छतरपुर। ये तस्वीरें चिढ़ाती हैं हमारी शिक्षा व्यवस्था को, तमाचा हैं हमारे सिस्टम पर और पोल खोलती हैं सरकार के उन झूठे दावों की जिन्हें वो हर मंच पर करने से बाज नहीं आते. मध्य प्रदेश में नौनिहालों के भविष्य के साथ मजाक किया जा रहा है. एमपी में शिक्षा व्यवस्था की हकीकत की पोल खोलती तस्वीरें छतरपुर के टिकरा गांव से आई हैं.
गांव के बच्चों को स्कूल भवन की जगह उस जगह शिक्षा दी रही है, जहां भूसा भरा हुआ है. गांव में जो स्कूल भवन हैं, वह जर्जर हो चुका है. पहली क्लास से पांचवीं तक पढ़ने वाले स्टूडेंट कहते हैं कि उन्हें भूसा वाले भवन में दिक्कत होती है. सेहत को नुकसान तो हो ही रहा है पढ़ाई में भी मन नहीं लगता.
बच्चों को पढ़ाने वाले परशुराम अहिरवार बताते हैं कि पिछले नौ महीनों से किराये के भवन में स्कूल लग रहा है. वरिष्ठ अधिकारियों ने प्राइवेट बिल्डिंग का किराया 500 रूपये देने की बात कही थी, नौ माह बीत जाने के बाद शिक्षा विभाग की तरफ से एक भी पैसा नहीं दिया गया. ऐसे में बच्चों को पढ़ाने वाले शिक्षक ही किराए का पैसा चुका रहे हैं.
एक तरफ शिक्षा सुधार के लाख दावे किये जा रहे हैं तो दूसरी तरफ देश के भविष्य को भूसे वाले कमरे में ज्ञान दिया जा रहा है. सवाल उठता है कि ऐसे हालातों पर कैसे पढ़ेगा इंडिया और कैसे बढ़ेगा इंडिया.