छिन्दवाड़ा। जिले में लगातार बढ़ रहे कोरोनावायरस संक्रमण को देखते हुए जांच में तेजी लाई जाएगी, जिसके लिए 50 टेस्ट रैपिड एंटीजन किट से होंगे. इस बात की जानकारी राजस्व और स्वास्थ्य अधिकारियों की बैठक के दौरान कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ने दी. बैठक में कोरोना संक्रमण से बचाव के संबंध में होम आईसोलेशन और रैपिड एंटीजन किट से जांच पर चर्चा की गई.
बैठक में कलेक्टर ने बताया कि कोविड-19के संक्रमण से बचाव के संबंध में दो विषयों होम आईसोलेशन और रेपिडेंसी टेस्ट के लिये नए दिशा-निर्देश प्राप्त हुये हैं. जिसमें 60 साल से ज्यादा उम्र और किसी अन्य बीमारी से ग्रस्त व्यक्तियों को छोड़कर व्यक्ति स्वेच्छा से होम आईसोलेट होकर अपना उपचार करा सकता है.
कोरोना के हल्के या पूरे लक्षण के मामलों में होम आईसोलेशन के लिए संशोधित दिशा निर्देश जारी किये गये हैं. जहां होम आईसोलेशन के लिये अपने निवास पर अपेक्षित सुविधा वाले बहुत हल्के या पूर्व-लक्षण वाले रोगियों के पास होम आईसोलेशन का विकल्प रहेगा.
यह विकल्प न्यूनतम एम.बी.बी.एस. योग्यता वाले चिकित्सकीय अधिकारी के नैदानिक रूप से मूल्यांकन, उपचार व उसके प्रमाण पत्र के आधार पर रहेगा. इसके लिये मरीज के आवास में प्रसाधन की सुविधा के साथ अन्य आवश्यक सुविधा का एक कमरा होना चाहिये, जिसमें परिवार के अन्य व्यक्ति संपर्क में न आ सकें.
मरीज को मोबाइल पर आरोग्य सेतु ऐप और सार्थक ऐप डाउनलोड करने के साथ ही हर समय ब्लूटूथ और वाई-फाई के माध्यम से सक्रिय रखना होगा. वहीं मरीज को अपने स्वास्थ्य की निगरानी करने की सहमति का घोषणा पत्र देना होगा और नियमित रूप से निगरानी रखने वाली टीम को आगे के लिये जिला निगरानी अधिकारी को अपने स्वास्थ्य की स्थिति से सूचित करना होगा. साथ ही होम आईसोलेशन के दिशा निर्देशों का पालन भी करना होगा.
इसके साथ ही मरीज की देखभाल के लिये एक व्यक्ति की अनुमति दी जायेगी, जिसमें निर्धारित दिशा निर्देशों का पालन करना होगा. सांस लेने में कठिनाई होने, छाती में लगातार दर्द, दबाव, मानसिक भ्रम या असमर्थता, होंठों व चेहरे का रंग नीला दिखाई देने पर चिकित्सा अधिकारी से तत्काल इलाज कराना होगा.
कलेक्टर ने बताया कि कोविड-19 के संक्रमण को रोकने और अधिक से अधिक जांच की सुविधा उपलब्ध कराने की दृष्टि से रेपिड एंटीजन टेस्ट किट का भी उपयोग किया जायेगा. यह टेस्ट काफी सरल और शीघ्र परिणाम देने वाला टेस्ट है, जिसमें किसी विशेष उपकरण की आवश्यकता नहीं होती और लगभग 30 मिनट के भीतर परिणाम मिल जाता है. जिले में कुल की जाने वाली जांचों में 50 प्रतिशत जांच रेपिड एंटीजन से की जायेगी. रेपिड एंटीजन जांच से प्राप्त पॉजिटिव रिपोर्ट को कन्फर्म पॉजिटिव माना जायेगा और बिना लक्षण वाले मरीजों की नेगेटिव रिपोर्ट को नेगेटिव माना जाएगा.
वहीं नेगेटिव पाए गए मरीजों में लक्षण दिखने पर फिर से आरटी-पीसीआर मशीन से जांच की जायेगी और इस मशीन से प्राप्त परिणाम को अंतिम माना जायेगा. उन्होंने बताया कि जिले के सभी फीवर क्लीनिकों में रैपिड एंटीजन जांच की जायेगी और इस जांच की जानकारी आईसीएमआर पोर्टल में दर्ज की जायेगी. रेपिड एंटीजन किट और आरटी-पीसीआर मशीनों से प्राप्त परिणाम को फीवर क्लीनिक पर घोषित नहीं किया जायेगा, बल्कि जिला स्तर पर रिपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद परिणाम बताए जाएंगे.