छिंदवाड़ा। मध्य प्रदेश सरकार की मुख्य मंत्री स्कूटी योजना के तहत जब 12वीं कक्षा में पूरे मध्यप्रदेश में प्रथम स्थान पर आने वाली मौली नेमा ने अपना रजिस्ट्रेशन करने के लिए पोर्टल ओपन किया तो पोर्टल में उसके स्कूल का नाम नहीं मिला. इस संबंध में जब मौली नेमा और उसके परिजनों में शिक्षा विभाग के अधिकारियों से चर्चा की तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ''मुख्यमंत्री स्कूटी योजना का लाभ सिर्फ सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को मिलेगा.'' अधिकारियों ने बताया कि ''मौली नेमा अमरवाड़ा के ज्ञानदीप उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से पढ़ाई की है जो एक निजी स्कूल है. इसलिए उसे इस योजना में शामिल नहीं किया जा सकता.''
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लैपटॉप के लिए सीएम ने दिया था ₹25000 का चेक: बारहवीं कक्षा के रिजल्ट आने के बाद भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के द्वारा मध्य प्रदेश के मेधावी छात्रों का सम्मान समारोह आयोजित किया गया था. इसी कार्यक्रम में मेधावी छात्रों को आगे की पढ़ाई के लिए लैपटॉप खरीदने के लिए ₹25000 की राशि का चेक भी दिया गया था. खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मौली को अपने हाथों से ₹25000 का चेक लैपटॉप खरीदने के लिए दिया.
स्कूटी योजना में नहीं किया शामिल: मौली नेमा ने बताया कि ''इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनसे वादा भी किया था कि उन्हें स्कूटी भी दी जाएगी, लेकिन अब निजी स्कूल की छात्रा होने के चलते उसे इस योजना में शामिल नहीं किया गया है. मौली का कहना है कि ''जब लैपटॉप खरीदने के लिए ₹25000 सरकार ने खुद दिये हैं तो फिर स्कूटी योजना में शामिल क्यों नहीं किया गया. एक योजना में उसे शामिल किया गया और एक योजना में उसके साथ भेदभाव आखिर क्यों किया जा रहा है.''
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छिंदवाड़ा की बेटी है, मामा कर रहे सौतेला व्यवहार-कांग्रेस: महिला कांग्रेस की जिलाध्यक्ष किरण चौधरी ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि ''माता-पिता की कड़ी मेहनत, गुरूजनों का मार्गदर्शन और दिन रात पूरी लगन और परिश्रम से छिंदवाड़ा जिले की बेटी अमरवाड़ा निवासी कुमारी मौली नेमा ने माध्यमिक शिक्षा मंडल की बोर्ड परीक्षा में कक्षा बारहवीं में कला संकाय से सम्पूर्ण मध्य प्रदेश में प्रथम स्थान अर्जित किया. मौली की इस सफलता से गुरूजन परिजन सभी को यह आस थी कि प्रदेश में अव्वल आने वाली बेटी को अपनी घोषणा के अनुसार प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मामा उपहारस्वरूप स्कूटी प्रदान करेंगे. परन्तु छिंदवाड़ा की होने के कारण मामा का सौतेला व्यवहार सार्वजनिक हो गया है. लगातार पत्राचार व प्रावीण्य सूची का हवाला देने के बाद भी मामा के मंत्रालय की सूची में प्रदेश में प्रथम आने वाली मौली नेमा का नाम अंतिम तक कहीं नहीं है.''
नेताओं ने नहीं ली मौली की सुध: गौरतलब बात तो यह है कि विकास यात्रा और विकास पर्व मनाने वाले भाजपा के क्षेत्रीय और जिला स्तरीय नेताओं तक ने उदास मौली की सुध नहीं ली और न ही उसे पुरुस्कृत किये जाने के प्रयास किये. प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा छिंदवाड़ा जिले की टॉपर से की गई इस वादाखिलाफी का विरोध करते हुए जिला महिला कांग्रेस अध्यक्ष किरण चौधरी ने सम्पूर्ण भाजपा आरोप लगाते हुए कहा कि ''जब मौली ने प्रथम स्थान पाया तब जिला भाजपा अध्यक्ष सहित सभी नेता फोटो खिंचवाने में आगे रहे. परन्तु मौली को अब उसका हक दिलाने के लिये कोई भी भाजपाई आगे नहीं आया है.''
नेमा समाज ने लगाया भेदभाव का आरोप: नेमा दर्पण फाउंडेशन ने सरकार पर शासकीय और अशासकीय स्कूल में विद्यार्थियों में भेदभाव का आरोप लगाते हुए कहा है कि ''प्रदेश सरकार द्वारा एमपी बोर्ड परीक्षा में सरकारी स्कूलों की मेधावी छात्र-छात्राओं की स्कूटी प्रदान की जा रही है जिले की बेटी मौली ने कक्षा 12वीं में प्रदेश में पहला स्थान पाया. लेकिन उसे इस योजना में शामिल नहीं किया गया है. आखिर सरकारी और निजी स्कूलों के छात्र छात्राओं के बीच में भेदभाव क्यों किया जा रहा है.''
12वीं में प्रथम आने वाले 9000 बच्चों को मिलेगी स्कूटी: सरकारी हायर सेकेंडरी स्कूलों में अव्वल रहने वाली छात्राओं के साथ सरकार छात्रों को भी स्कूटी दे रही है. इस योजना से राज्य के लगभग नौ हजार छात्र-छात्राएं लाभान्वित होंगे. राज्य के हायर सेकेंडरी स्कूलों में प्रथम स्थान हासिल करने वाली छात्राओं के साथ छात्रों को भी स्कूटी दिए जाने का कैबिनेट ने प्रस्ताव पारित किया था. इससे राज्य के नौ हजार विद्यार्थियों को स्कूटी मिलेगी. इस योजना के तहत पहले वर्ष 135 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. वहीं, तीन साल के लिए 424 करोड़ रूपए की व्यवस्था की गई है.