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बेटे की मौत की खबर सुनते ही मां ने फांसी लगाकर की खुदकुशी, गांव में शोक की लहर

छतरपुर के नौगांव में एक मां ने अपने बेटे की मौत की खबर सुनकर पहले तो सल्फास खाया और फिर फांसी के फंदे पर झूल गई. जिसकी जिला अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई. जिसके बाद मां-बेटे का एक साथ अंतिम संस्कार किया गया.

Mother suicide as soon as she heard the news of son's death
बेटे की मौत की खबर सुनते ही मां ने लगाया मौत को गले
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Published : Feb 13, 2020, 6:03 PM IST

छतरपुर। उत्तरप्रदेश में जटेवरा के निवासी कमल किशोर नायक उर्फ कल्लू जाटेवरा की बीमारी के चलते झांसी अस्पताल में मौत हो गई. वहीं नौगांव में रह रही कल्लू की मां ने अपने बेटे की मौत की खबर सुनी तो वह बेटे की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई. जिसके चलते कल्लू की मां ने पहले सल्फास खाया फिर कुछ ही देर बाद फांसी के फंदे पर झूल गई. जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई.

बेटे की मौत की खबर सुनते ही मां ने लगाया मौत को गले

बुधवार की दोपहर जब मां और बेटे की अर्थी एक साथ उठी तो सभी की आंखे नम हो गई. परिजनों ने बताया कि कल्लू जटेवरा का कैंसर की बीमारी के चलते दिल्ली में इलाज चल रहा था. कल्लू की 75 वर्षीय मां कुसुम नायक धार्मिक प्रवत्ति की थी. इसलिए प्रतिदिन भगवान से अपने बेटे के लिए प्रार्थना करते हुए कहती थी. अगर बेटे को कुछ हुआ तो वो भी जिंदा नहीं रहेगी. दिल्ली अस्पताल से दो दिन पहले जब कल्लू को डॉक्टरों ने मना कर दिया तो परिजनों ने झांसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां बुधवार की सुबह कल्लू की मौत हो गई. वहीं जब मां ने बेटे की मौत की खबर सुनी तो वह बेटे की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई और फांसी के फंदे में झूलकर आत्महत्या कर ली. घटना का पता चलते ही आनन-फानन में परिजन महिला कोे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए. जिला अस्पताल में इलाज के दौरान कल्लू की मां ने दम तोड़ दिया.

छतरपुर। उत्तरप्रदेश में जटेवरा के निवासी कमल किशोर नायक उर्फ कल्लू जाटेवरा की बीमारी के चलते झांसी अस्पताल में मौत हो गई. वहीं नौगांव में रह रही कल्लू की मां ने अपने बेटे की मौत की खबर सुनी तो वह बेटे की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई. जिसके चलते कल्लू की मां ने पहले सल्फास खाया फिर कुछ ही देर बाद फांसी के फंदे पर झूल गई. जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उनकी भी मौत हो गई.

बेटे की मौत की खबर सुनते ही मां ने लगाया मौत को गले

बुधवार की दोपहर जब मां और बेटे की अर्थी एक साथ उठी तो सभी की आंखे नम हो गई. परिजनों ने बताया कि कल्लू जटेवरा का कैंसर की बीमारी के चलते दिल्ली में इलाज चल रहा था. कल्लू की 75 वर्षीय मां कुसुम नायक धार्मिक प्रवत्ति की थी. इसलिए प्रतिदिन भगवान से अपने बेटे के लिए प्रार्थना करते हुए कहती थी. अगर बेटे को कुछ हुआ तो वो भी जिंदा नहीं रहेगी. दिल्ली अस्पताल से दो दिन पहले जब कल्लू को डॉक्टरों ने मना कर दिया तो परिजनों ने झांसी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया. जहां बुधवार की सुबह कल्लू की मौत हो गई. वहीं जब मां ने बेटे की मौत की खबर सुनी तो वह बेटे की मौत का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पाई और फांसी के फंदे में झूलकर आत्महत्या कर ली. घटना का पता चलते ही आनन-फानन में परिजन महिला कोे सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र ले गए. जिला अस्पताल में इलाज के दौरान कल्लू की मां ने दम तोड़ दिया.

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