मध्यप्रदेश। छतरपुर जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में इन दिनों नसबंदी शिविर लगाए जा रहे हैं. जिनमें दूर-दूर से ग्रामीण अंचल की महिलाएं पहुंच रही हैं, लेकिन गुरूवार को जब महिलाएं नसबंदी शिविर में पहुंची तो एहसास हुआ कि स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर जिला प्रशासन ने उनके साथ मजाक किया है.
ऑपेरशन सेंटर में लगा मिला ताला
जिला अस्पताल में दूर दराज से पहुंची महिलाओं को जब इस बात का पता चला कि एलटीटी सेंटर जहां पर उनका नसबंदी ऑपरेशन होना है. वहां पर ताला लटका हुआ है, तो वह बेहद परेशान हो गई. ताला लटकने की वजह भी बेहद अजीबोगरीब है. दरअसल जिला अस्पताल में 3 महिला स्त्री रोग विशेषज्ञ और पांच महिला डॉक्टर है. बावजूद इसके पिछले 3 दिनों से महिलाएं नसबंदी के लिए महिला सर्जन का इंतजार करती रही. लेकिन जिस महिला सर्जन की ड्यूटी महिला नसबंदी शिविर में लगाई गई थी. उस महिला डॉक्टर ने नसबंदी करने से साफ इनकार कर दिया.
महिला डॉक्टर की लापरवाही,खामियाजा भुगत रही महिलाएं
सभी महिलाएं जिला अस्पताल में पदस्थ कुछ महिला डॉक्टरों की लापरवाही का खामियाजा भुगत रही हैं. सिविल सर्जन डॉक्टर लखन तिवारी ने बताया कि जिला अस्पताल में नसबंदी शिविर के लिए डॉक्टर गीता चौरसिया की ड्यूटी लगाई गई थी. लेकिन कई बार कहने के बाद भी डॉक्टर गीता चौरसिया महिलाओं के नसबंदी शिविर में नहीं पहुंचे और ना ही उन्होंने आज कोई ऑपरेशन किया है. सिविल सर्जन ने यह भी कहा कि वह खुद और सीएमएचओ कई बार उनसे बात कर निवेदन कर चुके हैं कि उनकी वजह से कई महिलाएं परेशान हैं और उन्हें नसबंदी शिविर में पहुंचकर अपनी सेवाएं देनी चाहिए.