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छिंदवाड़ा में है अर्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग का अद्भुत मंदिर, 4 प्रवेश द्वार हैं चारों धाम का प्रतीक - छिंदवाड़ा

छिंदवाड़ा का अर्धनारीश्वर मंदिर कई मायनों में खास है. यहां सूर्य की प्रथम किरण सीधे ज्योतिर्लिंग पर पड़ती है. माना जाता है कि इस मंदिर के ज्योतिर्लिंग के दर्शन से 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का पुण्य लाभ मिलता है.

अर्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग
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Published : Aug 3, 2019, 8:16 AM IST

छिंदवाड़ा। जिला मुख्यालय से लगभग 62 किलोमीटर की दूरी मोहगांव हवेली में अर्धनारीश्वर का अद्भुत मंदिर स्थित है. यह मंदिर परमार वंश के समय का है. इस मंदिर में चारों दिशाओं में चार प्रवेश द्वार हैं, जो चार धाम द्वारका, रामेश्वरम धाम, जगन्नाथ धाम और बद्रीनाथ धाम का प्रतीक है.

अर्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग


ज्योतिर्लिंग की अद्भुत विशेषता यह है कि यह गहरे काले रंग और गौर वर्ण दोनों तरह के पत्थर से निर्मित है, जो "शिव" और मां "पार्वती" के एक साथ विराजमान होने का प्रतीक है. यह अर्धनारीश्वर भगवान का अभीष्ट रूप है. विश्व में एकमात्र यही शिव मंदिर है, जहां सूर्य की प्रथम किरण सीधे ज्योतिर्लिंग पर पड़ती है. दावा किया जाता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन और प्रदक्षिणा से चारों धाम की यात्रा और 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का पुण्य लाभ मिलता है.

छिंदवाड़ा। जिला मुख्यालय से लगभग 62 किलोमीटर की दूरी मोहगांव हवेली में अर्धनारीश्वर का अद्भुत मंदिर स्थित है. यह मंदिर परमार वंश के समय का है. इस मंदिर में चारों दिशाओं में चार प्रवेश द्वार हैं, जो चार धाम द्वारका, रामेश्वरम धाम, जगन्नाथ धाम और बद्रीनाथ धाम का प्रतीक है.

अर्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग


ज्योतिर्लिंग की अद्भुत विशेषता यह है कि यह गहरे काले रंग और गौर वर्ण दोनों तरह के पत्थर से निर्मित है, जो "शिव" और मां "पार्वती" के एक साथ विराजमान होने का प्रतीक है. यह अर्धनारीश्वर भगवान का अभीष्ट रूप है. विश्व में एकमात्र यही शिव मंदिर है, जहां सूर्य की प्रथम किरण सीधे ज्योतिर्लिंग पर पड़ती है. दावा किया जाता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन और प्रदक्षिणा से चारों धाम की यात्रा और 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन का पुण्य लाभ मिलता है.

Intro:छिंदवाड़ा
अर्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग अद्भुत मंदिर ,महामृत्युंजय मंत्र पर आधारित है मंदिर ,
भगवान भोलेनाथ ने ब्रह्मा जी और दैत्य गुरु शंकराचार्य को इसी जगह अर्धनारेश्वर के रूप में दिए थे दर्शन,
मंदिर में चार प्रवेश द्वार है द्वारिका धाम, रामेश्वर धाम, जगन्नाथ धाम और बद्रीनाथ धाम,


Body:अर्धनारीश्वर का अद्भुत मंदिर छिंदवाड़ा जिले मुख्यालय से लगभग 62 किलोमीटर की दूरी मोहगांव हवेली में स्थित है यहां मंदिर परमार वंश के समय का है इस मंदिर में चारों दिशाओं में चार प्रवेश द्वार है जो चार धाम (द्वारिका धाम, रामेश्वर धाम ,जगन्नाथ धाम ,बद्रीनाथ धाम) का प्रतीक है दूसरा परकोट 12 प्रवेश द्वार है जो 12 ज्योतिर्लिंग के प्रतीक है ज्योतिर्लिंग की अद्भुत विशेषता यह है कि यह गहरे काले रंग एवं गौर वर्ण दोनों प्रकार के पत्थर से निर्मित है जिससे यह स्वयं महादेव" शिव" और पार्वती "शक्ति "के संगम एक साथ विराजमान होने का प्रतीक है जो कि अर्धनारीश्वर भगवान की अभीष्ट रूप है
विश्व में एकमात्र यही शिव मंदिर है जहां सूर्य की प्रथम किरण सीधे ज्योतिर्लिंग पर पड़ती है दावा किया जाता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन और प्रदक्षिणा से चारों धाम की यात्रा एवं 12 ज्योतिर्लिंग के दर्शन का पुण्य लाभ मिलता है इस मंदिर की समिति के सदस्य गोपाल बंजारी ने इस मंदिर और ज्योतिर्लिंग के महत्व के बारे में विस्तार से बताया
अर्धनारीश्वर मंदिर सर्पा नदी के तट पर स्थित है मंदिर सर अपनी नदी के तट पर स्थित होने के कारण इस अर्धनारीश्वर मंदिर में कालसर्प दोष निवारण विधि विधान से होता है यह सोलह सोमवार व्रत करने वालों के लिए भी पुण्य मिलता है

बाईट 01- गोपाल बंजारी ,समिति सदस्य अर्धनारीश्वर मंदिर मोहगांव ,छिंदवाड़ा
बाईट -02- वर्षा ठाकुर, जिला सिवनी निवासी ,भक्तगण
बाईट- 03 श्वेता ,भक्तगण
बाईट 04- रामराव ब्रह्मा,समिति अध्यक्ष, अर्धनारीश्वर मंदिर मोहगांव छिंदवाड़ा


Conclusion:अर्धनारीश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर साडे बारह ज्योतिर्लिंग है जो शिव और पार्वती के संगम का प्रतीक है
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