इंदौर: इंदौर नगर निगम ने संपत्ति कर वसूली का अभियान तेज कर दिया है. इसी क्रम में नगर निगम अब मकान और फैक्ट्री को सील करने में जुट गया है. सील करने की एक कार्रवाई के दौरान एक फैक्ट्री में 3 बच्चे भी अंदर बंद हो गए. दरअसल, नगर निगम की टीम को यह जानकारी नहीं थी कि फैक्ट्री संचालक ने फैक्ट्री के अंदर ही कमरे किराए पर दे रखे हैं. हालांकि बाद में सूचना मिलने पर बच्चों को बाहर निकाला गया.
इंदौर नगर निगम का राजस्व वसूली अभियान
दरअसल, इन दिनों इंदौर नगर निगम द्वारा राजस्व वसूली को लेकर लगातार वसूली अभियान चलाया जा रहा है. इसी कड़ी में नगर निगम ने मकान और कारखानों के संपत्ति कर बकाया वसूलने के लिए नोटिस जारी किए. लेकिन बकायादारों ने इन नोटिस को गंभीरता से नहीं लिया. इस बीच मोती तबेला के मिल्लतनगर में चलाए गए संपत्ति कर वसूली अभियान में नगर निगम ने एक ऐसी फैक्ट्री को भी सील कर दिया, जिसमें कुछ बच्चे सो रहे थे. नगर निगम की टीम सील करने के बाद लौट गई. बाद में पता चला कि संबंधित मकान में बच्चे सो रहे थे. रहवासियों और परिजनों के विरोध के बाद सील मकान को खोलकर बच्चों को निकाला गया. इसके बाद नगर निगम ने फिर से मकान को सील कर दिया.
- इंदौर नगर निगम में करोड़ों का घोटाला! लेखा विभाग की सतर्कता से 28 करोड़ का फर्जी भुगतान रुका
- इंदौर में 35 कॉलोनियों को तोड़ेगा बुलडोजर! दर्जनों कॉलोनाइजर्स पर अतिक्रमण का FIR
मिल्लत नगर में कई कारखाने सील
सील की गई फैक्ट्री में किराये से रहने वाले शाह आलम ने बताया "हमारे द्वारा समय पर किराया भी दिया जाता है. हो सकता है मकान मालिक ने टैक्स नहीं भरा हो, इसलिए नगर निगम की टीम ने मकान को सील कर दिया." वहीं, सहायक राजस्व अधिकारी मयूर पाटील के मुताबिक "मिल्लत नगर में जो कारखाने सील किए गए हैं. उनके संचालकों को पूर्व से नोटिस दिए गए थे लेकिन किसी के भी द्वारा ना तो नोटिस का जवाब दिया गया ना ही संपत्ति कर जमा करने की कोई पहल की गई. इसलिए कार्रवाई की गई है."