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जिला अस्पताल में संक्रमित आवारा कुत्तों ने जमाया डेरा, संक्रमण फैलने का बढ़ा खतरा

जिला अस्पताल में भर्ती महिला मरीजों के आसपास संक्रमित आवारा पशुओं ने डेरा डाल रखा है, जिससे नवजात और महिलाओं में संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.

जिला अस्पताल में संक्रमित आवारा कुत्तों ने जमाया डेरा
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Published : Aug 19, 2019, 11:57 PM IST

छतरपुर। मध्यप्रदेश में वक्त है बदलाव का, नारे के साथ भले ही सरकार बदल गई हो, लेकिन प्रदेश का सिस्टम अब भी बीमारी से जूझ रहा है. स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर वैसे तो केंद्र व राज्य सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का वादा करती हैं, लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है.

जिला अस्पताल में संक्रमित आवारा कुत्तों ने जमाया डेरा


जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में एक गर्भवती महिला पलंग पर लेटी हुई है और उसके ठीक नीचे एक संक्रमित कुत्ता बैठा है. ये बताने के लिए काफी है कि किस तरह से स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर लोगों के साथ मजाक किया जा रहा है.


शासकीय अस्पताल में कई महिलाएं भर्ती हैं, जिनका कुछ ही घंटों पहले ऑपरेशन हुआ था. जिन्होंने नवजात को जन्म दिया है. आसपास कई और गर्भवती महिलाएं भी भर्ती हैं. ऐसे में तमाम विशेषज्ञ कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के पास-साफ सफाई होना बेहद जरूरी है, लेकिन जिला अस्पताल का आलम ये है कि यहां आवारा कुत्ते एवं जानवर तक घुस आते हैं.


वहीं, इस मामले में जब सिविल सर्जन एचएस त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने मामले को गंभीर बताते हुए जांच करने के बाद वार्ड बॉय एवं दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.

छतरपुर। मध्यप्रदेश में वक्त है बदलाव का, नारे के साथ भले ही सरकार बदल गई हो, लेकिन प्रदेश का सिस्टम अब भी बीमारी से जूझ रहा है. स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर वैसे तो केंद्र व राज्य सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का वादा करती हैं, लेकिन हकीकत इसके ठीक उलट है.

जिला अस्पताल में संक्रमित आवारा कुत्तों ने जमाया डेरा


जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में एक गर्भवती महिला पलंग पर लेटी हुई है और उसके ठीक नीचे एक संक्रमित कुत्ता बैठा है. ये बताने के लिए काफी है कि किस तरह से स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर लोगों के साथ मजाक किया जा रहा है.


शासकीय अस्पताल में कई महिलाएं भर्ती हैं, जिनका कुछ ही घंटों पहले ऑपरेशन हुआ था. जिन्होंने नवजात को जन्म दिया है. आसपास कई और गर्भवती महिलाएं भी भर्ती हैं. ऐसे में तमाम विशेषज्ञ कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के पास-साफ सफाई होना बेहद जरूरी है, लेकिन जिला अस्पताल का आलम ये है कि यहां आवारा कुत्ते एवं जानवर तक घुस आते हैं.


वहीं, इस मामले में जब सिविल सर्जन एचएस त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने मामले को गंभीर बताते हुए जांच करने के बाद वार्ड बॉय एवं दोषी कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने की बात कही है.

Intro:【EXCLUSIVE】

मध्यप्रदेश में वक्त है बदलाव के नारे के साथ भले ही सरकार बदल गई हो लेकिन मध्य प्रदेश का सिस्टम लगातार बीमार होता जा रहा है स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर वैसे तो केंद्र एवं राज्य सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च कर बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने का वादा करती हैं लेकिन हकीकत इसके ठीक विपरीत है!


Body:तस्वीरें मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले की है जो कि बेहद हैरान करने वाली हैं जहां एक गर्भवती महिला पलंग पर लेटी हुई है और उसके ठीक नीचे एक संक्रमित कुत्ता लेटा हुआ है तस्वीरें मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य कम पर तमाचा है और यह बताने में काफी है कि किस तरह से स्वास्थ्य सेवाओं के नाम पर मजाक किया जा रहा है!

छतरपुर जिले के सबसे बड़े शासकीय अस्पताल में भर्ती है महिला गर्भवती महिला है और उसका कुछ ही घंटों पहले ऑपरेशन हुआ है आसपास कई और गर्भवती महिलाएं भी लेटी हुई है जिनको या तो हाल ही में बच्चा हुआ है या ऑपरेशन हुआ है ऐसे में तमाम विशेषज्ञ कहते हैं कि गर्भवती महिलाओं एवं बच्चों के पास साफ सफाई होना बेहद जरूरी है लेकिन जिला अस्पताल का आलम यह है कि यहां आवारा कुत्ते एवं जानवर तक घुस आते हैं!

पत्नी को लेकर डिलीवरी के लिए आए बबलू अहिरवार बताते हैं कि उनकी पत्नी का ऑपरेशन हुआ है अस्पताल में कोई भी सुविधा मौजूद नहीं है कभी भी कोई भी जानवर अंदर घुस जाता है आवारा कुत्तों का यहां आना जाना लगा रहता है!

बाइट_बबलू अहिरवार _पत्नी को लेकर आए पति

अस्पताल में भर्ती बबलू अहिरवार की पत्नी रितु अहिरवार बताती हैं कि उनका ऑपरेशन हुआ है और पिछले 2 दिनों से वहां पर भर्ती हैं आवारा कुत्ता रोज यहां पर घूमता है और उनके आसपास मंडराता रहता है जिससे उन्हें डर सा बना रहता है!

बाइट_पत्नी रितु अहिरवार

तस्वीरों में जिस कुत्ते को आप खेल कर्मी करते हुए देख रहे हैं यह महिला वार्ड है और यहां अमूमन इस तरह की तस्वीरें सामने आती रहती हैं महिलाओं का कहना है कि कई बार यहां पर बेल एवं अन्य जानवर घुस आते हैं जिससे छोटे-छोटे बच्चों को कुचलने का डर बना रहता है तो वही कुत्ते के आने पर भी बच्चों की जान का खतरा मंडराता रहता है!

बाइट_वती बाई_अन्य महिला के साथ आई परिजन

वहीं मामले में जब सिविल सर्जन एचएस त्रिपाठी से बात की गई तो उन्होंने मामले को गंभीर बताते हुए जांच करने के बाद वार्ड बॉय एवं दोषी कर्मचारियों को कार्यवाही करने की बात कही!

बाइट_सिविल सर्जन जिला अस्पताल(एच एस त्रिपाठी)


Conclusion:जिला अस्पताल में नवजात शिशु एवं जननी की सुरक्षा को लेकर भले ही सिविल सर्जन संवेदनशील हों लेकिन जिला अस्पताल के कर्मचारियों की लापरवाही साफ नजर आ रही है अगर ऐसा ही चलता रहा तो 1 दिन ना सिर्फ कोई बड़ा हादसा हो सकता है बल्कि किसी की जान भी जा सकती है!
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