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अमरवाड़ा गोलीकांड की 24वीं बरसी पर नागरिकों ने दी श्रद्धांजलि - tribute to 24th year of amarwara firing

छिंदवाड़ा जिले में अमरवाड़ा गोलीकांड इतिहास का वो काला दिन है, इसी के चलते रविवार को अमरवाड़ा गोलीकांड की बरसी पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया.

Tribute meeting
24 वीं बरसी पर श्रद्धांजलि सभा
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Published : Jun 15, 2020, 3:31 PM IST

छिंदवाड़ा। रविवार को अमरवाड़ा गोलीकांड की बरसी थी, जिसके चलते नगर के हृदय स्थल चौक पर रात्रि 9 बजे श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें नगर के तीनों शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. 24 साल पहले 14 जून 1996 को केवल अफवाह फैलने पर पुलिस को गोली चलानी पड़ी थी, जिसमें अमरवाड़ा के तीन युवकों की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे. जिनमें से 8 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इन लोगों के खिलाफ 18 साल तक अदालत में मुकदमा भी चला था.

नागरिकों ने दी श्रद्धांजलि

नगर के समीपस्थ गांव पिपरिया राजगुरू में 14 जून 1996 को एक युवक की पुलिस ने कथित पिटाई कर दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी. युवक की मौत की अफवाह के बाद ग्रामीणों ने अमरवाड़ा पहुंचकर हंगामा करते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे, तभी पुलिस ने मामला संभालते हुए ग्रामीणों को रफा दफ कर दिया था. कुछ दिन बाद एक बार फिर ग्रामीणों ने थाने का घेराव करते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की थी. जिसके जवाब में पुलिस ने गोली चलाई थी.

14 जून का दिन अमरवाड़ा के इतिहास का काला दिन है. जिसके चलते मृतकों की याद में नगर के हृदय स्थल स्थानीय सहित चौक पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. जिसमें तीनों युवक राजू नेमा, सुरेंद्र जैन और सत्य प्रकाश के चित्र के सामने मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी गई.

छिंदवाड़ा। रविवार को अमरवाड़ा गोलीकांड की बरसी थी, जिसके चलते नगर के हृदय स्थल चौक पर रात्रि 9 बजे श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया, जिसमें नगर के तीनों शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई. 24 साल पहले 14 जून 1996 को केवल अफवाह फैलने पर पुलिस को गोली चलानी पड़ी थी, जिसमें अमरवाड़ा के तीन युवकों की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि कई लोग घायल हो गए थे. जिनमें से 8 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो गई थी. इन लोगों के खिलाफ 18 साल तक अदालत में मुकदमा भी चला था.

नागरिकों ने दी श्रद्धांजलि

नगर के समीपस्थ गांव पिपरिया राजगुरू में 14 जून 1996 को एक युवक की पुलिस ने कथित पिटाई कर दी थी, जिससे उसकी मौत हो गई थी. युवक की मौत की अफवाह के बाद ग्रामीणों ने अमरवाड़ा पहुंचकर हंगामा करते हुए पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे, तभी पुलिस ने मामला संभालते हुए ग्रामीणों को रफा दफ कर दिया था. कुछ दिन बाद एक बार फिर ग्रामीणों ने थाने का घेराव करते हुए पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की थी. जिसके जवाब में पुलिस ने गोली चलाई थी.

14 जून का दिन अमरवाड़ा के इतिहास का काला दिन है. जिसके चलते मृतकों की याद में नगर के हृदय स्थल स्थानीय सहित चौक पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया. जिसमें तीनों युवक राजू नेमा, सुरेंद्र जैन और सत्य प्रकाश के चित्र के सामने मोमबत्ती जलाकर श्रद्धांजलि दी गई.

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