छिन्दवाड़ा। खरीफ का सीजन है, यूरिया की डिमांड जोरों पर है. डिमांड है तो कालाबाजारी के अवसर को कैसे हाथ से जाने दें? इस गोरखधंधे में लिप्त लोगों ने पूरा फायदा उठाना शुरू कर दिया है. नतीजतन, किसानों की फसलों के लिए वरदान यूरिया की black marketing धड़ल्ले से हो रही है. स्टॉकिंग की ऐसी ही शिकायत मिलने पर तमिया क्षेत्र के आलीवाडा में कृषि विभाग की टीम ने घेराबंदी कर ट्रक पर लदी 600 बोरी यूरिया जब्त की. इसकी कीमत एक लाख साठ हजार बताई जा रही है. कृषि विभाग के एसडीओ (SDO) प्रमोद सिंह ने चार लोगों के खिलाफ अपराधिक मामला दर्ज कराया है.
सीहोर के लोगों पर मामला दर्ज
दरअसल, कृषि विभाग को सूचना मिली थी यूरिया से भरा एक ट्रक अवैध रूप से भोपाल की तरफ से छिंदवाड़ा जा रहा था, तभी आलीवाड़ा के पास उसे घेराबंदी कर पकड़ लिया गया. ट्रक चालक के पास यूरिया खरीदी और परिवहन की अनुमति नहीं थी. इसकी जब जांच की गई तो पता चला कि यूरिया सीहोर के ग्राम अमोन निवासी धनीराम चौहान और मेघराज चौहान की है. इसे छिंदवाड़ा के रहमान को सप्लाई किया जाना था.
कृषि अधिकारी की शिकायत पर तामिया पुलिस ने धनीराम चौहान, मेघराज चौहान, ट्रक मालिक नरेश चौहान और चालक राजेश राजपूत के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.
पहले भी पकड़े गए हैं Black Marketeers, ये है वजह!
गौरतलब है कि, बीते माह ही अलीवाड़ा के एक मकान में 300 बोरी अवैध यूरिया जब्त किया गया था. इस तरह देखा जाए तो महीने भर में ही आलीवाडा में यूरिया की कालाबाजारी को लेकर दो बड़े मामले सामने आ चुके हैं. जिससे ऐसा लगता है कि क्षेत्र में खाद का अवैध कारोबार धड़ल्ले से जारी है.
दरअसल, जिले में डिमांड के अनुपात से शासन की तरफ से 50 फीसदी कम यूरिया आवंटित किया गया था .परिणामस्वरूप किसानों को मजबूरन प्राइवेट दुकानों से महंगी कीमतों पर यूरिया खरीदनी पड़ी और यहीं से धंधेबाजों की पौ बारह हो गई. मनमानी कीमतों पर वसूलने के चक्कर में उन्होंने अवैध तरीके से यूरिया मंगाना शुरू कर दिया. ज्यादा दिन नहीं बीते जब जिले के सांसद नकुल नाथ ने परासिया जनपद की बैठक में कृषि अधिकारी एवं एसडीएम (SDM) को सख्ती से यूरिया की कालाबाजारी को रोकने के निर्देश दिए थे.