छिंदवाड़ा। छिंदवाड़ा के दमुआ के रहने वाला अब्दुल करीम ने कन्हान वैली स्कूल में पढ़ाई करने के बाद इंजीनियरिंग की. 15 साल पहले अब्दुल के पिता वेस्टर्न कोलफील्ड से रिटायर हुए तो वह भी उनके साथ छिंदवाड़ा आ गया. इसके बाद उसके माता-पिता सिवनी में रहने लगे, जबकि अब्दुल करीम छिंदवाड़ा में रहकर नौकरी करने लगा. अब्दुल करीम के पिता मोहम्मद हनीफ कुरेशी के दो बच्चे हैं. मोहम्मद हनीफ कुरेशी अपनी पत्नी के साथ सिवनी में रहते हैं, जबिक छोटा बेटा अलग रहता है. अब्दुल करीम की एक बेटी है, जो इंदौर में पढ़ाई करती है.
हर शुक्रवार को करता था जमावड़ा : अब्दुल करीम 13 साल पहले एफडीडीआई में बतौर इंजीनियर के रूप में भर्ती हुआ.अब्दुल करीम ने छिंदवाड़ा में पहले एक ऑटोमोबाइल शोरूम में काम किया. इसके बाद एफडीडीआई में काम शुरू किया. इंजीनियर के रूप में काम करते हुए प्रमोशन पाकर कुछ महीने पहले ही वह मेंटेनेंस शाखा में असिस्टेंट मैनेजर बन गया. अब्दुल के पड़ोसियों ने बताया कि वह काफी कट्टर है. हर शुक्रवार को उसके घर में सौ से डेढ़ सौ लोगों का जमावड़ा होता था. इस दौरान बैठक होती थी. जिसमें अक्सर बाहरी लोग शामिल होते थे.
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हैदराबाद में ट्रेनिंग ले चुका है अब्दुल करीम : हर शुक्रवार को मोहल्ले में होने वाली भीड़ को लेकर आसपास के लोगों ने आपत्ति की थी. इसके बाद अब्दुल करीम ने विशेष सभा की ठिकाना बदल दिया था. तब से वह कुकड़ाजगत में विशेष सभा के लिए लोग इकट्ठे होने लगे. आतंकी संगठन हिज्ब उत तहरीर को काफी खतरनाक बताया गया है. संगठन से जुड़े सभी गिरफ्तार आरोपी गोपनीय तरीके से जंगलों में कैंप लगाकर निशाना लगाने की प्रैक्टिस करते थे. इन कैंपों में ट्रेनर हैदराबाद से आते थे, उन्हें भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. सभी गुपचुप तरीके से धार्मिक सभा करते थे. इसमें भड़काऊ तकरीरें और जेहादी साहित्य बांटा जाता था.