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प्रज्ञा पालीवाल का किया गया अंतिम संस्कार, चार दिन पहले थाईलैंड में हुई थी मौत

प्रज्ञा पालीवाल का अंतिम संस्कार महोबा रोड स्थित मुक्तिधाम में किया गया. 12 अक्टूबर को प्रज्ञा का पार्थिव शरीर देर रात 2:30 बजे थाईलैंड से दिल्ली पहुंचा था.

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Published : Oct 13, 2019, 9:57 PM IST

प्रज्ञा पालीवाल का अंतिम संस्कार

छतरपुर। प्रज्ञा पालीवाल का अंतिम दर्शन के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया है. उनका अंतिम संस्कार महोबा रोड स्थित मुक्तिधाम में किया गया. 12 अक्टूबर को प्रज्ञा का पार्थिव शरीर देर रात 2:30 बजे थाईलैंड से दिल्ली पहुंचा था.

जिसके बाद प्रज्ञा पालीवाल का शव दिल्ली से शासन की एंबुलेंस से छतरपुर लाया गया. प्रज्ञा पालीवाल छतरपुर जिले की रहने वाली थीं, उनके पिता शिव कुमार पालीवाल पेशे से एक सरकारी शिक्षक हैं. प्रज्ञा पालीवाल हैदराबाद में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करती थीं. कुछ काम को लेकर कंपनी ने उन्हें थाईलैंड भेजा था, जहां फुकेट नामक शहर में उनके साथ सड़क हादसा हो गया. जिसके बाद उन्हें पटोंग हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

जिसके बाद परिजन बेटी का शव वापस छतरपुर लाने के लिए परेशान हो रहे थे, छतरपुर के क्षेत्रीय विधायक अरुण चतुर्वेदी, सांसद बीडी शर्मा और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुद लगातार विदेश मंत्रालय से संपर्क किया और थाईलैंड सरकार के सहयोग से उनके शव को वापस लाया गया. गायत्री परिवार द्वारा प्रज्ञा की अंतिम यात्रा के लिए एक रथ यात्रा का बंदोबस्त भी किया गया था.

छतरपुर। प्रज्ञा पालीवाल का अंतिम दर्शन के बाद अंतिम संस्कार कर दिया गया है. उनका अंतिम संस्कार महोबा रोड स्थित मुक्तिधाम में किया गया. 12 अक्टूबर को प्रज्ञा का पार्थिव शरीर देर रात 2:30 बजे थाईलैंड से दिल्ली पहुंचा था.

जिसके बाद प्रज्ञा पालीवाल का शव दिल्ली से शासन की एंबुलेंस से छतरपुर लाया गया. प्रज्ञा पालीवाल छतरपुर जिले की रहने वाली थीं, उनके पिता शिव कुमार पालीवाल पेशे से एक सरकारी शिक्षक हैं. प्रज्ञा पालीवाल हैदराबाद में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करती थीं. कुछ काम को लेकर कंपनी ने उन्हें थाईलैंड भेजा था, जहां फुकेट नामक शहर में उनके साथ सड़क हादसा हो गया. जिसके बाद उन्हें पटोंग हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया.

जिसके बाद परिजन बेटी का शव वापस छतरपुर लाने के लिए परेशान हो रहे थे, छतरपुर के क्षेत्रीय विधायक अरुण चतुर्वेदी, सांसद बीडी शर्मा और मुख्यमंत्री कमलनाथ ने खुद लगातार विदेश मंत्रालय से संपर्क किया और थाईलैंड सरकार के सहयोग से उनके शव को वापस लाया गया. गायत्री परिवार द्वारा प्रज्ञा की अंतिम यात्रा के लिए एक रथ यात्रा का बंदोबस्त भी किया गया था.

Intro: प्रजा पालीवाल का सब अंतिम दर्शन के बाद अंतिम संस्कार के लिए महोबा रोड स्थित मुक्तिधाम के लिए रवाना हो गया आपको बता दें कि 9 अक्टूबर को प्रज्ञा का पार्थिव शरीर देर रात 2:30 बजे थाईलैंड से दिल्ली पहुंचा था!


Body: जिसके बाद प्रज्ञा पालीवाल का शव दिल्ली से मध्य प्रदेश शासन की एंबुलेंस से छतरपुर लाया गया आपको बता दें कि प्रज्ञा पालीवाल छतरपुर जिले की रहने वाली थी उनके पिता शिव कुमार पालीवाल पेशे से एक सरकारी शिक्षक हैं प्रज्ञा पालीवाल हैदराबाद में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करती थी साथ ही क्यों न नाम की एक कंपनी जो कि नेटवर्किंग के माध्यम से लोगों को जोड़ती है उस कंपनी में भी सहयोगी के रूप में काम करती थी जिसको लेकर कंपनी ने उन्हें थाईलैंड की एक पर भेजा था जहां फुकेट नामक शहर में उनके साथ सड़क हादसा हो गया जिसके बाद उन्हें पटोंग हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था जहां उन्हें मृत घोषित कर दिया गया!

जिसके बाद परिजन बेटी के शव वापस छतरपुर लाने के लिए लगातार परेशान हो रहे थे जिसके बाद छतरपुर के क्षेत्रीय विधायक अरुण चतुर्वेदी सांसद एवं मुख्यमंत्री कमलनाथ सिंह ने खुद लगातार विदेश मंत्रालय से संपर्क किया और बाद में थाईलैंड सरकार के सहयोग से वापस उनके शव को लाया गया!

कुछ देर तक उनके शव को अंतिम दर्शन के लिए बाहर रखा गया जिसके बाद लोगों ने दर्शन किए और उसके बाद उनका शव अंतिम संस्कार के लिए छतरपुर जिले के महोबा रोड स्थित मुक्तिधाम के लिए रवाना हो गया आपको बता दें कि गायत्री परिवार द्वारा उनके शव के अंतिम यात्रा के लिए एक रथ यात्रा का बंदोबस्त भी किया गया था!


Conclusion:अंतिम यात्रा में छतरपुर जिला कलेक्टर मोहित बुंदस क्षेत्रीय विधायक आलोक चतुर्वेदी के अलावा सैकड़ों की संख्या में स्थानीय लोग एवं जिले के अधिकारी मौजूद थे!
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