छतरपुर। जिले का शासकीय अस्पताल एक बार फिर सुर्खियों में है. इस बार की वजह बेहद शर्मनाक है. जिला अस्पताल का पांचवा माला इन दिनों अय्याशियों का अड्डा बन चुका है. यही वजह है कि संभाग के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में लोग अपना इलाज कराने के अलावा नशा और अय्याशी के लिए भी पहुंच रहे है.
शाम ढलते ही बन जाता है नशे का अड्डा
शाम ढलते ही अस्पताल के पांचवें माले में असामाजिक तत्वों का डेरा डल जाता है. पांचवें माले में शराब की बोतलें और सिगरेट के कई पैकेट आसानी से मिल जाते है. जिला अस्पताल में लोग अपना इलाज कराने के लिए दूर-दूर आते हैं, लेकिन अब यह अस्पताल लोगों के लिए नशा और अय्याशी का अड्डा बनता जा रहा है. ऐसा नहीं है कि अस्पताल प्रबंधन के पास इस प्रकार के काम को रोकने के लिए पर्याप्त साधन उपलब्ध नहीं है. अस्पताल में कई गार्ड मौजूद है. यहां नीचे एक चौकी भी है. बावजूद इसके असामाजिक तत्व धड़ल्ले से पांचवें माले में पहुंचकर न सिर्फ शराब और सिगरेट का सेवन करते हैं, बल्कि वहां पर कई आपत्तिजनक चीजें भी देखी गई है.
सतना स्मार्ट सिटी के जिला अस्पताल में नहीं है पानी!
क्या बोले सिविल सर्जन
जिला अस्पताल के सिविल सर्जन डॉक्टर लखन तिवारी ने बताया कि फिलहाल अस्पताल की पांचवी मंजिल का किसी भी तरह का उपयोग नहीं हो रहा है. यही वजह है कि वहां पर असामाजिक तत्व आसानी से पहुंच जाते हैं. आने वाले समय में जल्द से जल्द पांचवे मंजिल का काम पूरा हो जाएगा, जिसके बाद उसका उपयोग अस्पताल के विभिन्न कार्यों में किया जाएगा.