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जिला अस्पताल में सेवा दे रही पिता, पुत्र और बहु की तिकड़ी, महामारी के पहले दिन से मरीजों का कर रहे इलाज

छतरपुर जिला अस्पताल में पिता, पुत्र और बहु की तिकड़ी लगातार मरीजों की सेवा कर रही है. महामारी के पहले दिन अस्पताल में पदस्थ यह डॉक्टर्स मरीजों का इलाज कर रहे हैं.

father son and daughter in law doing service in the district hospital chhatarpur
पिता, पुत्र और बहु की तिकड़ी कर रही कमाल
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Published : May 30, 2021, 1:51 AM IST

Updated : May 30, 2021, 9:20 AM IST

छतरपुर। कोरोना महामारी में देश के डॉक्टरों ने लंबी लड़ाई लड़ी है. वहीं उनकी यह जंग अब भी जारी है. तमाम परेशानियों के बाद भी डॉक्टर्स लगातार फील्ड पर डटे हुए हैं. वहीं छतरपुर में एक ऐसा परिवार भी है, जिसके सदस्यों ने कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया. दरअसल जिला अस्पताल में एक ही परिवार के तीन डॉक्टर्स पदस्थ हैं, जो कोरोनाकाल के पहले दिन से अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे हैं. शुरू से लेकर अभी तक इन्होंने एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली.

परिवार के तीन सदस्य जिला अस्पताल में कर रहे ड्यूटी

डॉ.मुकेश प्रजापति, उनकी पत्नी डॉ.आरती तिवारी और उनके पिता मोहन लाल प्रजापति इस सराहनीय कार्य में लगे हुए हैं. इस दौरान पिछले एक साल से उन्होंने अपने परिवार और बच्चों तक से दूरी बना ली है. ताकि संक्रमण की जद में परिवार के अन्य सदस्य न आएं. बता दें, डॉ.मुकेश प्रजापति चाइल्ड स्पेशलिस्ट, डॉ.आरती प्रजापति स्त्री रोग विशेषज्ञ तो वहीं मोहन प्रजापति स्वास्थ्य फील्ड कर्मचारी हैं. पिता, पुत्र और बहू की यह तिकड़ी ने अनोखी मिसाल पेश की है.

1 साल के बेटा होने के बाद भी निभा रहीं फर्ज

डॉ.मुकेश की पत्नी डॉ.आरती तिवारी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. उनका एक साल का बेटा भी है. बावजूद इसके वह जिला अस्पताल में लगातार अपनी ड्यूटी कर रही हैं. डॉक्टर आरती तिवारी बताती हैं कि महामारी के दौर में जितना संभव हो सका उन्होंने और उनके पति ने अपनी सेवाएं दी. डॉ.आरती ने बताया कि उनके ससुर भी स्वास्थ्य कर्मी हैं. वह भी लगातार लोगों को अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन महामारी के इस दौर में भी वह अपना फर्ज लगातार निभा रहीं हैं. रोजाना अस्पताल जाती हैं उसके बाद बच्चे को भी संभालती हैं. बेटा छोटा होने के कारण सुरक्षा का भी खास ख्याल रखना होता है. इसलिए वह अपने बेटे से थोड़ी दूरी ही बनाई रखती हैं.

कोरोना से डॉ.आरती की मां की मौत

कोरोना महामारी में लोग इस पीड़ा से गुजर रहे हैं यह भी डॉ.आरती से बेहतर कौन जानता होगा. दरअसल कुछ दिन पहले ही डॉ.आरती की मां की मौत कोरोना से हुई थी. जिसके लेकर वह बताती है कि, 'बीमारी का दर्द क्या होता है यह हमने बेहद नजदीक से देखा है. कोरोना से मेरी मां की मौत हो गई, यही वजह है कि हम लोग इस बीमारी से लोगों को सावधान रहने के लिए कहते हैं और जितनी मदद हो सके उतनी करते हैं.'

जब अपनों ने मोड़ा मुंह तो 'मोक्ष' बना परिवार, पेश की इंसानियत की मिसाल

लोगों की सेवा करने मिलती है खुशी

डॉ.मुकेश प्रजापति जिला अस्पताल में चाइल्ड स्पेशलिस्ट के पद पर पदस्थ हैं. और पिछले 1 साल से कोविड-19 में लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं. डॉ.मुकेश प्रजापति का कहना है कि इससे पहले उनकी ड्यूटी कोविड वॉर्ड में थी, लेकिन अब उन्हें वैक्सीनेशन का प्रभारी बनाया गया है. डॉ.मुकेश कहते हैं कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उनका परिवार महामारी के दौर में लोगों की मदद कर पा रहा है.

छतरपुर। कोरोना महामारी में देश के डॉक्टरों ने लंबी लड़ाई लड़ी है. वहीं उनकी यह जंग अब भी जारी है. तमाम परेशानियों के बाद भी डॉक्टर्स लगातार फील्ड पर डटे हुए हैं. वहीं छतरपुर में एक ऐसा परिवार भी है, जिसके सदस्यों ने कोरोना मरीजों का इलाज करने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया. दरअसल जिला अस्पताल में एक ही परिवार के तीन डॉक्टर्स पदस्थ हैं, जो कोरोनाकाल के पहले दिन से अस्पताल में अपनी सेवा दे रहे हैं. शुरू से लेकर अभी तक इन्होंने एक दिन की भी छुट्टी नहीं ली.

परिवार के तीन सदस्य जिला अस्पताल में कर रहे ड्यूटी

डॉ.मुकेश प्रजापति, उनकी पत्नी डॉ.आरती तिवारी और उनके पिता मोहन लाल प्रजापति इस सराहनीय कार्य में लगे हुए हैं. इस दौरान पिछले एक साल से उन्होंने अपने परिवार और बच्चों तक से दूरी बना ली है. ताकि संक्रमण की जद में परिवार के अन्य सदस्य न आएं. बता दें, डॉ.मुकेश प्रजापति चाइल्ड स्पेशलिस्ट, डॉ.आरती प्रजापति स्त्री रोग विशेषज्ञ तो वहीं मोहन प्रजापति स्वास्थ्य फील्ड कर्मचारी हैं. पिता, पुत्र और बहू की यह तिकड़ी ने अनोखी मिसाल पेश की है.

1 साल के बेटा होने के बाद भी निभा रहीं फर्ज

डॉ.मुकेश की पत्नी डॉ.आरती तिवारी स्त्री रोग विशेषज्ञ हैं. उनका एक साल का बेटा भी है. बावजूद इसके वह जिला अस्पताल में लगातार अपनी ड्यूटी कर रही हैं. डॉक्टर आरती तिवारी बताती हैं कि महामारी के दौर में जितना संभव हो सका उन्होंने और उनके पति ने अपनी सेवाएं दी. डॉ.आरती ने बताया कि उनके ससुर भी स्वास्थ्य कर्मी हैं. वह भी लगातार लोगों को अपनी स्वास्थ्य सेवाएं दे रहे हैं. लेकिन महामारी के इस दौर में भी वह अपना फर्ज लगातार निभा रहीं हैं. रोजाना अस्पताल जाती हैं उसके बाद बच्चे को भी संभालती हैं. बेटा छोटा होने के कारण सुरक्षा का भी खास ख्याल रखना होता है. इसलिए वह अपने बेटे से थोड़ी दूरी ही बनाई रखती हैं.

कोरोना से डॉ.आरती की मां की मौत

कोरोना महामारी में लोग इस पीड़ा से गुजर रहे हैं यह भी डॉ.आरती से बेहतर कौन जानता होगा. दरअसल कुछ दिन पहले ही डॉ.आरती की मां की मौत कोरोना से हुई थी. जिसके लेकर वह बताती है कि, 'बीमारी का दर्द क्या होता है यह हमने बेहद नजदीक से देखा है. कोरोना से मेरी मां की मौत हो गई, यही वजह है कि हम लोग इस बीमारी से लोगों को सावधान रहने के लिए कहते हैं और जितनी मदद हो सके उतनी करते हैं.'

जब अपनों ने मोड़ा मुंह तो 'मोक्ष' बना परिवार, पेश की इंसानियत की मिसाल

लोगों की सेवा करने मिलती है खुशी

डॉ.मुकेश प्रजापति जिला अस्पताल में चाइल्ड स्पेशलिस्ट के पद पर पदस्थ हैं. और पिछले 1 साल से कोविड-19 में लगातार अपनी सेवाएं दे रहे हैं. डॉ.मुकेश प्रजापति का कहना है कि इससे पहले उनकी ड्यूटी कोविड वॉर्ड में थी, लेकिन अब उन्हें वैक्सीनेशन का प्रभारी बनाया गया है. डॉ.मुकेश कहते हैं कि उन्हें इस बात की खुशी है कि उनका परिवार महामारी के दौर में लोगों की मदद कर पा रहा है.

Last Updated : May 30, 2021, 9:20 AM IST
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