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मिट्टी से अनजान अपने किसान:  मृदा परीक्षण की ली ट्रेनिंग, वैज्ञानिकों ने दूर किया भ्रम

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Published : Jun 24, 2021, 9:30 AM IST

Updated : Jun 24, 2021, 11:27 AM IST

खेत की मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों का समय-समय पर परीक्षण न कराने पर धरती धीरे-धीरे बंजर होने लगती है. आज भी ऐसे बहुत किसान हैं, जिन्हें मृदा परीक्षण के बारे में कोई जानकारी नहीं है. ऐसे में कृषि अनुसंधान केंद्र के वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक ने इस संबंध में कई महत्वपूर्ण जानकारी दीं.

soil health card
मृदा स्वास्थ्य कार्ड

छिंदवाड़ा। मृदा परीक्षण में भूमि यानी खेत में अलग-अलग जगह की मिट्टी को निकालकर रसायनिक जांच की जाती है, जिससे मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों के बारे में जानकारी मिलती है. परीक्षण का मुख्य उद्देश्य होता है कि उर्वरक का मापन और यह पता किया जा सके कि भूमि में कौन से तत्वों की कमी या अधिकता है.

इन तत्वों का होता है विशेष महत्वबता दें कि पोषक तत्वों की मात्रा का निर्धारण सामान्यता निम्नलिखित तथ्यों को ज्ञात करने के लिए किया जाता है.
  • जैविक कार्बन
  • उपलब्ध नाइट्रोजन
  • उपलब्ध फास्फोरस
  • उपलब्ध पोटाश
  • मृदा पीएच
  • घुलनशील
  • विद्युत चालकता
  • मृदा गठन



मृदा परीक्षण का उद्देश्य
मृदा परीक्षण का उद्देश्य होता है कि मृदा में आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा ज्ञात की जा सके. मृदा परीक्षण के आधार पर ही क्षेत्र का मूल्यांकन करना और उनकी उर्वरकता के आधार पर मानचित्र की तैयारी करना. इसके साथ ही परीक्षण के दौरान ही लवणता, अमलीयता और क्षरीयता की समस्या को पहचानना होता है. जांच के आधार पर ही भूमि को फिर से कृषि योग बनाया जाता है.

छिंदवाड़ा। मृदा परीक्षण में भूमि यानी खेत में अलग-अलग जगह की मिट्टी को निकालकर रसायनिक जांच की जाती है, जिससे मिट्टी में उपलब्ध पोषक तत्वों के बारे में जानकारी मिलती है. परीक्षण का मुख्य उद्देश्य होता है कि उर्वरक का मापन और यह पता किया जा सके कि भूमि में कौन से तत्वों की कमी या अधिकता है.

इन तत्वों का होता है विशेष महत्वबता दें कि पोषक तत्वों की मात्रा का निर्धारण सामान्यता निम्नलिखित तथ्यों को ज्ञात करने के लिए किया जाता है.
  • जैविक कार्बन
  • उपलब्ध नाइट्रोजन
  • उपलब्ध फास्फोरस
  • उपलब्ध पोटाश
  • मृदा पीएच
  • घुलनशील
  • विद्युत चालकता
  • मृदा गठन



मृदा परीक्षण का उद्देश्य
मृदा परीक्षण का उद्देश्य होता है कि मृदा में आवश्यक पोषक तत्वों की मात्रा ज्ञात की जा सके. मृदा परीक्षण के आधार पर ही क्षेत्र का मूल्यांकन करना और उनकी उर्वरकता के आधार पर मानचित्र की तैयारी करना. इसके साथ ही परीक्षण के दौरान ही लवणता, अमलीयता और क्षरीयता की समस्या को पहचानना होता है. जांच के आधार पर ही भूमि को फिर से कृषि योग बनाया जाता है.

Last Updated : Jun 24, 2021, 11:27 AM IST
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