छतरपुर । जिले में एक अनोखा मामला देखने को मिला है, जहां जन्म देने वाली मां ने अपनी नवजात बेटी को मरने के लिए छोड़ दिया, जिसके बाद बच्ची को जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड ने गोद ले लिया. इस बच्ची को जन्म देने वाली मां का प्यार भले ही ना मिला हो, परंतु अब उसे एक साथ 18 मांओं का प्यार मिल रहा है.
18 दिसंबर को सिविल लाइन थाना क्षेत्र अंतर्गत एक गांव के खेत के नाले से इस नवजात बच्ची को बरामद किया गया था. जिस समय यह बच्ची नाली में पड़ी जिंदगी और मौत से जूझ रही थी, उस समय काफी ठंड पड़ रही थी. उस परिस्थिति में ये छोटी बच्ची मौत को मात देकर जिंदगी की सांसें लेती रही. सुबह जब एक किसान ने बच्चे की रोने की आवाज सुनी तो उसने पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस उसे जिला अस्पताल ले आई. बच्ची घायल थी और ठंड में रहने की वजह से गंभीर रूप से बीमार भी हो गई थी. आनन-फानन में नवजात बच्ची को जिला अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती किया गया. हालत गंभीर होने की वजह से कई दिनों तक बच्ची को डॉक्टरों की देखरेख में रखा गया.
इस बीच इलाज करने वाले डॉक्टरों और नर्सों ने बच्ची को गोद लेने का फैसला कर लिया. धीरे-धीरे उसका स्वास्थ्य बेहतर होने लगा. इसी बीच डॉक्टरों ने उसे "श्री" नाम दिया. एसएनसीयू वार्ड में कुल 18 नर्स हैं, जो इस बच्ची को अपनी बेटी की तरह प्यार करती हैं.
एसएनसीयू में पदस्थ डॉक्टर ऋषि द्विवेदी बताते हैं कि वह इस बच्ची को अपने परिवार के सदस्य की तरह प्यार करते हैं. हम सभी उसका बेहद ख्याल रखते हैं. उसके खाने-पीने से लेकर समय पर खेलने का भी ध्यान रखा जाता है. डॉक्टर का कहना है कि जिस समय यह बच्ची उन्हें मिली थी, उस समय उसकी हालत बेहद गंभीर थी. वजन बहुत कम था. अब वह धीरे-धीरे स्वस्थ हो रही है.