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जानिए मतंगेश्वर मंदिर की महिमा, शिवलिंग में है युधिष्ठर की मणि, छूने पर हाथ होता है सुन्न - मणि पर स्थापित शिवलिंग

खुजराहो में मतंगेश्वर मंदिर एकमात्र ऐसा शिव मंदिर है. जहां 19 फीट ऊंची शिवलिंग है और मणि पर स्थापित है.यहां लगभग 8 से 10 मंदिर भगवान शिव के थे, लेकिन आक्रमणकारियों ने मंदिरों को खंडित कर दिया.

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खुजराहो का मतंगेश्वर मंदिर
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Published : Dec 8, 2019, 11:48 AM IST

छतरपुर। खजुराहो का मतंगेश्वर मंदिर अपने आप में अनोखा मंदिर है. ये खजुराहो का एकमात्र ऐसा शिव मंदिर है. जहां भगवान शिव की पूजा हर रोज की जाती है. ऐसा माना जाता है कि खजुराहो पुराने समय में शिव नगरी के नाम से जाना जाता था और यहां लगभग 8 से 10 मंदिर भगवान शिव के थे, लेकिन आक्रमणकारियों ने मंदिरों को खंडित कर दिया.

19 फीट ऊंची है शिवलिंग
इस मंदिर का निर्माण 950 से लेकर 1002 ईसवी के दौरान हुआ है. मंदिर के गर्भ गृह में वृत्ताकार शिवलिंग हैं. जो 8 फुट 4 इंच नीचे है और उतना ही लगभग ऊपर है. शिवलिंग करीब 19 फीट ऊंची है. इसकी मोटाई लगभग 3.8 धीरे वाला है. इस शिवलिंग को मृत्युंजय महादेव के नाम से जाना जाता है.

ये है मंदिर के पीछे की प्रसिद्ध कहानी
मंदिर के पीछे की एक कहानी ये भी है कि इस मंदिर के अंदर मौजूद शिवलिंग सदियों से लगातार एक इंच हर साल बढ़ता था, लेकिन लगातार शिव लिंग बढ़ने की वजह से शिवलिंग के ऊपर सोने की एक कील ठोक दी गई ताकि ये शिवलिंग आगे ना बढ़े और मंदिर में ही सीमित रह जाए.

मणि पर स्थापित है शिवलिंग
इस मंदिर के पीछे की एक मान्यता ये भी है कि इस शिवलिंग की नीचे मरकत मणि मौजूद है. यही वजह है कि जब भी सच्चे मन से कोई भक्त भगवान शिव के इस शिवलिंग को धोता है, तो उसे झनझनाहट सी महसूस होती है. जो इस बात का प्रतीक है कि इस शिवलिंग के नीचे मरकत मणि मौजूद है.

ऐसे पड़ा मतंगेश्वर मंदिर का नाम
कहा जाता है कि यहा हर भक्त की मनोकामना पूरी होती. यहीं वजह है कि इसे मतंगेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है. रोज शाम 6 बजे यहां भगवान शिव की भव्य आरती की जाती है और अन्य त्योहारों में यहां पर भगवान शिव को विशेष तैयार कर उनकी महा आरती होती है. शुभरात्रि के दिन इस मंदिर की छटा निराली होती है. देश-विदेश से हजारों की संख्या में भक्त यहां दर्शन करने के लिए आते हैं

जानिए मतंगेश्वर मंदिर की महिमा,

मंदिर के पुजारी प्रदीप गौतम बताते हैं कि पीढ़ी दर पीढ़ी उनके परिवार के लोग इस मंदिर की पूजा अर्चना करते हुए आ रहे हैं. मंदिर के पीछे कई कहानियां मौजूद हैं. लोगों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है.

छतरपुर। खजुराहो का मतंगेश्वर मंदिर अपने आप में अनोखा मंदिर है. ये खजुराहो का एकमात्र ऐसा शिव मंदिर है. जहां भगवान शिव की पूजा हर रोज की जाती है. ऐसा माना जाता है कि खजुराहो पुराने समय में शिव नगरी के नाम से जाना जाता था और यहां लगभग 8 से 10 मंदिर भगवान शिव के थे, लेकिन आक्रमणकारियों ने मंदिरों को खंडित कर दिया.

19 फीट ऊंची है शिवलिंग
इस मंदिर का निर्माण 950 से लेकर 1002 ईसवी के दौरान हुआ है. मंदिर के गर्भ गृह में वृत्ताकार शिवलिंग हैं. जो 8 फुट 4 इंच नीचे है और उतना ही लगभग ऊपर है. शिवलिंग करीब 19 फीट ऊंची है. इसकी मोटाई लगभग 3.8 धीरे वाला है. इस शिवलिंग को मृत्युंजय महादेव के नाम से जाना जाता है.

ये है मंदिर के पीछे की प्रसिद्ध कहानी
मंदिर के पीछे की एक कहानी ये भी है कि इस मंदिर के अंदर मौजूद शिवलिंग सदियों से लगातार एक इंच हर साल बढ़ता था, लेकिन लगातार शिव लिंग बढ़ने की वजह से शिवलिंग के ऊपर सोने की एक कील ठोक दी गई ताकि ये शिवलिंग आगे ना बढ़े और मंदिर में ही सीमित रह जाए.

मणि पर स्थापित है शिवलिंग
इस मंदिर के पीछे की एक मान्यता ये भी है कि इस शिवलिंग की नीचे मरकत मणि मौजूद है. यही वजह है कि जब भी सच्चे मन से कोई भक्त भगवान शिव के इस शिवलिंग को धोता है, तो उसे झनझनाहट सी महसूस होती है. जो इस बात का प्रतीक है कि इस शिवलिंग के नीचे मरकत मणि मौजूद है.

ऐसे पड़ा मतंगेश्वर मंदिर का नाम
कहा जाता है कि यहा हर भक्त की मनोकामना पूरी होती. यहीं वजह है कि इसे मतंगेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है. रोज शाम 6 बजे यहां भगवान शिव की भव्य आरती की जाती है और अन्य त्योहारों में यहां पर भगवान शिव को विशेष तैयार कर उनकी महा आरती होती है. शुभरात्रि के दिन इस मंदिर की छटा निराली होती है. देश-विदेश से हजारों की संख्या में भक्त यहां दर्शन करने के लिए आते हैं

जानिए मतंगेश्वर मंदिर की महिमा,

मंदिर के पुजारी प्रदीप गौतम बताते हैं कि पीढ़ी दर पीढ़ी उनके परिवार के लोग इस मंदिर की पूजा अर्चना करते हुए आ रहे हैं. मंदिर के पीछे कई कहानियां मौजूद हैं. लोगों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है.

Intro: खजुराहो का मतंगेश्वर मंदिर अपने आप में अनोखा मंदिर है यह खजुराहो का एकमात्र ऐसा शिव मंदिर है जहां भगवान शिव की पूजा प्रतिदिन की जाती है ऐसा माना जाता है कि खजुराहो पुराने समय में शिव नगरी के नाम से जाना जाता था और यहां पर लगभग 8 से 10 मंदिर भगवान शिव के थे लेकिन आक्रमणकारियों द्वारा मंदिरों के खंडित करने एवं कालांतर में केवल मतंगेश्वर मंदिर ही ऐसा है जहां भगवान शिव को आराध्य मानते हुए प्रतिदिन पूजा की जाती है!


Body: खजुराहो का मतंगेश्वर मंदिर खजुराहो के सबसे पवित्रतम मंदिरों में से एक माना जाता है यह एकमात्र ऐसा भगवान शिव का मंदिर है जहां वर्तमान में भी पूजा की जाती है यह अलग बात है यह मंदिर इतिहास का एक भाग है लेकिन आज भी हमारे जीवन से जुड़ा हुआ है इस मंदिर का निर्माण काल 950 से लेकर 1002 ईसवी सन के बीच का है!

इस मंदिर के गर्भ गृह में है वृत्ताकार शिवलिंग है जो 8 फुट 4 इंच नीचे एवं उतना ही लगभग ऊपर है इसकी मोटाई लगभग 3.8 धीरे वाला है इस शिवलिंग को मृत्युंजय महादेव के नाम से जाना जाता है!

इस मंदिर के पीछे की एक कहानी यह भी है कि इस मंदिर के अंदर मौजूद शिवलिंग सदियों से लगातार 1 इंच हर साल बढ़ता था लेकिन लगातार शिव लिंग बढ़ने की वजह से शिवलिंग के ऊपर सोने की एक कील ठोक दी गई ताकि यह शिवलिंग आगे ना बढ़े और मंदिर में ही सीमित रह जाए!

इस मंदिर के पीछे की एक मान्यता यह भी है कि इस शिवलिंग की नीचे मरकत मणि मौजूद है यही वजह है कि जब भी सच्चे मन से कोई भक्त भगवान शिव के इस शिवलिंग को सोता है तो उसे झनझनाहट सी महसूस होती है जो इस बात का प्रतीक है कि इस शिवलिंग के नीचे मरकत मणि मौजूद है!

भगवान से भी आने वाले हर भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं यही वजह है कि इसे मतंगेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है रोज शाम 6:00 बजे यहां भगवान शिव की भव्य आरती की जाती है और अन्य त्योहारों में यहां पर भगवान शिव को विशेष तैयार कर उनकी महा आरतियां होती हैं शुभ रात्रि के दिन इस मंदिर की छटा निराली होती है देश विदेश से हजारों की संख्या में भक्त यहां पर दर्शन करने के लिए आते हैं!

मंदिर के पुजारी प्रदीप गौतम बताते हैं कि पीढ़ी दर पीढ़ी उनके परिवार के लोग इस मंदिर की पूजा अर्चना करते हुए आ रहे हैं मंदिर के पीछे कई कहानियां मौजूद हैं लोगों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है!

बाइट_प्रदीप गौतम-मंदिर के पुजारी(पीढ़ी दर पीढ़ी)

मंदिर में लगभग 3 वर्षों से आने वाली नरेंद्र कुमार द्विवेदी बताते हैं कि 3 सालों से लगातार बहस मंदिर में आ रहे हैं उनकी इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है उन्होंने जब जब भगवान शिव से कोई चीज मांगी भगवान शिव ने उनकी मनोकामना अवश्य पूरी की नरेंद्र कुमार बताते हैं कि जब भी कोई भक्त सच्चे मन से यहां कोई अपनी मनोकामना मांगता है तो भगवान से उसे जरूर पूरी करते हैं!

बाइट_नरेंद्र कुमार द्वेवेदी

गाइड श्याम रजक बताते हैं कि यह एकमात्र ऐसा शिवलिंग मंदिर है जहां भगवान शिव को पूजा जाता है वैसे तो खजुराहो में कई भगवान शिव के मंदिर हैं लेकिन उनमें से किसी भी मंदिर में पूजा नहीं की जाती है यही एकमात्र मंदिर पूरी तरह से सुरक्षित है इसे खंडित नहीं किया गया था यही वजह है कि इस मंदिर में प्रतिदिन पूजा की जाती है!

बाइट_श्याम रजक गाइड







Conclusion:भगवान शिव के इस मंदिर में हर रोज शाम 6:00 बजे भव्य आरती का आयोजन किया जाता है ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की घंटियों की धनी एवं डमरू की आवाज से ही खजुराहो में शांति एवं भगवान शिव की कृपा खजुराहो नगरी पर बनी रहती है!
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