छतरपुर। कहते हैं बच्चे मां-बाप के लिए बुढ़ापे का सहारा होते हैं. लेकिन आज हम आपको एक ऐसा मामला बताने जा रहे हैं, जिसे देखकर आप हैरान रह जाएंगे. छतरपुर शहर के चौबे कॉलोनी में रहने वाली एक बुजुर्ग मां को उसका बेटा उस समय छोड़कर भाग गया, जिस समय उसे उसकी सबसे ज्यादा जरुरत थी.
छतरपुर शहर के चौबे कॉलोनी में रहने वाली 65 साल बुजुर्ग महिला सुमित्रा न तो सुन सकती है और ना ही बोल सकती हैं. घर में खाने के लिए अन्न का एक दाना भी नहीं है. पिछले कई दिनों से घर की लाइट भी कट चुकी है. ऐसे हालातों में जिंदगी गुजार रही इस महिला का बेटा उन्हें छोड़कर चल गया. लॉकडाउन में इस बुजुर्ग महिला की परेशानी बढ़ गई हैं. हालांकि कुछ युवा समाजसेवियों को जब महिला की इस हालत के बारे में पता चला, तो उन्होंने बुजुर्ग महिला की मदद की है.
राशन कार्ड होने के बाद भी नहीं मिल रहा राशन
बुजुर्ग महिला सुमित्रा के पास राशन कार्ड भी है, बावजूद इसके उन्हें राशन नहीं मिल रहा है. बोल न पाने के चलते उनका दर्द कोई नहीं समझता. उन्होंने इशारे में बताया कि, वह जब राशन लेने गई तो उनका राशन कार्ड फाड़ कर उन्हें वहां से भगा दिया गया, जिससे उनके पास राशन तक नहीं बचा और लॉकडाउन में उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पिछले कुछ दिनों से शहर के कुछ युवा समाजसेवी लगातार इस महिला की मदद कर रहे हैं. बड़ा सवाल यह है कि, जिस समय इस बुजुर्ग मां को सबसे अधिक अपने बेटे की जरुरत थी. उसी समय सुमित्रा के बेटे ने उसका साथ छोड़ दिया.