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जन्म देने वाली मां ने ठुकराया, अब मिल रहा 18 मां का प्यार - जिला अस्पताल

छतरपुर में एक अनोखा मामला सामने आया है, जहां एक बच्ची को उसकी मां ने मरने के लिए छोड़ दिया. आज उसे 18 मांओं का प्यार मिल रहा है. बच्ची को जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड ने गोद ले लिया है.

Girl received unclaimed love of 18 mothers
लावारिश मिली बच्ची को मिल रहा 18 मां का प्यार
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Published : Jan 24, 2020, 11:23 PM IST

Updated : Jan 24, 2020, 11:59 PM IST

छतरपुर । जिले में एक अनोखा मामला देखने को मिला है, जहां जन्म देने वाली मां ने अपनी नवजात बेटी को मरने के लिए छोड़ दिया, जिसके बाद बच्ची को जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड ने गोद ले लिया. इस बच्ची को जन्म देने वाली मां का प्यार भले ही ना मिला हो, परंतु अब उसे एक साथ 18 मांओं का प्यार मिल रहा है.

लावारिश मिली बच्ची को मिल रहा 18 माँओं का प्यार

18 दिसंबर को सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव के खेत के नाले से इस नवजात बच्ची को बरामद किया गया था. जिस समय यह बच्ची नाली में पड़ी जिंदगी और मौत से जूझ रही थी, उस समय काफी ठंड पड़ रही थी. उस परिस्थिति में ये छोटी बच्ची मौत को मात देकर जिंदगी की सांसें लेती रही. सुबह जब एक किसान ने बच्चे की रोने की आवाज सुनी तो उसने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस उसे जिला अस्पताल ले आई. बच्ची घायल थी और ठंड में रहने की वजह से गंभीर रूप से बीमार भी हो गई थी. आनन-फानन में नवजात बच्ची को जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया. हालत गंभीर होने की वजह से कई दिनों तक बच्ची को डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया.

इस बीच इलाज करने वाले डॉक्टरों और नर्सों ने बच्ची को गोद लेने का फैसला कर लिया. धीरे-धीरे उसका स्वास्थ्य बेहतर होने लगा. इसी बीच डॉक्टरों ने उसे "श्री" नाम दिया. एसएनसीयू वार्ड में कुल 18 नर्स हैं, जो इस बच्ची को अपनी बेटी की तरह प्यार करती हैं.

एसएनसीयू में पदस्थ डॉक्टर ऋषि द्विवेदी बताते हैं कि वह इस बच्ची को अपने परिवार के सदस्य की तरह प्यार करते हैं. हम सभी उसका बेहद ख्याल रखते हैं. उसके खाने-पीने से लेकर समय पर खेलने का भी ध्यान रखा जाता है. डॉक्टर का कहना है कि जिस समय यह बच्ची उन्हें मिली थी, उस समय उसकी हालत बेहद गंभीर थी. वजन बहुत कम था. अब वह धीरे-धीरे स्वस्थ हो रही है.

छतरपुर । जिले में एक अनोखा मामला देखने को मिला है, जहां जन्म देने वाली मां ने अपनी नवजात बेटी को मरने के लिए छोड़ दिया, जिसके बाद बच्ची को जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड ने गोद ले लिया. इस बच्ची को जन्म देने वाली मां का प्यार भले ही ना मिला हो, परंतु अब उसे एक साथ 18 मांओं का प्यार मिल रहा है.

लावारिश मिली बच्ची को मिल रहा 18 माँओं का प्यार

18 दिसंबर को सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव के खेत के नाले से इस नवजात बच्ची को बरामद किया गया था. जिस समय यह बच्ची नाली में पड़ी जिंदगी और मौत से जूझ रही थी, उस समय काफी ठंड पड़ रही थी. उस परिस्थिति में ये छोटी बच्ची मौत को मात देकर जिंदगी की सांसें लेती रही. सुबह जब एक किसान ने बच्चे की रोने की आवाज सुनी तो उसने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस उसे जिला अस्पताल ले आई. बच्ची घायल थी और ठंड में रहने की वजह से गंभीर रूप से बीमार भी हो गई थी. आनन-फानन में नवजात बच्ची को जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया. हालत गंभीर होने की वजह से कई दिनों तक बच्ची को डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया.

इस बीच इलाज करने वाले डॉक्टरों और नर्सों ने बच्ची को गोद लेने का फैसला कर लिया. धीरे-धीरे उसका स्वास्थ्य बेहतर होने लगा. इसी बीच डॉक्टरों ने उसे "श्री" नाम दिया. एसएनसीयू वार्ड में कुल 18 नर्स हैं, जो इस बच्ची को अपनी बेटी की तरह प्यार करती हैं.

एसएनसीयू में पदस्थ डॉक्टर ऋषि द्विवेदी बताते हैं कि वह इस बच्ची को अपने परिवार के सदस्य की तरह प्यार करते हैं. हम सभी उसका बेहद ख्याल रखते हैं. उसके खाने-पीने से लेकर समय पर खेलने का भी ध्यान रखा जाता है. डॉक्टर का कहना है कि जिस समय यह बच्ची उन्हें मिली थी, उस समय उसकी हालत बेहद गंभीर थी. वजन बहुत कम था. अब वह धीरे-धीरे स्वस्थ हो रही है.

Intro: छतरपुर जिले में एक अनोखा मामला देखने को मिला है जहां जन्म देने वाली मां ने अपनी नवजात बेटी को मरने के लिए छोड़ दिया जिसे जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में गोद ले लिया इस बच्ची को जन्म देने वाली मां का प्यार ना मिला हो अब उस बच्ची को एक साथ 18 माँओं का प्यार मिल रहा है!


Body: कहते हैं दुनिया में मां का दर्जा सबसे बड़ा होता है लेकिन जब एक जन्म देने वाली माही अपनी बेटी को मरने के लिए छोड़ दें तो ऐसी मां को आप क्या कहेंगे छतरपुर जिले में ठीक 1 महीने पहले एक ऐसा ही मामला सामने आया था!

दिसंबर की 18 तारीख को सिविल लाइन थाना क्षेत्र के एक गांव के खेत के नाले से एक नवजात बच्ची को बरामद किया गया था जिस समय यह बच्ची नाली में पड़ी जिंदगी और मौत से जूझ रही थी उस समय जिले में सबसे अधिक ठंडी पड़ रही थी ऐसे में यह छोटी बच्ची मौत को मात देकर जिंदगी की सांसे लेती रही और सुबह जब एक किसान ने बच्चे की रोने की आवाज सुनी तो उसने पुलिस को सूचना दे दी जिसके बाद पुलिस उसे जिला अस्पताल ले आई बच्ची घायल थी ठंडी में रहने की वजह से वह गंभीर रूप से बीमार भी हो गई थी आनन-फानन में नवजात बच्ची को जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया हालत गंभीर होने की वजह से कई दिनों तक बच्ची को डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया इस बीच इलाज करने वाले डॉक्टरों एवं नर्सों ने बच्ची को गोद लेने का फैसला कर लिया कुछ दिन बाद बच्ची का स्वास्थ्य बेहतर होने लगा इसी बीच डॉक्टरों ने उसे एक नाम "श्री" दे दिया! एसएनसीयू वार्ड में कुल 18 नर्स से हैं एवं एक प्रभारी डॉ भी जो इस बच्ची को अपनी बेटी की तरह प्यार करते हैं!

यह सभी लोग इस बच्ची का खाने-पीने से लेकर तमाम चीजों का ठीक उसी तरह ख्याल रखते हैं जिसे परिवार के लोग किसी छोटे बच्चे का!

एसएनसीयू में पदस्थ डॉक्टर ऋषि द्विवेदी बताते हैं कि वह इस बच्ची को अपने परिवार के सदस्य की तरह प्यार करते हैं बाढ़ की तमाम नर से भी ठीक उसे वैसा ही प्यार करते हैं जैसे कि वह अपने परिवार के किसी सदस्य को करते होंगे हम सभी उसका बेहद ख्याल रखते हैं उसके खाने-पीने से लेकर समय पर खेलने का भी ध्यान हम सभी लोग रखते हैं डॉक्टर का कहना है कि जिस समय यह बच्ची उन्हें मिली थी उस समय उसकी हालत बेहद गंभीर थी वजन बहुत कम था लगभग 1 किलो के आसपास बच्ची का वजन होने की वजह से उसका ठीक से इलाज भी नहीं हो पा रहा था लेकिन आज उसका वजन लगभग 2 किलो से ज्यादा है बच्ची धीरे-धीरे स्वस्थ हो रही है हम सभी मिलकर उसका न सिर्फ खान रखते हैं बल्कि यह भी कोशिश करते हैं कि उसे यहां किसी प्रकार की कोई तकलीफ ना हो!

बाइट_डॉक्टर ऋषि द्वेदी पदस्थ डॉक्टर

एसएनसीयू वार्ड में पदस्थ गायत्री रैकवार बताती हैं कि वह इस बच्ची को अपनी बेटी की तरह प्यार करती हैं उनके अलावा भी तमाम नर से उसे ठीक वैसे ही प्यार देती हैं जैसे वह अपने परिवार की देखभाल करती हैं!

बाइट_गायत्री नामदेव_नर्स





Conclusion: जन्मदिन के बाद जहां जन्म देने वाली मां ने ही बच्ची को मरने के लिए छोड़ दिया था अब उसी बच्ची को 18 माँओं का एक साथ प्यार मिल रहा है!
Last Updated : Jan 24, 2020, 11:59 PM IST
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