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सम्मान मिलते ही मुस्कुरा पड़ी शहीद की पत्नी, बोली- जिंदगी भर याद रहेगी ये खुशी

ईटीवी भारत की खबर के बाद समाजसेवी और बजरंग दल शहीद परिवार से मिलने पहुंचे और उनका सम्मान भी किया. वहीं इस सम्मान के बाद शहीद का परिवार खुश हो गया.

शहीद के परिवार का हुआ सम्मान
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Published : Aug 15, 2019, 9:53 PM IST

छतरपुर। जिले में ईटीवी भारत की खबर के असर के चलते समाजसेवियों और बजरंग दल के सदस्यों ने शहीद परिवार के घर पहुंचकर उन्हें सम्मानित किया और शहीद धरमदास पटेल के परिवार को अच्छे-बुरे वक्त में सहयोग करने का आश्वासन भी दिया.


मझगवां निवासी धरमदास पटेल साल करगिल युद्ध में शहीद हो गए थे. जिसके बाद सरकार ने भी उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया, न ही उनके परिवार पर ध्यान दिया. उनकी पत्नी श्यामा बाई सालों तक पति के सम्मान के लिए लड़ती रहीं, लेकिन अंत में हारकर उन्होंने खुद के पैसे से शहीद पति की एक प्रतिमा अपने गांव की जमीन पर लगवा दी.


श्यामा बाई का कहना है कि जिस तरह का व्यवहार उनके साथ राज्य सरकार ने किया. उसकी वो कड़ी निंदा करती हैं. परिवार के लोगों का कहना है कि सरकारें उन्हें उचित सम्मान नहीं देती, जोकि एक शहीद परिवार को मिलना चाहिए. उन्होंने बताया कि हर साल 15 अगस्त पर उनके यहां आमंत्रण भेजा जाता था, लेकिन इस बार वो भी नहीं आया और न ही उन्हें शहीदों के परिवार की श्रेणी में रखा गया.

शहीद के परिवार का हुआ सम्मान


ये खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद छतरपुर के कई समाजसेवी और बजरंग दल के बड़े नेता शहीद के परिवार से मिलने पहुंचे. उन्हें शॉल श्रीफल देकर सम्मानित किए और सहयोग करने का वादा भी किया. वहीं इस बारे में बजरंग दल के नगर संयोजक सुरेंद्र शिवहरे का कहना है कि ईटीवी भारत पर प्रकाशित खबर के बाद उन्हें इस बात की जानकारी मिली. जिसके बाद शहीद परिवार का सम्मान किया गया.


विश्व हिंदू परिषद के जिला सहमंत्री पुष्पेंद्र सिंह परमार का कहना है कि शहीद के परिवार से जुड़ी खबर दिखाने के लिए वे ईटीवी भारत का दिल से शुक्रिया अदा करते हैं. वहीं समाजसेवी जोगिंदर सिंह ने भी ईटीवी भारत पर दिखाई खबर की तारीफ की. वहीं शहीद की पत्नी ने कहा कि ये खुशी वह जिंदगी भर नहीं भूलेंगी.

छतरपुर। जिले में ईटीवी भारत की खबर के असर के चलते समाजसेवियों और बजरंग दल के सदस्यों ने शहीद परिवार के घर पहुंचकर उन्हें सम्मानित किया और शहीद धरमदास पटेल के परिवार को अच्छे-बुरे वक्त में सहयोग करने का आश्वासन भी दिया.


मझगवां निवासी धरमदास पटेल साल करगिल युद्ध में शहीद हो गए थे. जिसके बाद सरकार ने भी उन्हें उचित सम्मान नहीं दिया, न ही उनके परिवार पर ध्यान दिया. उनकी पत्नी श्यामा बाई सालों तक पति के सम्मान के लिए लड़ती रहीं, लेकिन अंत में हारकर उन्होंने खुद के पैसे से शहीद पति की एक प्रतिमा अपने गांव की जमीन पर लगवा दी.


श्यामा बाई का कहना है कि जिस तरह का व्यवहार उनके साथ राज्य सरकार ने किया. उसकी वो कड़ी निंदा करती हैं. परिवार के लोगों का कहना है कि सरकारें उन्हें उचित सम्मान नहीं देती, जोकि एक शहीद परिवार को मिलना चाहिए. उन्होंने बताया कि हर साल 15 अगस्त पर उनके यहां आमंत्रण भेजा जाता था, लेकिन इस बार वो भी नहीं आया और न ही उन्हें शहीदों के परिवार की श्रेणी में रखा गया.

शहीद के परिवार का हुआ सम्मान


ये खबर ईटीवी भारत ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था. जिसके बाद छतरपुर के कई समाजसेवी और बजरंग दल के बड़े नेता शहीद के परिवार से मिलने पहुंचे. उन्हें शॉल श्रीफल देकर सम्मानित किए और सहयोग करने का वादा भी किया. वहीं इस बारे में बजरंग दल के नगर संयोजक सुरेंद्र शिवहरे का कहना है कि ईटीवी भारत पर प्रकाशित खबर के बाद उन्हें इस बात की जानकारी मिली. जिसके बाद शहीद परिवार का सम्मान किया गया.


विश्व हिंदू परिषद के जिला सहमंत्री पुष्पेंद्र सिंह परमार का कहना है कि शहीद के परिवार से जुड़ी खबर दिखाने के लिए वे ईटीवी भारत का दिल से शुक्रिया अदा करते हैं. वहीं समाजसेवी जोगिंदर सिंह ने भी ईटीवी भारत पर दिखाई खबर की तारीफ की. वहीं शहीद की पत्नी ने कहा कि ये खुशी वह जिंदगी भर नहीं भूलेंगी.

Intro:जिले में एक बार फिर ईटीवी भारत की खबर का बड़ा असर देखने को मिला है आपको बता दें कि ईटीवी भारत ने 1 दिन पहले शहीद धरमदास पटेल की खबर चलाई थी उसके बाद को समाजसेवियों एवं बजरंग दल के सदस्यों ने शहीद परिवार के घर पहुंचकर न सिर्फ उन्हें सम्मानित किया बल्कि उनके हर अच्छे बुरे वक्त में सहयोग करने का आश्वासन भी दिया!


Body:छतरपुर जिले के मझगवां गांव में रहने वाले धरमदास पटेल सन 2000 में कारगिल युद्ध में शहीद हुए थे जिसके बाद सरकार ने ना ही उन्हें उचित सम्मान दिया और ना ही उनके परिवार का ध्यान जिसके बाद उनकी पत्नी श्यामा बाई ने कई सालों तक अपने पति के सम्मान के लिए लड़ाई लड़ी इतना ही नहीं उन्होंने खुद के पैसे से अपने सही पति की एक प्रतिमा अपने गांव की जमीन पर भी लगवा दी!

श्यामा बाई अपने शहीद पति पर तो गर्व करती हैं लेकिन जिस तरह का व्यवहार उनके साथ राज्य सरकार ने किया उसकी डे कड़ी निंदा भी करती हैं परिवार के लोगों का कहना है कि सरकार उन्हें उचित सम्मान नहीं देती जो कि एक शहीद परिवार को मिलना चाहिए!

श्यामा बाई ने नम आंखों से बताया कि 15 अगस्त में हर वर्ष उनके यहां पर आमंत्रण भेजा जाता था लेकिन इस बार कोई भी आमंत्रण नहीं आया और ना ही उन्हें शहीदों के परिवार की श्रेणी में रखा गया!

जिसके बाद ईटीवी भारत ने इस खबर को प्रमुखता से दिखाया था खबर के बाद छतरपुर जिले के कई समाजसेवी एवं बजरंग दल के कई बड़े नेता सही परिवार से मिलने पहुंचे और उन्हें शॉल श्रीफल से सम्मानित कर उनका आशीर्वाद लिया!

बजरंग दल के नगर संयोजक सुरेंद्र शिवहरे बताते हैं कि ईटीवी भारत के माध्यम से उन्हें इस बात की जानकारी लगी कि जिसके बाद आज भी सभी लोग एकत्र होकर उनको सम्मान देने के लिए आए हैं सुरेंद्र ने बताया कि परिवार सम्मान चाहता है लेकिन राज्य सरकार ने इस बार उन्हें एक आमंत्रण तक नहीं भेजा यही वजह है कि वह अपने साथियों के साथ उनका सम्मान करने उनके घर पर आए हैं!

बाइट_सुरेंद्र शिवहरे(बजरंगदल नगर संयोजक)


विश्व हिंदू परिषद के जिला सह मंत्री पुष्पेंद्र सिंह परमार बताते हैं कि वह ईटीवी भारत का तहे दिल से शुक्रिया अदा करते हैं कि उन्होंने शहीद परिवार से जुड़ी इस खबर को प्रमुखता से दिखाया हम सभी भारत का बहुत-बहुत आभार प्रकट करते हैं!

बाइट_ पुष्पेंद्र सिंह परमार जिला सह मंत्री विश्व हिंदू परिषद!

जिले के प्रतिष्ठित समाजसेवी जोगिंदर सिंह सरदार का कहना है कि ईटीवी भारत के माध्यम से उन्हें इस परिवार की जानकारी लगी है हम सभी इस परिवार से मिलने आए हैं और उनके आने वाले समय में सुख दुख में शरीक होते रहेंगे!

बाइट_राजू ससरदार(जोगिंदर )

इन सबके अलावा शहीद परिवार के घर पवन अग्रवाल नीरज भार्गव रविराज सिंह अजय विधवा पंकज पिपरिया नारायण राठौर जैसे कई युवा उनका आशीर्वाद लेने के लिए पहुंचे!

शहीद की पत्नी श्यामा बाई का कहना है कि भले ही सरकार ने इस वर्ष उन्हें शहीद सम्मान के लिए आमंत्रण ना दिया हो लेकिन इन सभी लोगों के आ जाने से उन्हें बेहद खुशी मिली है जिसे वो जिंदगी भर नहीं भूलेंगी!

श्यामा भाई की बेटी सुमन बताती हैं कि भले ही राज्य सरकार ने उनका सम्मान और परिवार का ध्यान ना दिया हो लेकिन जिस तरह से आज आप सब लोग मिलने आए हैं उस सबके लिए ईटीवी भारत का बहुत बहुत शुक्रिया!

बाइट_श्यामा बाई _बेटी




Conclusion:ईटीवी की खबर के बाद पूरे जिले में स्थानीय प्रशासन एवं राज्य सरकार की निंदा हो रही है तो वही समाजसेवी ईटीवी भारत को एक बार फिर अच्छी खबर के प्रकाशन के लिए बधाई भी दे रहे हैं खबर के बाद समाजसेवी सहित परिवार के घर तो पहुंचे जिससे परिवार के लोगों के चेहरे खिल उठे लेकिन एक बार फिर राज्य सरकार की उदासीनता देखने को मिली!
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