छिंदवाड़ा। कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन द्वारा म.प्र. पेयजल परिरक्षण अधिनियम-1986 की धारा 3 के अंतर्गत छिंदवाड़ा जिले को तत्काल प्रभाव से 15 जून 2022 या वर्षा प्रारंभ होने तक की अवधि के लिये जल अभावग्रस्त क्षेत्र घोषित कर दिया गया है. इस आदेश का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है.
जिले के कई गांवों में पानी की किल्लत : कलेक्टर द्वारा जारी आदेश के प्रावधानों के अनुसार छिंदवाड़ा जिले के सभी नदी, नालों, स्टाप डेम, सार्वजनिक कुओं और अन्य जल स्त्रोतों का उपयोग केवल पेयजल एवं घरेलू प्रयोजन के लिये तत्काल प्रभाव से सुरक्षित कर दिया गया है. प्रतिबंधात्मक अवधि में कोई भी व्यक्ति बिना अनुमति के जल अभावग्रस्त क्षेत्र में किसी भी शासकीय भूमि पर स्थित जल स्त्रोतों में पेयजल तथा घरेलू प्रयोजनों को छोड़कर अन्य किसी प्रयोजनों के लिये किन्ही भी साधनों द्वारा जल उपयोग नहीं करेगा. जिले के जल अभावग्रस्त क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति स्वयं अथवा प्राइवेट ठेकेदार राजस्व अनुविभागीय अधिकारी की पूर्व अनुज्ञा प्राप्त किये बिना किसी भी प्रयोजन के लिये नवीन नलकूप का निर्माण नहीं करेगा.
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नलकूप खनन के लिए अनुमति जरूरी : जिन व्यक्तियों को अपनी निजी भूमि पर नलकूप खनन कार्य कराना है, उन्हें ऐसा करने के लिये निर्धारित प्रारूप में निर्धारित शुल्क के साथ संबंधित राजस्व अनुविभागीय अधिकारी को आवेदन करना होगा. शासकीय नलकूप से 150 मीटर के दायरे के अंतर्गत किसी नवीन नलकूप का खनन पूर्णत: प्रतिबंधित है. निजी नलकूप खनन की गहराई खनित शासकीय नलकूप से कम रहेगी. राजस्व अनुविभागीय अधिकारी अनुमति देने के पूर्व आवश्यक जांच एवं परीक्षण की कार्रवाई पूर्ण करने और अनुमति दिये जाने के संबंध में संबंधित क्षेत्र के सहायक यंत्री, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी से अभिमत/अनुसंशा प्राप्त करेंगे.