छतरपुर। वैसे तो मध्य प्रदेश में 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' को लेकर तमाम योजनाएं चलाई जा रही हैं. ऐसा माना जाता है कि जब कोई बेटी पड़ती है, तो उसके साथ एक नहीं बल्कि दो परिवार सक्षम होते हैं, लेकिन बुंदेलखंड से एक ऐसी खबर सामने आई है, जो बेहद चौंकाने वाली हैं. राजनगर थाना क्षेत्र में रहने वाली एक महिला को पढ़ना-लिखना इतना महंगा साबित हुआ कि उसके पति ने सिर्फ इसलिए उसे डिवोर्स दे दिया, क्योंकि वह पढ़ी-लिखी हैं. परेशान महिला अपने परिवारवालों के साथ अब पुलिस से मदद की गुहार लगा रही है.
पूरा मामला राजनगर थाना क्षेत्र का है. पीड़िता ने जानकारी देते हुए बताया कि छह साल पहले उसकी शादी जीतेंद्र पटेल से हुई थी. शादी के एक साल तक सब कुछ सामान्य चलता रहा, लेकिन उसके बाद ससुराल पक्ष के लोग लगातार मारपीट और गाली-गलौज करने लगे. इस बीच उससे यह भी कहा जाता रहा कि उन्हें पढ़ी-लिखी बहू नहीं चाहिए थी. उन्हें किसी अनपढ़ लड़की के साथ अपने बेटे की शादी करानी थी. पीड़िता का कहना है कि उसके ससुराल वाले उसे दहेज के लिए लगातार प्रताड़ित करते थे.
पढ़ा-लिखा होना बना मुसीबतपीड़िता ने BCA की डिग्री हासिल की हैं. उसका कहना है कि उसके ससुरालवाले चाहते थे कि उनकी बहू खेत-खलिहान में काम करें. गायों का गोबर उठाए. यह सब करने भी लगी थी. बावजूद इसके उसके पति ने दूसरी शादी कर ली.
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एसपी को दिया आवेदन, मांगी मदद
पीड़िता परिवारवालों के साथ एसपी ऑफिस पहुंची. एसपी सचिन शर्मा को आवेदन देते हुए मदद की गुहार लगाई. वहीं एसपी ने पीड़िता को न्याय का भरोसा दिलाते हुए कार्रवाई की बात कही.
पति ने अनपढ़ लड़की से कर ली शादी
पीड़िता की मानें, तो उसके पति ने अनपढ़ लड़की से बिना बताए दूसरी शादी कर ली.