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हनुमान के मंदिर को छू तक नहीं पाया था मुगल शासक, भंवरों के चमत्कार से चौंक गई थी सेना

हजारों साल पहले बने भैरव मंदिर के प्रति लोगों में गहरी आस्था है. मंदिर को पुरातत्व विभाग ने अपनी देखरेख में ले रखा है, लेकिन अभी तक इस मंदिर का निर्माण नहीं कराया. बताया जा ता है कि जब भी कोई इस मंदिर को छूने की कोशिश करता है तो लाखों की संख्या में भंवरे उस पर हमला कर देते हैं.

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Published : Jun 28, 2019, 12:20 PM IST

Updated : Jun 28, 2019, 12:39 PM IST

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छतरपुर। वैसे तो पूरी दुनिया में राम भक्त हनुमान के हजारों मंदिर मौजूद हैं, लेकिन खजुराहो में भगवान हनुमान का एक ऐसा मंदिर है, जो अपने अनोखे स्वरूप और अद्भुत चमत्कारों के लिए जाना जाता है. इस मंदिर को लोग भैरों वीर के नाम से भी जानते हैं. ये मंदिर खजुराहो के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है.

हमुमानजी का चमत्कारी मंदिर
6वीं शताब्दी में जब इस मंदिर का निर्माण कराया गया था, तब से लेकर आज तक स्थानीय लोगों के अलावा दूर-दूर से आने वाले भक्तों में इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है. मंदिर से जुड़ी रोचक किवदंती भी है. बताया जाता है कि सैकड़ों साल पहले एक मुस्लिम शासक ने मंदिर को तोड़ने की कोशिश की थी, वो मुस्लिम शासक हजारों की संख्या में मंदिर को तोड़ने आया था. जैसे ही मंदिर को तोड़ने की कोशिश की गई, तो लाखों की संख्या में भंवरों ने मुस्लिम शासक की सेना पर हमला कर दिया. इसके बाद उस मुस्लिम शासक को वहां से भागना पड़ा, तब से इस मंदिर का नाम भैंरो वीर पड़ गया.

मंदिर की जानकारी देते हुए रजिस्टर्ड गाइड श्यामलाल बताते हैं कि मंदिर का खजुराहो में अलग ही महत्व है. जब भी कभी गांव में झगड़ा होता है, तो लोग अपने-अपने झगड़े सुलझाने के लिए इस मंदिर में आते हैं. मंदिर को लोग बेहद पवित्र और शक्तिशाली मानते हैं. लोगों की आस्था है कि इस मंदिर में कोई भी व्यक्ति झूठ नहीं बोलता है.

श्यामलाल बताते हैं कि आज भी लाखों की संख्या में भंवरे इस मंदिर की रक्षा करते हैं. यही वजह है कि आज तक मंदिर में निर्माण नहीं हो सका. श्यामलाल बताते हैं कि जब भी कोई इस मंदिर का निर्माण कराने या उसे कुछ नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है, तो आज भी भंवरे उन लोगों पर हमला बोल देते हैं.

छतरपुर। वैसे तो पूरी दुनिया में राम भक्त हनुमान के हजारों मंदिर मौजूद हैं, लेकिन खजुराहो में भगवान हनुमान का एक ऐसा मंदिर है, जो अपने अनोखे स्वरूप और अद्भुत चमत्कारों के लिए जाना जाता है. इस मंदिर को लोग भैरों वीर के नाम से भी जानते हैं. ये मंदिर खजुराहो के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है.

हमुमानजी का चमत्कारी मंदिर
6वीं शताब्दी में जब इस मंदिर का निर्माण कराया गया था, तब से लेकर आज तक स्थानीय लोगों के अलावा दूर-दूर से आने वाले भक्तों में इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है. मंदिर से जुड़ी रोचक किवदंती भी है. बताया जाता है कि सैकड़ों साल पहले एक मुस्लिम शासक ने मंदिर को तोड़ने की कोशिश की थी, वो मुस्लिम शासक हजारों की संख्या में मंदिर को तोड़ने आया था. जैसे ही मंदिर को तोड़ने की कोशिश की गई, तो लाखों की संख्या में भंवरों ने मुस्लिम शासक की सेना पर हमला कर दिया. इसके बाद उस मुस्लिम शासक को वहां से भागना पड़ा, तब से इस मंदिर का नाम भैंरो वीर पड़ गया.

मंदिर की जानकारी देते हुए रजिस्टर्ड गाइड श्यामलाल बताते हैं कि मंदिर का खजुराहो में अलग ही महत्व है. जब भी कभी गांव में झगड़ा होता है, तो लोग अपने-अपने झगड़े सुलझाने के लिए इस मंदिर में आते हैं. मंदिर को लोग बेहद पवित्र और शक्तिशाली मानते हैं. लोगों की आस्था है कि इस मंदिर में कोई भी व्यक्ति झूठ नहीं बोलता है.

श्यामलाल बताते हैं कि आज भी लाखों की संख्या में भंवरे इस मंदिर की रक्षा करते हैं. यही वजह है कि आज तक मंदिर में निर्माण नहीं हो सका. श्यामलाल बताते हैं कि जब भी कोई इस मंदिर का निर्माण कराने या उसे कुछ नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है, तो आज भी भंवरे उन लोगों पर हमला बोल देते हैं.

Intro:वैसे तो पूरी दुनिया में राम भक्त हनुमान के हजारों मंदिर मौजूद हैं लेकिन खजुराहो में भगवान हनुमान का एक ऐसा मंदिर है जो अपने अनोखे स्वरूप एवं अद्भुत चमत्कारों के लिए जाना जाता है इस मंदिर को लोग भैरों वीर के नाम से भी जानते हैं!


Body:खजुराहो के सबसे पुराने मंदिरों में से एक भगवान हनुमान का मंदिर जिसे लोग भैरो वीर के नाम से भी जानते हैं इस मंदिर का निर्माण 600 शताब्दी में कराया गया था तब से लेकर आज तक स्थानीय लोगों के अलावा दूर-दूर से आने वाले भक्तों में इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है!

इस मंदिर से जुड़ी हुई एक कहानी है सैकड़ों बरसों पहले एक मुस्लिम शासक ने मंदिर को तोड़ने की कोशिश की थी इस मंदिर को तोड़ने के लिए मुस्लिम शासक अपनी हजारों की संख्या में सेना को लेकर आया था जैसे ही उस मुस्लिम शासक ने मंदिर को तोड़ने की कोशिश की तभी लाखों की संख्या में भंवरों ने उस मुस्लिम शासक एवं उसकी सेना पर हमला कर दिया जिसके बाद उस मुस्लिम शासक को वहां से भागना पड़ा तभी से इस मंदिर का नाम भैरो वीर पड़ गया|

मंदिर की जानकारी देते हुए रजिस्टर्ड गाइड श्यामलाल बताते हैं कि इस मंदिर का खजुराहो में अलग ही महत्व है आज भी जब भी कभी गांव में झगड़ा होता है तो लोग अपने अपने झगड़े सुलझाने के लिए इस मंदिर में आते हैं इस मंदिर को लोग बेहद पवित्र एवं शक्तिशाली मानते हैं लोगों की आस्था है कि इस मंदिर में कोई भी व्यक्ति झूठ नहीं बोलता है!

श्यामलाल बताते हैं कि आज भी लाखों की संख्या में भंवरे इस मंदिर की रक्षा करते हैं यही वजह है कि आज तक इस मंदिर में निर्माण नहीं हो सका और इससे टीन सेड मे ही रखा गया है श्यामलाल बताते हैं कि जब भी कोई इस मंदिर का निर्माण कराने या उससे कुछ नुकसान पहुंचाने की कोशिश करता है तो आज भी भवरे उन लोगों पर हमला बोल देते हैं!

बाइट_श्याम लाल



Conclusion: हजारों साल से बनाई है मंदिर लोगों के लिए आज भी आस्था का केंद्र बना हुआ है आज भी गांव के लोग इस मंदिर में अपने झगड़े सुलझाने के लिए आते हैं! वैसे तो इस मंदिर को पुरातत्व विभाग ने अपनी देखरेख में ले रखा है लेकिन अभी तक इस मंदिर का निर्माण नहीं कराया शायद यही वजह है कि जब भी कोई इस मंदिर को छूने की कोशिश करता है लाखों की संख्या में भंवरे उस पर हमला कर देते हैं!
Last Updated : Jun 28, 2019, 12:39 PM IST
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