छिंदवाड़ा। जिले के अंजुमन कमेटी की दुकान आवंटन का मामला अब सामाजिक बहिष्कार तक पहुंच गया है. अपनी शिकायत लेकर सभी पीड़ित परिवार एसपी से मिले और न्याय की गुहार लगाई है. अंजुमन के 14 पुराने किरायेदारों ने आरोप लगाया है, कि शहर की मस्जिदों से ऐलान कराया गया है, कि उनके परिवार को अंजुमन से मिलने वाली कोई भी सुविधा नहीं मिलेगी. जिसके चलते वे न तो मस्जिदों में नमाज पढ़ पाएंगे और न ही उन्हें दफनाने के लिए कब्रिस्तान में जगह मिलेगी. इतना ही नहीं उनके बच्चों को मदरसों में तालीम भी नहीं दी जाएगी.
अंजुमन कमेटी ने पक्की दुकानों का निर्माण कराया है. पीड़ित परिवारों का कहना है कि हम पूराने किराएदार हैं, इसलिए हमें रियायती दामों पर दुकान मिलना चाहिए, लेकिन अंजुमन नीलामी की प्रक्रिया के तहत दुकानें बेच रही है. जिसको लेकर दोनों पक्षों ने न्यायालय की शरण भी ली है. उसी के चलते अंजुमन कमेटी ने समाज के लोगों से वोटिंग के माध्यम से 14 परिवार के लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सलाह मांगी थी और समाज के निर्णय के हिसाब से इन लोगों को खिलाफ मस्जिद से ऐलान किया गया है.
हालांकि मामला अब पुलिस के पास है. एसपी ने सीएसपी को जांच का जिम्मा सौंपा है. वहीं अंजुमन सदर का कहना है कि उनके ऊपर और अंजुमन कमेटी के ऊपर लगाए गए सारे आरोप बेबुनियाद है, जबकि केवल 14 लोगों को अंजुमन में बनने वाली दुकानों नहीं देने का ऐलान किया गया है.