिसंबर तक इस प्रोजेक्ट के कंपलीट होने की डेडलाइन दी थी. ये डेडलाइन खत्म हो चुकी है, लेकिन अभी तक यहां काम पूर्ण नहीं हुआ है. (Officer not ready to accept the mistake) (Municipal corporation taking money 4 years before)
एक लाख की फाइल पर हो गए करोड़ों के कामः निगम के इमलीखेड़ा हाउसिंग प्रोजेक्ट में करोड़ों के काम अधिकारियों द्वारा एक लाख की फाइलों की आड़ में करवा लिए. जिसका भुगतान भी ठेकेदार को हो चुका है, लेकिन उसके बाद भी काम अधूरा ही पड़ा है. जो काम यहां करवाए गए हैं, वह सभी डीपीआर में शामिल किए जाने थे. मुख्यमंत्री से लेकर प्रभारी मंत्री भाजपा में सिर्फ घोषणावीर बनकर रह गए हैं. पिछले दिनों प्रभारी मंत्री कमल पटेल ने इमलीखेड़ा, परतला हाउसिंग प्रोजेक्ट में किसी भी प्रकार की राशि नहीं बढ़ाने के निर्देश तात्कालिक कमिश्नर को दिए थे. उसके बाद भी हितग्राहियों को वसूली का नोटिस थमा दिया गया है. नगर निगम अध्यक्ष सोनू मागो का विवाद बढ़ने के बाद सोमवार को महापौर विक्रम अहके ने भी प्रभारी मंत्री को पत्र लिखते हुए अपनी ही घोषणा का स्मरण कराया. निगम अध्यक्ष मागो ने कहा कि प्रभारी मंत्री घोषणावीर बनने में मुख्यमंत्री का भी रिकार्ड तोड़ने में लगे हैं. प्रभारी मंत्री अपनी घोषणा को पूरा कर हितग्राहियों को राहत प्रदान करें.
भाजपा ने कहा जनता को लूटने के लिए महापौर और पार्षद बनेः इमलीखेड़ा हाउसिंग प्रोजेक्ट के मामले में भाजपा जिलाध्यक्ष विवेक बंटी साहू ने कहा कि निगम में कांग्रेस सरकार बनते ही कांग्रेस के महापौर एवं पार्षद जनता को लूटने का काम करने में लगे हैं. छिंदवाड़ा की जनता ने कांग्रेस के महापौर एवं पार्षद लूटने के लिए नहीं बनाए. इमलीखेड़ा हाउसिंग प्रोजेक्ट के माध्यम से गरीब जनता को लूटना शुरू कर हाउसिंग प्रोजेक्ट में तय राशि से अतिरिक्त साढ़े तीन लाख का नोटिस दिया गया. मई माह में ही प्रभारी मंत्री कमल पटेल द्वारा निर्देश दिए गए थे कि हाउसिंग प्रोजेक्ट में किसी से भी अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा. परंतु निगम में कांग्रेस सरकार बनते ही गरीबों का शोषण करना शुरू कर दिया है. इस मामले में हम हितग्राहियों के साथ हैं. (BJP said mayors n councilors made to loot public)