छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के राजनगर थाना क्षेत्र में एक दलित परिवार की महिलाओं को बंधक बनाकर कई दिनों तक मारपीट और दुष्कर्म करने के मामले पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार तो कर लिया है, लेकिन पीड़ित परिवार की महिलाओं का अभी तक किसी भी प्रकार का कोई इलाज शुरू नहीं हुआ है. पीड़ित परिवार की महिलाओं का कहना है कि उनके शरीर पर गंभीर चोटें हैं, दर्द इतना ज्यादा है कि बैठ भी नहीं पा रहे, लेकिन अभी तक ना तो उन्हें किसी प्रकार की दवाइयां भी नहीं है और ना ही उनका सही तरीके से इलाज किया जा रहा है.
- ये है पूरा मामला
25 मई को इस बात की सूचना मिली थी कि राजनगर थाना क्षेत्र में एक दलित परिवार के साथ बंधक बनाकर मारपीट की जा रही है. मामले की जानकारी मीडिया के द्वारा पुलिस को दी गई, जिसके बाद पुलिस ने गांव में पहुंचकर बंधक परिवार को मुक्त कराया. पुलिस के सामने पीड़ित महिलाओं ने कई सनसनीखेज खुलासे किए, जिसमें महिलाओं ने गांव में ही रहने वाले दबंगों पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस को बताया कि दबंगों ने पूरे परिवार के साथ मारपीट की. दबंगों के डर से परिवार के सारे मर्द गांव छोड़कर भाग गए. तभी घर में रहने वाली महिला और उसकी बहु को घर के अंदर ही बंधक बना लिया गया. इतना ही नहीं महिलाओं के साथ जमकर मारपीट भी की गई. पीड़ित बहु ने बताया कि वह 5 माह के गर्भ से है. पूरे शरीर में चोटों के निशान है.
- पीड़िता ने दुष्कर्म के लगाए आरोप, पुलिस कर रही मामले की जांच
पीड़िता का आरोप है कि जब दबंगों ने उसके साथ मारपीट की तो वह बेहोश हो गई. और जब वह होश में आई, तो उसके शरीर पर कपड़े भी नहीं थे. पीड़िता ने दबंगों पर दुष्कर्म का आरोप भी लगाया है. वहीं पीड़िता की सास का कहना है कि दबंग 4 दिनों तक लगातार इसी तरह हमारे साथ मारपीट करते रहे.
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- पुलिस ने आरोरियों को किया गिरफ्तार
मामले की जानकारी जब पुलिस को लगी तो पुलिस ने कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि एक अन्य फरार आरोपी 29 मई को गिरफ्तार किया गया. वहीं इस मामले में एसडीओपी मनमोहन सिंह बघेल का कहना है कि मामले की जांच कर रहे है. महिला ने जो आरोप लगाए है उस आरोपों पर भी जांच की जाएगी.
- इलाज में लापरवाही
पीड़ित परिवार के साथ घटना को हुए लगभग 1 सप्ताह होने वाला है, लेकिन अभी तक महिलाओं का इलाज शुरू नहीं हुआ है. महिलाओं की माने तो उनके शरीर में गंभीर चोटें हैं, तो वही पीड़िता गर्भवती है और उसके पेट में चोट लगने के कारण उसे लगातार दर्द हो रहा है, लेकिन अभी तक प्रशासन ने ना तो उसे किसी महिला डॉक्टर को दिखाया है और ना ही उसका इलाज शुरू हो सका है.
- गांव में नहीं रहना चाहता परिवार
पीड़ित दलित परिवार पर दबंगों का इतना खौफ है कि यह परिवार अब गांव में नहीं रहना चाहता है. पीड़िता का कहना है कि उसे इस बात का डर हमेशा लगा रहता है कि कहीं उसके और उसके परिवार के साथ दबंग किसी प्रकार की अनहोनी ना कर दें. इसीलिए हम गांव में नहीं रहना चाहते.
- पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे कांग्रेस नेता
पीड़ित परिवार से मिलने के लिए तमाम राजनीतिक दल पहुंच रहे है. संबंधित मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने एक जांच दल भी गठित किया है, जो कि मामले में अपनी नजर बनाए हुए हैं. महिलाओं के इलाज को लेकर जब हमने कांग्रेस के जिला अध्यक्ष लखन पटेल और कार्यकारिणी अध्यक्ष अनीश खान से बात की, तो उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी लापरवाही है. इस संबंध में जल्द से जल्द प्रशासन से बात की जाएगी और पीड़ित महिलाओं का इलाज शुरू कराया जाएगा.