भोपाल: मध्य प्रदेश में 24 और 25 फरवरी को होने जा रही ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के पहले कांग्रेस ने प्रदेश में पिछले 6 इंवेस्टर्स समिट का लेखा-जोखा पेश किया है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पिछले इंवेस्टर्स समिट के दौरान सरकार ने 32 लाख करोड़ के निवेश का दावा किया था, लेकिन सरकारी दावों के हिसाब से ही 3.47 लाख करोड़ ही निवेश हुआ. जबकि जमीनी सच्चाई इससे भी काफी कम है. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार समिट के नाम पर कर्ज लेकर अपने ब्रांडिंग में जुटी है, जबकि सरकार को बुनियादी ढांचे पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए. उधर कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने कांग्रेस को 2003 के पहले का मध्य प्रदेश याद दिलाया है.
कांग्रेस ने जारी की निवेश के गुनहगारों की सूची
कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में विधानसभा नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पीसीसी चीफ जीतू पटवारी मीडिया से रूबरू हुए. कांग्रेस नेताओं ने पत्रकार वार्ता में प्रदेश में हुई पिछली 6 इंवेस्टर्स मीट का लेखा-जोखा पेश किया. कांग्रेस ने बताया कि मध्य प्रदेश में 2003 से 2023 से 6 ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के दौरान 32 लाख करोड़ रुपए के निवेश का दावा किया गया, लेकिन जमीन पर सिर्फ 3.47 लाख करोड़ रुपए का निवेश ही प्राप्त हो सका.
कांग्रेस ने दावा किया कि यह भी सरकारी आंकड़ा है, लेकिन जमीन पर सिर्फ तीन फीसदी ही निवेश हुआ है. कांग्रेस ने निवेश के वादे का मुकरने वाले निवेशकों की सूची निवेश के गुनहगार के रूप में जारी की है. इसमें 11 कंपनियों के नाम बताए गए हैं. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि सरकार समिट के नाम पर करोड़ों का कर्ज लेकर ब्रांडिंग पर ज्यादा खर्च करती है.
मध्य प्रदेश में @BJP4MP के दो मुख्यमंत्री इन्वेस्टर्स समिट करते रहे, लेकिन विदेशी निवेश बढ़ने की बजाए, लगातार घटता ही चला गया! क्या @DrMohanYadav51 जी इसका जवाब देंगे ? pic.twitter.com/HE2Sx6b8UP
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) February 21, 2025
निवेश की कागजी कहानियां, एक नहीं अनेक है! बड़े-बड़े नाम मध्य प्रदेश आए, लेकिन कोई कमाल नहीं दिखा पाए! क्यों? pic.twitter.com/uc1c8kUThz
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पिछले इंवेस्टर्स समिट का लेखा-जोखा
कांग्रेस ने बताया कि मध्य प्रदेश में 6 इंवेस्टर्स समिट हो चुके हैं. इसमें 32.45 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए थे. कांग्रेस के मुताबिक सरकारी दावे के मुताबिक प्रदेश में 3.47 लाख करोड़ के निवेश जमीन पर उतरे.
यदि निवेश जमीन पर उतरता तो रोजगार का आंकड़ा भी बढ़ता, लेकिन इसे @BJP4MP की " उपलब्धि" ही कहेंगे कि मध्य प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या बढ़ती चली गई! pic.twitter.com/H56OAlh84I
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साल 2007 की इंवेस्टर्स समिट
निवेश प्रस्ताव - 1.20 लाख करोड़
जमीन पर उतरे - 17311 करोड़
सफलता का प्रतिशत - 14 फीसदी
साल 2010 की इंवेस्टर्स समिट
निवेश प्रस्ताव - 2.35 लाख करोड़
जमीन पर उतरे - 26879 करोड़
सफलता का प्रतिशत - 11फीसदी
2012 की इंवेस्टर्स समिट
निवेश प्रस्ताव - 3.50 लाख करोड़
जमीन पर उतरे प्रस्ताव - 26054
सफलता का प्रतिशत - 7 फीसदी
2014 की इंवेस्टर्स मीट
निवेश प्रस्ताव - 4.35 लाख करोड़
जमीन पर उतरे प्रस्ताव - 49272 करोड़
रोजगार मिला - 38750
2016 की इंवेस्टर्स समिट
निवेश प्रस्ताव - 5.63 लाख करोड़
जमीन पर उतरे प्रस्ताव-32597 करोड़
रोजगार मिला - 92700
2023 की इंवेस्टर्स समिट
निवेश प्रस्ताव - 15.42 लाख करोड़
जमीन पर उतरे प्रस्ताव - 1.35 लाख करोड़
रोजगार मिला - 38000
कई कंपनियों ने वादे नहीं किए पूरे
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि पिछली इंवेस्टर्स समिट के दौरान कई कंपनियों ने सिर्फ निवेश का वादा किया, लेकिन जमीन पर उनके प्रोजेक्ट कभी नहीं उतरे. जेपी समूह ने 2014 में 35000 करोड़ के निवेश का वादा करते हुए माइक्रोचिप विनिर्माण स्थापित करने के लिए कहा. पहले चरण में 18000 करोड़ का निवेश होना था, लेकिन परियोजना शुरू नहीं हुईं. इसी तरह सहारा समूह ने 20 हजार करोड़ का वादा किया था. महिंद्रा एंड महिंद्रा ने मध्य प्रदेश में एसयूवी विनिर्माण संयंत्र के लिए 3 हजार करोड़ के निवेश का वादा किया, लेकिन एमओयू ही नहीं हो सका.
मप्र में भाजपा का झूठ इन्वेस्टर्स समिट के रूप में भी बार-बार सामने आता रहा है! भोपाल में नेता प्रतिपक्ष श्री @UmangSinghar जी के साथ, आज @BJP4MP सरकार की " निवेश नौटंकी" को बेपर्दा किया.@DrMohanYadav51 https://t.co/hgkVTjRkqt
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इसी तरह सूर्या ग्लोबल एऔर सूर्यचक्र समूह, एपिक ग्रुप, आईपीसीओ और एनडीआर ग्रुप, नेटलिंक स्ट्रैटेजिक सॉल्यूशन ने जो वादे किए उसके हिसाब से काम नहीं किया. निवेश न करने के चलते सरकार इंफोसिस को इंदौर में दी गई 50 एकड़ जमीन वापस ले चुकी है. टीसीएस को भी जमीन खाली करने का नोटिस जारी किया गया है.
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वीडी शर्मा बोले-कांग्रेस 2003 के पहले की भी बात करे
उधर कांग्रेस के आरोपों को लेकर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने पलटवार किया है. उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस 2003 के पहले का हिसाब दे पाएगी? उस समय यह प्रदेश बीमारू प्रदेश था, दुरावस्था का दौर था, लेकिन जीतू पटवारी को 2003 के बाद के मध्य प्रदेश का हिसाब-किताब जनता बता रही है. यह विकसित मध्य प्रदेश, बेहतर कानून व्यवस्था ही आज ही बीजेपी का हिसाब-किताब है.