छतरपुर। वैसे तो सरकारी स्कूल ज्यादातर अपनी अव्यवस्थाओं के चलते जाने जाते हैं, लेकिन छतरपुर जिले के चंदला विधानसभा क्षेत्र का एक सरकारी स्कूल अपनी व्यवस्थाओं के चलते चर्चा में है. चर्चा की वजह स्कूल की बागवानी और स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षकों का व्यवहार है. स्कूल की खास बात ये है कि इसमें पढ़ाने वाले सभी शिक्षक खुद की जेब से पैसा लगाकर स्कूल की व्यवस्थाओं को बेहतर बनाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. स्कूल में सुंदर बगीचे के साथ कमरों में पेंटिंग भी है.
खुद के पैसे से किया स्कूल का सौंदर्यीकरण
स्कूल के प्रधानाध्यापक एसएल अहिरवार बताते हैं कि स्कूल को सुव्यवस्थित और सुंदर बनाने के लिए वो और उनके सहयोगी शिक्षक पिछले 4 सालों से लगातार मेहनत कर रहे हैं. स्कूल के अंदर बने मां सरस्वती के मंदिर में भी उन्होंने किसी तरह से सरकारी पैसे का उपयोग नहीं किया है. प्रधानाध्यापक आगे बताते हैं कि 4 साल पहले स्कूल बदहाली की हालत में था. चारों ओर स्कूल की दीवारें टूटी हुई थी. असामाजिक तत्व कभी भी स्कूल के अंदर आ जाते थे लेकिन सभी शिक्षकों ने मिलकर इस स्कूल को बेहतर बनाने के लिए लगातार कोशिश की है.
शिक्षकों ने सुधार दी स्कूल की हालत
स्कूल की छात्रा संगीता अहिरवार बताती हैं कि वो पिछले 8 सालों से इस स्कूल में पढ़ रही हैं. पहले स्कूल के हालत इतने अच्छी नहीं थे. लेकिन जब से नए शिक्षकों ने स्कूल संभाला है तब से स्कूल की हालत सुधर गई है.