छिंदवाड़ा। मृदा परीक्षण में भूमि यानी खेत में अलग-अलग जगह की मिट्टी को निकालकर रसायनिक जांच की जाती है, जिससे मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों के बारे में जानकारी मिलती है. परीक्षण का मुख्य उद्देश्य होता है कि उर्वरक का मापन और यह पता किया जा सके कि भूमि में कौन से तत्वों की कमी या अधिकता है.
- जैविक कार्बन
- उपलब्ध नाइट्रोजन
- उपलब्ध फास्फोरस
- उपलब्ध पोटाश
- मृदा पीएच
- घुलनशील
- विद्युत चालकता
- मृदा गठन
मृदा परीक्षण का उद्देश्य
मृदा परीक्षण का उद्देश्य होता है कि मृदा में आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा ज्ञात की जा सके. मृदा परीक्षण के आधार पर ही क्षेत्र का मूल्यांकन करना और उनकी उर्वरकता के आधार पर मानचित्र की तैयारी करना. इसके साथ ही परीक्षण के दौरान ही लवणता, अमलीयता और क्षरीयता की समस्या को पहचानना होता है. जांच के आधार पर ही भूमि को फिर से कृषि योग बनाया जाता है.