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छिंदवाड़ा में होगी काजू की खेती, उद्यानिकी विभाग ने पूरी की तैयारी - उद्यानिकी अधिकारी एसके शेन्द्रे

छिंदवाड़ा में अब जल्द ही काजू की खेती होगी. उद्यानिकी विभाग के सहयोग से किसान अपने खेतों में काजू के पौधे लगाएंगे.

Cashew will be cultivated in Chhindwara
छिंदवाड़ा में होगी काजू की खेती
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Published : Mar 19, 2020, 9:41 PM IST

छिंदवाड़ा। जिले के आदिवासी अंचल में अब जल्द ही काजू की खेती होगी. जिसके लिए उद्यानिकी विभाग के सहयोग से किसान अपने खेतों में काजू के पौधे लगाएंगे. आदिवासी अंचल जुन्नारदेव और तामिया के पातालकोट इलाकों में फिलहाल 3 हजार काजू के पौधे लगाए जाएंगे, जो किसानों को दिए जा रहे हैं.

छिंदवाड़ा में होगी काजू की खेती

उद्यानिकी अधिकारी एसके शेन्द्रे ने बताया कि, काजू 3 से 4 सालों में फल देना शुरू कर देता है और छिंदवाड़ा की जलवायु काजू के हिसाब से ठीक है. यहां के किसान जल्द से जल्द काजू का उत्पादन शुरू करेंगे. उद्यानिकी विभाग के सहयोग से किसानों को जरूरत के हिसाब से काजू के पौधे वितरित किए जा रहे हैं.

काजू के पौधे फिलहाल देलाखारी के संजय निकुंज में रखे गए हैं, पौधों के लिए किसानों को अपना आधार कार्ड और जमीन की बही लाना होगा और रकबे के हिसाब से प्रत्येक किसान को काजू के पौधे वितरित किए जाएंगे.

छिंदवाड़ा। जिले के आदिवासी अंचल में अब जल्द ही काजू की खेती होगी. जिसके लिए उद्यानिकी विभाग के सहयोग से किसान अपने खेतों में काजू के पौधे लगाएंगे. आदिवासी अंचल जुन्नारदेव और तामिया के पातालकोट इलाकों में फिलहाल 3 हजार काजू के पौधे लगाए जाएंगे, जो किसानों को दिए जा रहे हैं.

छिंदवाड़ा में होगी काजू की खेती

उद्यानिकी अधिकारी एसके शेन्द्रे ने बताया कि, काजू 3 से 4 सालों में फल देना शुरू कर देता है और छिंदवाड़ा की जलवायु काजू के हिसाब से ठीक है. यहां के किसान जल्द से जल्द काजू का उत्पादन शुरू करेंगे. उद्यानिकी विभाग के सहयोग से किसानों को जरूरत के हिसाब से काजू के पौधे वितरित किए जा रहे हैं.

काजू के पौधे फिलहाल देलाखारी के संजय निकुंज में रखे गए हैं, पौधों के लिए किसानों को अपना आधार कार्ड और जमीन की बही लाना होगा और रकबे के हिसाब से प्रत्येक किसान को काजू के पौधे वितरित किए जाएंगे.

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