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पंचतत्व में विलीन हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी काशी प्रसाद महतो, दिया गया गार्ड ऑफ ऑनर - सशस्त्र पुलिस बल

बुंदेलखंड के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी काशी प्रसाद महतो का लंबी बीमारी के चलते सोमवार देर रात निधन हो गया. आज पूरे राजकीय सम्मान के साथ सशस्त्र पुलिस बल द्वारा उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

Freedom fighter fighter Kashi Prasad Mahato merged in Panchatattva
पंचतत्व में विलीन हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी काशी प्रसाद महतो
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Published : Feb 18, 2020, 3:09 PM IST

Updated : Feb 18, 2020, 3:33 PM IST

छतरपुर। बुंदेलखंड के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी 104 वर्षीय काशी प्रसाद महतो का सोमवार देर रात लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया. उनकी अंतिम यात्रा में पुलिस प्रशासन और राजस्व विभाग सहित हजारों की संख्या में शहर के लोग मौजूद रहे.

पंचतत्व में विलीन हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी काशी प्रसाद महतो

काशी प्रसाद महतो के निधन पर पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई. उनके निजी निवास पुरानी सवारी बाजार से अंतिम यात्रा प्रारंभ हुई, जो नए थाने के बगल में स्थित महतो की बगिया पर जाकर पूरे राजकीय सम्मान के साथ सशस्त्र पुलिस बल के द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

पिछले कई महीनों से काशी प्रसाद महतो बीमार थे और सोमवार देर रात साढ़े 9 बजे पर उन्होंने अंतिम सांस ली. गौरतलब है कि उन्होंने पूर्व में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया था कि कैसे उन्होंने अंग्रेजों के द्वारा राजाओं को दिए गए उत्तरदाई शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और सरकार में उनके 3 साथी मंत्री थे. उन्होंने अपने अनुभव ईटीवी भारत से साझा किए थे.

छतरपुर। बुंदेलखंड के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी 104 वर्षीय काशी प्रसाद महतो का सोमवार देर रात लंबी बीमारी के चलते निधन हो गया. उनकी अंतिम यात्रा में पुलिस प्रशासन और राजस्व विभाग सहित हजारों की संख्या में शहर के लोग मौजूद रहे.

पंचतत्व में विलीन हुए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी काशी प्रसाद महतो

काशी प्रसाद महतो के निधन पर पूरे जिले में शोक की लहर दौड़ गई. उनके निजी निवास पुरानी सवारी बाजार से अंतिम यात्रा प्रारंभ हुई, जो नए थाने के बगल में स्थित महतो की बगिया पर जाकर पूरे राजकीय सम्मान के साथ सशस्त्र पुलिस बल के द्वारा गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.

पिछले कई महीनों से काशी प्रसाद महतो बीमार थे और सोमवार देर रात साढ़े 9 बजे पर उन्होंने अंतिम सांस ली. गौरतलब है कि उन्होंने पूर्व में ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए बताया था कि कैसे उन्होंने अंग्रेजों के द्वारा राजाओं को दिए गए उत्तरदाई शासन के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी और सरकार में उनके 3 साथी मंत्री थे. उन्होंने अपने अनुभव ईटीवी भारत से साझा किए थे.

Last Updated : Feb 18, 2020, 3:33 PM IST
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