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छिंदवाड़ा में बैंक का अजब कारनामा, 2006 में हो गई किसान की मौत, 2009 में जारी कर दिया लोन, अब भेज रहे वसूली का नोटिस

अक्सर देखा जाता है कि किसी बैंक से लोन लेना हो तो कई चक्कर लगाने पड़ते हैं. दस्तावेजों का पुलिंदा जमा करना पड़ता है. वैध-अवैध कमीशन देना पड़ता है, तब जाकर लोन मिलता है. लेकिन छिंदवाड़ा में बैंक वाले इतने दरियादिल हैं कि बिना मांग ही एक किसान को लोन दे दिया, वो भी उसकी मौत के 3 साल बाद.

loan in the name of dead farmer
बैंक का अजब कारनामा
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Published : Mar 29, 2023, 1:16 PM IST

Updated : Mar 29, 2023, 1:25 PM IST

2006 में मौत, 2009 में लोन

छिंदवाड़ा। जिले में अनोखा ही मामला सामने आया है. यहां किसान की मौत के 3 साल बाद उसे लोन दिया गया. इतना ही नहीं, अब उसके परिजन को वसूली के लिए नोटिस पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं. परेशान होकर मृतक के बेटे ने मामले की शिकायत कलेक्टर से की है.

₹2,75,000 की वसूली का नोटिस: छिंदवाड़ा की चौरई तहसील के टूनवाड़ा गांव के रहने वाले रामदयाल वर्मा ने कलेक्टर से मामले की शिकायत की है. उन्होंने कहा है कि उनके पिताजी अजब सिंह वर्मा का निधन 2006 में ही हो चुका है लेकिन छिंदवाड़ा के स्टेट बैंक द्वारा 2009 में पिताजी के नाम पर कर्ज लेना बताया जा रहा है. उन्हें इसकी जानकारी बैंक द्वारा जारी किए गए नोटिस के बाद लगी, जिसमें लोन की एवज में ₹2,75,000 जमा करने के लिए कहा गया है. रामदयाल का कहना है कि न तो उनके पिता ने कभी कोई कर्ज लिया और न ही उन्होंने. उन्हें तो इस बैंक के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है.

बिना कर्ज लिए ही कमलनाथ सरकार के दौरान माफी का पत्र भी मिला था: रामदयाल के साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले जब साल 2018 में कमलनाथ सरकार ने किसानों का ₹200000 तक का कर्ज माफ करने के लिए घोषणा की थी, तब उनके पास बैंक की तरफ से 2 लाख रुपए कर्ज माफी का पत्र आया था. वे तब भी चौंक गए थे. उनका कहना था कि जब हमने कोई कर्ज लिया ही नहीं है तो फिर माफी कैसी.

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कुर्की के लिए भी पहुंच रहे बैंक अधिकारी: रामदयाल ने बताया कि बैंक के अधिकारी उनके घर कर्ज वसूली के लिए कभी भी आ धमकते हैं और कुर्की की धमकी देते हैं. उनका कहना है कि जिस व्यक्ति की 2006 में मौत हो चुकी है, उसके नाम से 3 साल बाद बैंक ने आखिर किसे कर्ज दिया है. यह बैंक के लिए जांच का मामला है. हमें बेवजह परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कलेक्टर से शिकायत करते हुए कहा है कि पिताजी के नाम पर बैंक का कर्ज दिखाए जाने से वे अपनी जमीन को लेकर दूसरी बैंकों से किसी प्रकार का लेन-देन नहीं कर पा रहे हैं. इसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कलेक्टर से मांग की है कि वे मामले में बैंक को निर्देशित कर फर्जी कर्ज के मामले का खात्मा कराएं.

2006 में मौत, 2009 में लोन

छिंदवाड़ा। जिले में अनोखा ही मामला सामने आया है. यहां किसान की मौत के 3 साल बाद उसे लोन दिया गया. इतना ही नहीं, अब उसके परिजन को वसूली के लिए नोटिस पर नोटिस जारी किए जा रहे हैं. परेशान होकर मृतक के बेटे ने मामले की शिकायत कलेक्टर से की है.

₹2,75,000 की वसूली का नोटिस: छिंदवाड़ा की चौरई तहसील के टूनवाड़ा गांव के रहने वाले रामदयाल वर्मा ने कलेक्टर से मामले की शिकायत की है. उन्होंने कहा है कि उनके पिताजी अजब सिंह वर्मा का निधन 2006 में ही हो चुका है लेकिन छिंदवाड़ा के स्टेट बैंक द्वारा 2009 में पिताजी के नाम पर कर्ज लेना बताया जा रहा है. उन्हें इसकी जानकारी बैंक द्वारा जारी किए गए नोटिस के बाद लगी, जिसमें लोन की एवज में ₹2,75,000 जमा करने के लिए कहा गया है. रामदयाल का कहना है कि न तो उनके पिता ने कभी कोई कर्ज लिया और न ही उन्होंने. उन्हें तो इस बैंक के बारे में भी कोई जानकारी नहीं है.

बिना कर्ज लिए ही कमलनाथ सरकार के दौरान माफी का पत्र भी मिला था: रामदयाल के साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, इससे पहले जब साल 2018 में कमलनाथ सरकार ने किसानों का ₹200000 तक का कर्ज माफ करने के लिए घोषणा की थी, तब उनके पास बैंक की तरफ से 2 लाख रुपए कर्ज माफी का पत्र आया था. वे तब भी चौंक गए थे. उनका कहना था कि जब हमने कोई कर्ज लिया ही नहीं है तो फिर माफी कैसी.

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कुर्की के लिए भी पहुंच रहे बैंक अधिकारी: रामदयाल ने बताया कि बैंक के अधिकारी उनके घर कर्ज वसूली के लिए कभी भी आ धमकते हैं और कुर्की की धमकी देते हैं. उनका कहना है कि जिस व्यक्ति की 2006 में मौत हो चुकी है, उसके नाम से 3 साल बाद बैंक ने आखिर किसे कर्ज दिया है. यह बैंक के लिए जांच का मामला है. हमें बेवजह परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कलेक्टर से शिकायत करते हुए कहा है कि पिताजी के नाम पर बैंक का कर्ज दिखाए जाने से वे अपनी जमीन को लेकर दूसरी बैंकों से किसी प्रकार का लेन-देन नहीं कर पा रहे हैं. इसकी वजह से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कलेक्टर से मांग की है कि वे मामले में बैंक को निर्देशित कर फर्जी कर्ज के मामले का खात्मा कराएं.

Last Updated : Mar 29, 2023, 1:25 PM IST
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