छतरपुर। जिले से महज 3 किलोमीटर दूर प्रशासन की एक बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. लगभग 80 लाख रुपए की लागत से तैयार खेल मैदान जंगल में तब्दील हो गया है. खेल मैदान के अंदर शराब की बोतलें और कई अश्लील सामान देखने को मिला है. इतना ही नहीं खेल मैदान के अंदर बने कमरों में गधे व अन्य जानवर गोबर करते हुए दिखाई देते हैं. 80 लाख रुपए का बनाया मैदान पूरी तरह से प्रशासन की लापरवाही की भेंट चढ़ चुका है.
मैदान में बने कमरों में जानवरों का कब्जा
खेल मैदान के अंदर बने कमरों में गोबर पड़ा है, जिस खेल मैदान में बच्चों को खेलना चाहिए था, वहां बड़ी-बड़ी जंगली घास पेड़ पौधे नजर आते हैं. पनोठा गांव के सरपंच का कहना है कि जिला पंचायत की तरफ से फिलहाल इस खेल मैदान की सुरक्षा के लिए ना तो बजट उपलब्ध कराया गया है और ना ही कोई कर्मचारी इसकी देखरेख के लिए नियुक्त किया गया है. यही वजह है कि इस खेल मैदान के ऐसे हालात हो गए हैं. सरपंच का कहना है कि अब वह कोशिश कर रहे हैं कि अपने खुद के पैसों से इस खेल मैदान को एक बार फिर से पहले जैसा किया जाए ताकि बच्चे यहां आकर खेल सकें और अपना शारीरिक और मानसिक विकास कर सकें.
अब सोचने वाली बात यह है कि 80 लाख से बनी है, बिल्डिंग जर्जर हालत में पड़ी है, यहां असामाजिक तत्वों का डेरा है और जो धीरे-धीरे खंडहर में तब्दील होने लगी है. वहीं अगर आने वाले समय में जिला प्रशासन इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया तो शायद यह खेल मैदान, पूरी तरह जंगल में तब्दील हो जाएगा. वहीं जब इस मामले में हमने जिले के संबंधित अधिकारियों से बात करनी चाही तो किसी भी अधिकारी ने मामले में बोलने से साफ इनकार कर दिया. तो वहीं गांव के सरपंच का कहना है कि वह अपने निजी खर्च पर इस खेल मैदान का रखरखाव करने के लिए तैयार हैं.