छतरपुर। जिले की सबसे बड़ी शासकीय अस्पताल में एक बार फिर मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां एक गर्भवती महिला को इलाज के लिए लगभग 6 घंटे इंतजार करना पड़ा. जब पीड़ित महिला के रिश्तेदार मौके पर पहुंचे और हल्ला करना शुरु किया तो उसके बाद आनन-फानन में महिला को भर्ती करके उसका इलाज शुरू कर दिया गया.
दरअसल छतरपुर के राजनगर क्षेत्र से आई रेखा बुंदेला अपने पति और अपने परिजनों के साथ पेट में दर्द होने की वजह से जिला अस्पताल पहुंची. रेखा बुंदेला गर्भ से थी और लगभग 7 महीने का उन्हें गर्भ था. जिला अस्पताल में जिस वक्त रेखा बुंदेला अपना इलाज कराने के लिए पहुंची. उस वक्त जिला अस्पताल में कोई भी महिला डॉक्टर मौजूद नहीं थी. दर्द अधिक होने की वजह से परिजन लगातार परेशान होते रहे.
इसी बीच रेखा बुंदेला को लेकर उसके परिजन एक निजी नर्सिंग होम में उसे दिखाने के लिए ले गए. तभी वहां पर उसे पता चला कि बच्चे की मौत उसके गर्भ में ही हो गई. जिसके तुरंत बाद उसके परिजन एक बार फिर महिला को लेकर जिला अस्पताल ले आए. लेकिन 6 घंटे तक पीड़ित महिला लगातार दर्द से कराहती रही. अस्पताल प्रबंधन ने ना तो उसे भर्ती किया और ना ही उसका इलाज शुरू किया. बाद में जब पीड़ित महिला के रिश्तेदारों ने जिला अस्पताल में हल्ला करना शुरू कर दिया. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने भर्ती कर उसका इलाज शुरू करा दिया.
पीड़िता की ननंद हनी बुंदेला ने जिला अस्पताल की डॉक्टर संगीता चौबे पर गंभीर आरोप लगाए हैं. परिजनों का आरोप है कि संगीता चौबे से ही उनका इलाज चल रहा था. उनके प्राइवेट नर्सिंग होम में जब रेखा को दिखाने पहुंचे तो वहां पता चला की बच्चे की मौत हो गई. जिसके बाद जिला अस्पताल में लेकर आए तो नर्स इस बात को कहने लगी कि जब मैडम ड्यूटी पर आएंगी तब ही इलाज किया जायेगा.