छिंदवाड़ा। जिले के वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों ने आने वाली खरीफ की फसल को तैयार करने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिये. गेहूं की फसल कटने के बाद अब यहां खरीफ की फसल बोई जाएगी.
कृषि वैज्ञानिक अशोक राय ने बताया कि नौतपा के इस मौसम में खेतों में खरीफ की फसल लगाने के लिए खेतों को 15 दिन पहले से तैयार किया जाए, जिससे मिट्टी में उपस्थित जीवाणु 9 तपे की धूप से समाप्त हो जाएं. इस प्रकार मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाई जा सकती है.
उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा को कॉन सिटी के लिए जाना जाता है. छिंदवाड़ा जिले में लगभग ढाई लाख हेक्टेयर भूमि पर मक्का उत्पादन होता है. इसीलिए पगली फॉल कीट से मक्का की फसलों को बचाना जरूरी है. अधिक जानकारी के लिए उन्होंने किसानों को कृषि अनुसंधान केंद्र से संपर्क करने की सलाह दी.