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MP Chhatarpur स्कूल में छुआछूत का मामला गर्माया, बच्चों को फेंककर देते हैं मिडडे मील - स्कूल में छुआछूत का मामला गर्माया

छतरपुर जिले के एक स्कूल में छुआछूत चरम पर है. यहां तक कि मिडडे मील में इसका असर दिखता है. बच्चों को खाना फेंककर दिया जाता है. इस मामले को लेकर जिम्मेदार अधिकारी अब जांच कराने की बात कह रहे हैं.

MP Chhatarpur matter of untouchability
MP Chhatarpur स्कूल में छुआछूत का मामला गर्माया
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Published : Feb 1, 2023, 5:52 PM IST

MP Chhatarpur स्कूल में छुआछूत का मामला गर्माया

छतरपुर। जिले में बच्चों को स्कूल में मिलने वाले मिड डे मील में छुआछूत का मामला सामने आया है. बच्चों का आरोप है कि स्कूल में खाना बनाने वाली महिला उन्हें फेंककर रोटियां देती है. कई बार हाथों में ही गर्म रोटी दे दी जाती है. मामला छतरपुर जिले के बूंदौर गांव के हरिजन बस्ती के स्कूल का है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का आरोप है कि उनके साथ स्कूल में मिलने वाले मिडडे मील में छुआछूत के चलते भेदभाव किया जाता है. अब ये मामला जिला मुख्यालय पहुंच गया है. जिम्मेदार अधिकारी इस मामले की जांच कराने की बात कह रहे हैं.

खाने की क्वालिटी भी घटिया स्तर की : स्कूल में कक्षा 5वीं में पढ़ने वाले गोविंद ने बताया कि उसे दूर से खाना दिया जाता है. रोटी थाली में न रखकर फेंक कर दी जाती है. गोविंद का कहना है कि वह बच्चा जरूर है पर उसे सब समझ आता है. स्कूल में ही पढ़ने वाली एक और बच्ची भारतीय अहिरवार का कहना है कि स्कूल में खाना अच्छा नहीं बनता और जो खाना मिलता है, वह उसे फेंककर दिया जाता है. इस मामले में उनका कहना है कि खाना फेंककर क्यों देते हैं, इसका उसे खुद भी पता नहीं है. उसके साथ ऐसा क्यों किया जाता है.

रोटियां फेंककर देते हैं : इसके अलावा और भी कई बच्चों ने बताया कि उनके साथ छुआछूत जैसा व्यवहार किया जाता है. रोटियां फेंककर दी जाती हैं. स्कूल में खाना बनाने वाली महिला हमेशा खाना फेंककर देती है. स्कूल में खाना बनाने वाली महिला एक ओबीसी की व दूसरी सामान्य जाति की है. स्कूल में खाना बनाने वाली 2 महिलाएं हैं, जिनमें से एक महिला का नाम प्रेमवती सेन एवं दूसरी महिला का नाम जानकी गोस्वामी है. बच्चों का आरोप है कि उनके साथ इस तरह का व्यवहार इसलिए किया जाता है क्योंकि वह दलित जाति के हैंं.

Minister Govind Singh: मंत्री ने स्कूल में दलित बच्चों के साथ किया माध्यन्ह भोजन, छुआछूत मिटानें का दिया संदेश

हेडमास्टर ने भी स्वीकारा : इस बारे में स्कूल के प्रधानाध्यापक मथुरा प्रसाद कौंदर ने दबी जुबां में इस बात को स्वीकारा कि बच्चे जो कह रहे हैं, वह सच ही कर रहे होंगे. इस मामले में कई बार हमने खाना बनाने वाली महिलाओं से बात भी की है. इसके बाद भी शिकायत आ रही है. संबंधित मामले में जब हमने डीपीसी आरपी लखेरा का कहना है कि मामला बेहद गंभीर है. अगर बच्चे इस तरह का आरोप लगा रहे हैं तो मामले में जांच कराई जाएगी और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल मामले में तुरंत एक पत्र जारी किया गया है. बुधवार को बीआरसी स्कूल में जाएंगे और बच्चों के साथ बातचीत करते हुए मामले में कार्रवाई की जाएगी.

MP Chhatarpur स्कूल में छुआछूत का मामला गर्माया

छतरपुर। जिले में बच्चों को स्कूल में मिलने वाले मिड डे मील में छुआछूत का मामला सामने आया है. बच्चों का आरोप है कि स्कूल में खाना बनाने वाली महिला उन्हें फेंककर रोटियां देती है. कई बार हाथों में ही गर्म रोटी दे दी जाती है. मामला छतरपुर जिले के बूंदौर गांव के हरिजन बस्ती के स्कूल का है. स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों का आरोप है कि उनके साथ स्कूल में मिलने वाले मिडडे मील में छुआछूत के चलते भेदभाव किया जाता है. अब ये मामला जिला मुख्यालय पहुंच गया है. जिम्मेदार अधिकारी इस मामले की जांच कराने की बात कह रहे हैं.

खाने की क्वालिटी भी घटिया स्तर की : स्कूल में कक्षा 5वीं में पढ़ने वाले गोविंद ने बताया कि उसे दूर से खाना दिया जाता है. रोटी थाली में न रखकर फेंक कर दी जाती है. गोविंद का कहना है कि वह बच्चा जरूर है पर उसे सब समझ आता है. स्कूल में ही पढ़ने वाली एक और बच्ची भारतीय अहिरवार का कहना है कि स्कूल में खाना अच्छा नहीं बनता और जो खाना मिलता है, वह उसे फेंककर दिया जाता है. इस मामले में उनका कहना है कि खाना फेंककर क्यों देते हैं, इसका उसे खुद भी पता नहीं है. उसके साथ ऐसा क्यों किया जाता है.

रोटियां फेंककर देते हैं : इसके अलावा और भी कई बच्चों ने बताया कि उनके साथ छुआछूत जैसा व्यवहार किया जाता है. रोटियां फेंककर दी जाती हैं. स्कूल में खाना बनाने वाली महिला हमेशा खाना फेंककर देती है. स्कूल में खाना बनाने वाली महिला एक ओबीसी की व दूसरी सामान्य जाति की है. स्कूल में खाना बनाने वाली 2 महिलाएं हैं, जिनमें से एक महिला का नाम प्रेमवती सेन एवं दूसरी महिला का नाम जानकी गोस्वामी है. बच्चों का आरोप है कि उनके साथ इस तरह का व्यवहार इसलिए किया जाता है क्योंकि वह दलित जाति के हैंं.

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हेडमास्टर ने भी स्वीकारा : इस बारे में स्कूल के प्रधानाध्यापक मथुरा प्रसाद कौंदर ने दबी जुबां में इस बात को स्वीकारा कि बच्चे जो कह रहे हैं, वह सच ही कर रहे होंगे. इस मामले में कई बार हमने खाना बनाने वाली महिलाओं से बात भी की है. इसके बाद भी शिकायत आ रही है. संबंधित मामले में जब हमने डीपीसी आरपी लखेरा का कहना है कि मामला बेहद गंभीर है. अगर बच्चे इस तरह का आरोप लगा रहे हैं तो मामले में जांच कराई जाएगी और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल मामले में तुरंत एक पत्र जारी किया गया है. बुधवार को बीआरसी स्कूल में जाएंगे और बच्चों के साथ बातचीत करते हुए मामले में कार्रवाई की जाएगी.

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