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छिंदवाड़ाः अच्छी फसल के लिये कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दिए सुझाव - मध्य प्रदेश

छिंदवाड़ा जिले के वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों ने अच्छी फसल के लिये किसानों को सुझाव कई सुझाव दिये. गेहूं की फसल कटने के बाद अब यहां खरीफ की फसल बोई जाएगी. खरीफ की फसल के लिये मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाने के लिये उन्होंने कई सुझाव दिये.

after cutting the grain crops
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Published : Jun 3, 2019, 9:02 PM IST

छिंदवाड़ा। जिले के वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों ने आने वाली खरीफ की फसल को तैयार करने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिये. गेहूं की फसल कटने के बाद अब यहां खरीफ की फसल बोई जाएगी.

छिंदवाड़ा में कटी हुई फसल

कृषि वैज्ञानिक अशोक राय ने बताया कि नौतपा के इस मौसम में खेतों में खरीफ की फसल लगाने के लिए खेतों को 15 दिन पहले से तैयार किया जाए, जिससे मिट्टी में उपस्थित जीवाणु 9 तपे की धूप से समाप्त हो जाएं. इस प्रकार मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाई जा सकती है.


उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा को कॉन सिटी के लिए जाना जाता है. छिंदवाड़ा जिले में लगभग ढाई लाख हेक्टेयर भूमि पर मक्का उत्पादन होता है. इसीलिए पगली फॉल कीट से मक्का की फसलों को बचाना जरूरी है. अधिक जानकारी के लिए उन्होंने किसानों को कृषि अनुसंधान केंद्र से संपर्क करने की सलाह दी.

छिंदवाड़ा। जिले के वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिकों ने आने वाली खरीफ की फसल को तैयार करने के लिए किसानों को कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिये. गेहूं की फसल कटने के बाद अब यहां खरीफ की फसल बोई जाएगी.

छिंदवाड़ा में कटी हुई फसल

कृषि वैज्ञानिक अशोक राय ने बताया कि नौतपा के इस मौसम में खेतों में खरीफ की फसल लगाने के लिए खेतों को 15 दिन पहले से तैयार किया जाए, जिससे मिट्टी में उपस्थित जीवाणु 9 तपे की धूप से समाप्त हो जाएं. इस प्रकार मिट्टी की उर्वरक क्षमता बढ़ाई जा सकती है.


उन्होंने कहा कि छिंदवाड़ा को कॉन सिटी के लिए जाना जाता है. छिंदवाड़ा जिले में लगभग ढाई लाख हेक्टेयर भूमि पर मक्का उत्पादन होता है. इसीलिए पगली फॉल कीट से मक्का की फसलों को बचाना जरूरी है. अधिक जानकारी के लिए उन्होंने किसानों को कृषि अनुसंधान केंद्र से संपर्क करने की सलाह दी.

Intro:छिंदवाड़ा
गर्मी के इस मौसम में खेतों में लगी फसल कटने के बाद खरीफ की फसल हुई जाएगी खेतों को पुनर तैयार करने के लिए किस प्रकार से तैयारी की जाए इसको लेकर कृषि वैज्ञानिक ने बताया
बड़ा कौन सिटी के नाम से जाना जाता है प्रदेश में सबसे अधिक मक्का छिंदवाड़ा जिले में उगाया जाता है मक्के को लेकर भी कृषि वैज्ञानिकों ने बताया कि किस प्रकार इसकी उर्वरक क्षमता बढ़ाई जा सकती है और किस प्रकार कीड़ों से बचाया जा सकता है


Body:नौतपा के इस मौसम में खेतों में खरीफ की फसल लगाने के लिए खेतों को 15 दिन पहले से तैयार किया जाए जिससे मिट्टी में उपस्थित व्यक्ति आवाज जीवाणु 9th पे की धूप से सभी समाप्त हो जाए और मिट्टी की उर्वरा क्षमता पड़ता है साथ ही छिंदवाड़ा में कॉन सिटी के लिए जाना जाता है लगभग छिंदवाड़ा जिले में ढाई लाख हेक्टेयर लगभग मक्का उत्पादन होता है
पगली फॉल कीट से मक्का की फसलों को बचाने के उपाय बताएं साथ ही अधिक जानकारी के लिए उन्होंने कृषि अनुसंधान केंद्र से संपर्क करने की बात कही

बाईट -01 अशोक राय, वरिष्ठ वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र चंदन गांव


Conclusion:नौतपा की बात अब खेती के लिए किसान जमीन को तैयार कर रहे हैं इसको लेकर वैज्ञानिक ने अपनी राय बताएं
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