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किसानों से सीधे सब्जी खरीद रहे महाराष्ट्र के व्यापारी

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Published : May 26, 2021, 8:15 AM IST

छिंदवाड़ा के गुरैया सब्जी मंडी में किसानों को सही दाम नहीं मिल रहे हैं, ऐसे में वो महाराष्ट्र के व्यापारियों को सब्जियां बेच रहे हैं. महाराष्ट्र के व्यापारी सीधे किसानों की खेतों में पहुंच रहे हैं. और सब्जियां तोड़ने के बाद वहीं से लोडिंग कर महाराष्ट्र ले जा रहे हैं.

Traders of Maharashtra are buying vegetables directly from farmers
किसानों से सीधे सब्जी खरीद रहे महाराष्ट्र के व्यापारी

छिंदवाड़ा। जिला मुख्यालय के आसपास क्षेत्र में सब्जियों की अच्छी पैदावार हो रही है, लेकिन किसानों को सही भाव नहीं मिल पा रहा है. वर्तमान में आसपास क्षेत्र में टमाटर, फूल गोभी, पत्ता गोभी, करेला, मिर्ची, बरबटी, भिंडी, ककड़ी, टमाटर, लौकी, गिलकी की बहुत पैदावार है. लेकिन भाव नहीं मिलने से किसान मंडी तक नहीं पहुंच पा रहा हैं. ऐसे में जिले के बाहर और अन्य प्रदेशों के व्यापारियों ने अब जिले में डेरा डाला हुआ है. महाराष्ट्र के व्यापारी सीधे किसानों के खेतों में पहुंचकर खरीदी कर रहे हैं, जिस कीमत में उन्हें मंडी में भाव मिल रहा है. उसी भाव में वह खरीदी कर रहे हैं, यह सब्जियां महाराष्ट्र जाकर सीधे कई गुना बिक रही हैं. व्यापारी सीधे खरीदी कर रहे हैं, जिससे मंडी को टैक्स भी नहीं मिल रहा है. शहर से लगे क्षेत्रों में व्यापारियों के ट्रक देखे जा सकते हैं, जो सब्जियों को यहां से ले जाते हैं.

अन्य जिलों में 10 प्रतिशत सब्जियों की सप्लाई

शहर की गुरैया सब्जी मंडी आसपास के जिलों में जानी मानी मंडियों में शामिल है. एक समय होता था जब गुरैया सब्जी मंडी से प्रतिमाह आठ लाख रुपये का टैक्स कुसमेली मंडी प्रबंधन को मिलता था. कोरोना काल से मंडी की आय कम हो गई. लगातार मंडी के बंद होने से खपत भी कम हो गई, जिससे सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है. किसानों का कहना है कि उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है. मंडी पहुंचने वाली सब्जी अभी बाहर जा रही है, लेकिन सप्लाई अभी 10 प्रतिशत है, ऐसे में दलाल भी कोई रिस्क नहीं ले रहे हैं.

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सब्जियों की महाराष्ट्र हो रही सप्लाई

किसानों के सामने समस्या यह भी है कि अधिकांश सब्जियों की कीमत थोक में बहुत कम है. ऐसे में किसान मंडी में सब्जी लेकर नहीं पहुंच रहे हैं. महाराष्ट्र के दलालों से संपर्क कर वह उन्हें सीधे खेतों में बुलाते हैं. इस दौरान कुछ हम्मालों की मदद से खेत से सब्जियों को तुड़वाते हैं. जिसके बाद व्यापारी के हमाल सब्जियों की लोडिंग करवाते हैं. ऐसे में किसानों का हम्माली और ट्रांसपोटिंग बच जाती है. किसानों को कम से कम मंडियों का भाव मिल जाता है. ऐसे में यह सौदा उनके लिए फायदे का साबित हो रहा है. शहर में रिंग रोड के पास दिन और रात में ऐसे वाहनों को खेतों में देखा जा सकता है. जो सीधे वाहनों से सब्जियों को महाराष्ट्र ले जा रहे हैं.

छिंदवाड़ा। जिला मुख्यालय के आसपास क्षेत्र में सब्जियों की अच्छी पैदावार हो रही है, लेकिन किसानों को सही भाव नहीं मिल पा रहा है. वर्तमान में आसपास क्षेत्र में टमाटर, फूल गोभी, पत्ता गोभी, करेला, मिर्ची, बरबटी, भिंडी, ककड़ी, टमाटर, लौकी, गिलकी की बहुत पैदावार है. लेकिन भाव नहीं मिलने से किसान मंडी तक नहीं पहुंच पा रहा हैं. ऐसे में जिले के बाहर और अन्य प्रदेशों के व्यापारियों ने अब जिले में डेरा डाला हुआ है. महाराष्ट्र के व्यापारी सीधे किसानों के खेतों में पहुंचकर खरीदी कर रहे हैं, जिस कीमत में उन्हें मंडी में भाव मिल रहा है. उसी भाव में वह खरीदी कर रहे हैं, यह सब्जियां महाराष्ट्र जाकर सीधे कई गुना बिक रही हैं. व्यापारी सीधे खरीदी कर रहे हैं, जिससे मंडी को टैक्स भी नहीं मिल रहा है. शहर से लगे क्षेत्रों में व्यापारियों के ट्रक देखे जा सकते हैं, जो सब्जियों को यहां से ले जाते हैं.

अन्य जिलों में 10 प्रतिशत सब्जियों की सप्लाई

शहर की गुरैया सब्जी मंडी आसपास के जिलों में जानी मानी मंडियों में शामिल है. एक समय होता था जब गुरैया सब्जी मंडी से प्रतिमाह आठ लाख रुपये का टैक्स कुसमेली मंडी प्रबंधन को मिलता था. कोरोना काल से मंडी की आय कम हो गई. लगातार मंडी के बंद होने से खपत भी कम हो गई, जिससे सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को हुआ है. किसानों का कहना है कि उनकी लागत भी नहीं निकल पा रही है. मंडी पहुंचने वाली सब्जी अभी बाहर जा रही है, लेकिन सप्लाई अभी 10 प्रतिशत है, ऐसे में दलाल भी कोई रिस्क नहीं ले रहे हैं.

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सब्जियों की महाराष्ट्र हो रही सप्लाई

किसानों के सामने समस्या यह भी है कि अधिकांश सब्जियों की कीमत थोक में बहुत कम है. ऐसे में किसान मंडी में सब्जी लेकर नहीं पहुंच रहे हैं. महाराष्ट्र के दलालों से संपर्क कर वह उन्हें सीधे खेतों में बुलाते हैं. इस दौरान कुछ हम्मालों की मदद से खेत से सब्जियों को तुड़वाते हैं. जिसके बाद व्यापारी के हमाल सब्जियों की लोडिंग करवाते हैं. ऐसे में किसानों का हम्माली और ट्रांसपोटिंग बच जाती है. किसानों को कम से कम मंडियों का भाव मिल जाता है. ऐसे में यह सौदा उनके लिए फायदे का साबित हो रहा है. शहर में रिंग रोड के पास दिन और रात में ऐसे वाहनों को खेतों में देखा जा सकता है. जो सीधे वाहनों से सब्जियों को महाराष्ट्र ले जा रहे हैं.

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