छतरपुर। लवकुशनगर अनुविभाग के प्रकाश बम्होरी घटहरी बदौराकला में संचालित क्रेशर संचालकों की मनमानी बढ़ती जा रही है. नियम कायदों को ताक पर रखकर खनिज संपदा का दोहन किया जा रहा है. माफियाओं की मनमानी से ग्रामीणों का जीना मुश्किल हो गया है, ब्लास्टिंग की समय सीमा निर्धारित नहीं होने से बेजुबान जानवरों की अकारण मौत हो रही है. किसान भी फसल की रखवाली करने के लिए अपने खेतों पर नहीं पहुंच पा रहे हैं.
ग्रामीणों ने बताया कि बदौराकला हल्का क्षेत्र के खसरा क्रमांक 1155 में अखिलेश द्विवेदी, विनोद त्रिपाठी सहित चार लोगों के नाम पत्थर खनन के लिए लीज स्वीकृत है. बाद में दो लोगों ने पार्टनरशिप खत्म कर ली और अब सिर्फ दो लोगों की ही हिस्सेदारी रह गई है. जिसमें अखिलेश द्विवेदी और विनोद त्रिपाठी के नाम शामिल हैं. ग्रामीणों ने बताया कि स्वीकृत लीज से दोगुने सीमा में पहाड़ पर अवैध खनन कर शासन को चूना लगा रहे हैं.
बिना क्रेशर लगाए हो रहा खनन
ग्रामीणों ने बताया कि खदान संचालक ने माइनिंग के लिए कोई प्लान नहीं बनाया. बिना क्रेशर लगाए ही लाखों घन मीटर पत्थर का खनन किया. साथ ही ग्रामीणों ने बताया कि ब्लास्टिंग का समय निर्धारित नहीं होने से हमेशा डर बना रहता है. वहीं खसरा क्रमांक 1155 में खदान संचालक की पत्थर खनन के लिए कुल लीज करीब 3 हेक्टेयर है, जबकि संचालक ने करीब 6 हेक्टेयर पर अवैध खनन किया है.
डीजीएमएस की परमीशन नहीं
ग्रामीणों के अनुसार खदान संचालक के पास ग्वालियर स्थित कार्यालय से डीजीएमएस की परमिशन नहीं है. बावाजूद इसके खदान संचालक पहाड़ को गहरा कर पत्थर निकाल रहे है, खदान में काम करने वाले मजदूरों के लिए सुरक्षा के कोई पुख्ता इंतजाम नहीं है.
लवकुशनगर एसडीएम अविनाश रावत का कहना है कि खनिज विभाग बीते दिनों इसी खसरा नंबर के खदान पर कार्रवाई की थी. आगे की जानकारी लेकर अवैध खनन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.