छतरपुर। विश्व पर्यटक स्थल खजुराहो में उस समय हड़कंप मच गया जब चीन से आए दो पर्यटकों के पास एक प्रतिमा मिली. बताया जा रहा है कि प्रतिमा चंदेलकालीन है. जानकारी लगते ही मौके पर पुलिस प्रशासन पहुंच गया और पर्यटकों से पूछताछ शुरू कर दी. घंटों चली पूछताछ के बाद आखिरकार पुलिस ने पर्यटकों को छोड़ते हुए कहा कि विदेशी पर्यटकों की प्रतिमा को चोरी करने की कोई मंशा नहीं थी.
मिली जानकारी के अनुसार चीन से आए 2 विदेशी पर्यटक पश्चिमी मंदिर समूह घूमने के लिए अंदर गए थे मंदिरों को घूमने के बाद जब दोनों विदेशी पर्यटक मंदिर प्रांगण से बाहर निकल रहे थे तभी सुरक्षा में तैनात सुरक्षाकर्मियों ने हमेशा की तरह बैग तलाशने शुरू कर दिए. इस तलाशी के दौरान उन्हें विदेशी पर्यटकों के बैग से एक प्राचीनतम प्रतिमा मिली. जिसके बाद उन्होंने तुरंत अपने उच्च अधिकारियों सहित पुलिस अमले को सूचना कर दी. जानकारी लगते ही सुरक्षाकर्मियों के उच्च अधिकारियों के अलावा खजुराहो थाना प्रभारी सहित पुलिस बल मौके पर पहुंच गया और दोनों विदेशी पर्यटकों को अपने साथ थाने ले गया घंटों चली पूछताछ के बाद पुलिस ने दोनों विदेशी पर्यटकों को छोड़ दिया.
थाना प्रभारी रविंद्र बागरी का कहना है कि पर्यटकों की मनसा प्रतिमा की चोरी करना नहीं थी थाना प्रभारी ने बताया कि पूछताछ में दोनों विदेशी पर्यटकों ने बताया कि उन्हें यह प्रतिमा सड़क किनारे जली हुई मिली थी जिसके बाद उन्होंने से उठाकर अपने बैग में डाल दिया और चेकिंग के दौरान यही प्रतिमा सुरक्षाकर्मियों को मिल गई. दोनों से घंटों पूछताछ की गई मौके पर पुरातत्व विभाग के अधिकारियों को भी बुलाया गया था. जब सभी लोग सहमत हुए और यह बात समझ में आई कि इनकी मंशा किसी भी प्रकार से प्रतिमा की चोरी करना एवं तस्करी करना नहीं था जिसके बाद उन्हें छोड़ दिया गया.
जिस प्रतिमा को विदेशी पर्यटकों से जप्त किया गया है वह प्राचीनतम एवं जैन धर्म की बताई जाती है लोगों का कहना है कि यह तस्करी का मामला हो सकता है लेकिन पुलिस प्रशासन ने इस पूरे मामले को सिरे से खारिज कर दिया है. वहीं खजुराहो संग्रहालय के अधीक्षक केके वर्मा ने पूरे मामले में किसी भी प्रकार की कोई शिकायत नहीं की.