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Bageshwar Dham धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य

बागेश्वर धाम के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का समर्थन करते हुए द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने ETV भारत से खास बातचीत में कहा है कि अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रमुख श्याम मानव खुद सनातनी नहीं हैं तो फिर उन्हें सनातन धर्म पर उंगली उठाने का कोई हक नहीं है.

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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य
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Published : Jan 25, 2023, 1:02 PM IST

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य

छिंदवाड़ा। शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन धर्म एक ऐसा धर्म है, जिसे कई लोगों ने अलग-अलग तरीके से नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. लेकिन सनातन धर्म कभी नष्ट नहीं हो सकता. सनातन धर्म और श्रीरामचरितमानस पर नेताओं द्वारा की जाने वाली टिप्पणियों पर शंकराचार्य स्वामी ने कहा है कि ये ऐसे लोग हैं जिन्हें ना तो उनका भावार्थ पता है और ना ही उनका शब्दार्थ पता है. ये वे लोग हैं जो श्री रामचरितमानस, श्रीराम और श्री तुलसीदास जी पर उंगली उठाकर खुद का वजूद बनाना चाहते हैं.

आर्थिक लाभ के चक्कर में धर्म परिवर्तन : शंकराचार्य स्वामी ने कहा है अगर हनुमान चालीसा में तुलसीदास जी ने लिखा है कि भूत पिशाच निकट नहीं आवे, हनुमान जब नाम सुनावे तो इसका मतलब भूत पिशाच जैसी शक्तियां हैं. पूजा पाठ करने से किसी का भला होता है तो किसी को इस में दिक्कत नहीं होनी चाहिए. बुद्धि की कमी के चलते और स्वार्थ की पूर्ति के लिए धर्म परिवर्तन किया जा रहा है. शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा है कि आजकल धर्म परिवर्तन का चलन है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जो धर्म परिवर्तन कर रहा है, क्या उसे अपने धर्म का ज्ञान है. अपने धर्म की उसे कमियां पता हैं या फिर जिस धर्म में वह जा रहा है, उसकी खूबियां उसे पता हैं लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है.

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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य

धर्म परिवर्तन पर कानून की मांग : धर्म परिवर्तन करने वाले वे लोग हैं जिन्हें अपने धर्म का ज्ञान ही नहीं है. सिर्फ आर्थिक लाभ के चलते ऐसे लोग धर्म परिवर्तन करते हैं और कुछ दूसरे धर्म के लोग ऐसे ही लोगों को टारगेट कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि धर्म परिवर्तन पर भी सरकार को कानून बनाना चाहिए. हिंदू धर्म में अलग-अलग धर्माचार्य पूजा पद्धति अलग-अलग बताते हैं, इस पर शंकराचार्य स्वामी ने कहा है कि सबसे सरल विधि सत्संग है. हिंदू धर्म में भगवान की पूजा करने का कोई विशेष विधान नहीं है. हिंदू धर्म में सगुण, निर्गुण, निर्विकार सभी की उपासना की जा सकती है. इसलिए अगर भगवान के सत्संग में व्यक्ति पहुंच जाए तो वहां पर भी पूजा हो जाती है.

Bageshwar Sarkar Row: कोर्ट पहुंचा धीरेंद्र शास्त्री और अंध श्रद्धा निर्मुलन समिति का विवाद, श्याम मानव के खिलाफ परिवाद दायर

माफी मांगकर हनुमान चालीसा पढ़ा : बौद्ध धर्म अपना चुके एक व्यक्ति ने छिंदवाड़ा में बागेश्वर धाम और हिंदू संस्कृति के खिलाफ सोशल मीडिया में अनर्गल टिप्पणी की, जिसकी शिकायत कोतवाली थाने में हुई. मंगलवार को उस व्यक्ति ने वापस हिंदू धर्म अपनाकर हनुमान चालीसा का पाठ किया और लोगों से माफी मांगी. नगर निगम में ठेकेदार विनोद मेश्राम ने सोशल मीडिया में टिप्पणी की थी. मेश्राम ने हिंदू धर्म के खिलाफ साथ ही बागेश्वर धाम पर अभद्रता करते हुए सोशल मीडिया ग्रुप में वायरल किया था. इससे गुस्साए लोगों ने कोतवाली थाने में विनोद मेश्राम के खिलाफ शिकायत कर कार्रवाई की मांग की थी.

धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य

छिंदवाड़ा। शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा कि सनातन धर्म एक ऐसा धर्म है, जिसे कई लोगों ने अलग-अलग तरीके से नुकसान पहुंचाने की कोशिश की. लेकिन सनातन धर्म कभी नष्ट नहीं हो सकता. सनातन धर्म और श्रीरामचरितमानस पर नेताओं द्वारा की जाने वाली टिप्पणियों पर शंकराचार्य स्वामी ने कहा है कि ये ऐसे लोग हैं जिन्हें ना तो उनका भावार्थ पता है और ना ही उनका शब्दार्थ पता है. ये वे लोग हैं जो श्री रामचरितमानस, श्रीराम और श्री तुलसीदास जी पर उंगली उठाकर खुद का वजूद बनाना चाहते हैं.

आर्थिक लाभ के चक्कर में धर्म परिवर्तन : शंकराचार्य स्वामी ने कहा है अगर हनुमान चालीसा में तुलसीदास जी ने लिखा है कि भूत पिशाच निकट नहीं आवे, हनुमान जब नाम सुनावे तो इसका मतलब भूत पिशाच जैसी शक्तियां हैं. पूजा पाठ करने से किसी का भला होता है तो किसी को इस में दिक्कत नहीं होनी चाहिए. बुद्धि की कमी के चलते और स्वार्थ की पूर्ति के लिए धर्म परिवर्तन किया जा रहा है. शंकराचार्य स्वामी सदानंद सरस्वती ने कहा है कि आजकल धर्म परिवर्तन का चलन है लेकिन सबसे बड़ी बात यह है कि जो धर्म परिवर्तन कर रहा है, क्या उसे अपने धर्म का ज्ञान है. अपने धर्म की उसे कमियां पता हैं या फिर जिस धर्म में वह जा रहा है, उसकी खूबियां उसे पता हैं लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है.

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धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के समर्थन में द्वारका शारदा पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य

धर्म परिवर्तन पर कानून की मांग : धर्म परिवर्तन करने वाले वे लोग हैं जिन्हें अपने धर्म का ज्ञान ही नहीं है. सिर्फ आर्थिक लाभ के चलते ऐसे लोग धर्म परिवर्तन करते हैं और कुछ दूसरे धर्म के लोग ऐसे ही लोगों को टारगेट कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि धर्म परिवर्तन पर भी सरकार को कानून बनाना चाहिए. हिंदू धर्म में अलग-अलग धर्माचार्य पूजा पद्धति अलग-अलग बताते हैं, इस पर शंकराचार्य स्वामी ने कहा है कि सबसे सरल विधि सत्संग है. हिंदू धर्म में भगवान की पूजा करने का कोई विशेष विधान नहीं है. हिंदू धर्म में सगुण, निर्गुण, निर्विकार सभी की उपासना की जा सकती है. इसलिए अगर भगवान के सत्संग में व्यक्ति पहुंच जाए तो वहां पर भी पूजा हो जाती है.

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